डीएसपी मर्डर केस में राजा भैया की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने फिर शुरु की जांच

प्रतापगढ़। जिले के हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर में वर्ष 2013 में हुए सीओ जियाउल हक समेत तिहरे हत्याकांड के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा सीबीआई को पुन: जांच के आदेश के बाद बलीपुर में एक बार फिर सीबीआई ने दस्तक दे दी है। इससे प्रतापगढ़ जिले की आबोहवा में सरगर्मी बढ़ जाने के साथ-साथ राजा भैया की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

कुण्डा के डिप्टी एसपी जियाउल हक की 2 मार्च, 2013 की रात हथिगवां के बलीपुर गांव में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। वह बलीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद बवाल और आगजनी की सूचना मिलने पर वहां पहुंचे थे। डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुण्डा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत अन्य को नामजद किया गया था। सीबीआई ने बलीपुर हत्याकांड की जांच के बाद राजा भैया और उस समय उनके करीबी रहे गुलशन यादव और अन्य को क्लीन चिट दे दी थी।

इसके बाद सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक आरोपी द्वारा जेल से लिखे गए पत्र को आधार बनाकर राजा भैया की भूमिका की पुनः जांच की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को बहाल कर दिया है।

हत्याकांड में ट्रायल कोर्ट ने रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनके सहायक के विरुद्ध सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने का आदेश दिया था। इसी क्रम में बीते बुधवार को सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम यहां पहुंची थी। सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम के कुण्डा में होने की जानकारी होते ही हड़कम्प मचा रहा। प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि सीबीआई कुण्डा आई थी। इसके बाद कोई जानकारी नहीं है। हालांकि जानकार सूत्र बताते हैं कि सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम के कुंडा आने से लेकर उनकी जांच पड़ताल की पूरी कार्रवाई को अति गोपनीय रखने के साथ खासकर मीडिया से दूर रखा जा रहा है।

हमले के दौरान क्यों सीओ को छोड़ भागे पुलिसकर्मी-  सीबीआई

वर्ष 2013 में हुए उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित सीओ जियाउल हत्याकांड को लेकर प्रतापगढ़ में सीबीआई टीम ने कई दिनों से डेरा डाल दिया है। सीबीआई टीम ने पिछले दिनों हुई पूछताछ के बाद पुनः प्रतापगढ़ में डेरा डाला है। 18 अक्टूबर 2023 को दिन भर चली पूछताछ के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष हथिगवां समेत पुलिस कर्मियों से भी सीबीआई टीम ने पूछे सवाल और उनकी गतिविधियों को जाना।

तब से लेकर अब तक सीबीआई टीम अलग-अलग समयों पर पूछताछ के साथ ही डिप्टी एसपी जियाउल हक पर हमले के बाद पुलिस कर्मियों द्वारा उनको छोड़कर चले आने पर कड़े चुभते हुए सवाल किए हैं, जिसके जबाब देना पुलिसकर्मियों को भारी पड़ रहे थे। सीबीआई का यह सबसे अहम सवाल रहा है, जिसने पुलिसकर्मियों की धुकधुकी बढ़ा दिया है।

प्रतापगढ़ पहुंची सीबीआई

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर में वर्ष 2013 में हुए बहुचर्चित सीओ जियाउल हक समेत तिहरे हत्याकांड के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा सीबीआइ को पुन: जांच के आदेश के मिलने के बाद सीओ जियाउल हक हत्याकांड से जुड़े तथ्यों की जांच करने सीबीआई टीम बीते बुधवार को घटनास्थल बलीपुर गई थी। जहां का दौरा करने के बाद गुरुवार को सीबीआई टीम पुलिस लाइन पहुंची। टीम ने गेस्ट हाउस में महोबा में तैनात इंस्पेक्टर मनोज शुक्ल (तत्कालीन हथिगवां थानाध्यक्ष) समेत तत्कालीन पुलिस कर्मियों समेत अन्य लोगों से दिन भर पूछताछ किया। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल बना होने के साथ-साथ प्रतापगढ़ खासकर के कुंडा की राजनीतिक सरगर्मियां में सीबीआई टीम के पुनः आने और जांच को ही लेकर चर्चे होते रहे हैं।

कुंडा के बलीपुर में 02 मार्च 2013 को हुए इस तिहरे हत्याकांड में पूर्व मंत्री एवं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की भूमिका की जांच का फिर से आदेश शीर्ष अदालत ने दिया है। कुंडा के सीओ रहे जियाउल हक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, वह उस रात हथिगवां के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद हालात को नियंत्रित करने गए थे। उनकी पिटाई के बाद गोलियां भी मारी गईं थीं। हत्याकांड में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत अन्य को भी साजिश में नामजद किया गया था।

सीबीआई ने जांच के बाद रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उस वक्त उनके करीबी रहे गुलशन यादव और कुछ अन्य को क्लीन चिट दे दी थी। इसके खिलाफ मृतक सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने कोर्ट की शरण ली थी। उन्होंने घटना के एक आरोपी द्वारा जेल से लिखे गए पत्र को आधार बनाते हुए राजा भैया की भूमिका की जांच पुनः करने का आग्रह किया था।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से मिले आदेश पर सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम बीते बुधवार को यहां पहुंची थी और यहां आते ही साक्ष्य संकलन में जुट गई। सीबीआई टीम सीओ हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए लोगों को लेकर पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस में आती रही और पूछताछ के बाद कब और कहां छोड़ा कोई जान भी नहीं सका। सूत्रों से पता चला कि सीबीआई टीम ने घटना वाली रात डिप्टी एसपी के साथ रहे पुलिस कर्मियों द्वारा हमला होने पर उनको छोड़कर चले आने का सवाल दागा। अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किए।

मजे कि बात है कि सीबीआई टीम कब कहां किससे पूछताछ जांच कर रही है पुरी तरह से गोपनीय रखा जा रहा है। खुद प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल बताते है कि “हथिगवां कांड मामले में सीबीआई टीम जांच कर रही है। किन लोगों से पूछताछ हो रही है। किससे क्या बात कर रही है कोई जानकारी नहीं है।

राजा भैया की भूमिका की भी जांच कर रही सीबीआई

बहुचर्चित सीओ जियाउल हक समेत तिहरे हत्याकांड की जांच सीबीआई दोबारा कर रही है। इस कांड में शीर्ष अदालत के निर्देश पर राजा भैया की भूमिका की जांच कर रही सीबीआई टीम तीसरे दिन 20 अक्टूबर को बलीपुर गांव पहुंची थी। घटना स्थल का मुआयना कर कई लोगों से पूछताछ किया। इस दौरान गांव में सीबीआई टीम के आने को लेकर पूरी तरह से सियापा छा गया था। चारों तरफ यूं खामोशी फैल गई थी मानों गांव में कोई नहीं है। लोग घरों से बाहर निकलने में भी हिचक खा रहे थे। लोगों में डर था कि कहीं सीबीआई टीम उनसे न कोई सवाल न कर बैठे। सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने 18 अक्टूबर से ही हथिगवां के बलीपुर का दौरा करने के बाद दुसरे दिन गुरुवार को पुलिस लाइन पहुंची थी। गेस्ट हाउस में पूरे दिन पूछताछ जारी रहा है।

राजा भैया की भूमिका की भी जांच कर रही सीबीआई

02 मार्च 2013 की रात कुंडा में हथिगवां के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद बिगड़ रहे गांव के हालात को नियंत्रित करने गए कुंडा सीओ जियाउल हक को भीड़ द्वारा घेरे जाने के बाद मौके से तत्कालीन हथिगवां थानाध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ल समेत पुलिसकर्मी भाग निकले थे। ऐसे लोगों से भी टीम ने सवाल किए। घटनाक्रम से जुड़े सवालों से लोगों में हड़कम्प मचा रहा। बयान देने वालों में ज्यादातर लोगों ने पहले दिए गए बयानों को ही दोहराया।

वर्ष 2013 में घटित बलीपुर कांड ने राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी थी। उस समय तत्कालीन सपा सरकार में खाद्य एवं रसद मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम भी इस मामले में आया था। उन्होंने अपने ऊपर आरोप लगने पर मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में सीबीआई द्वारा उन्हें (राजा भैया) क्लीन चिट देने पर सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी तो कोर्ट ने बलीपुर कांड में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की भूमिका को फिर से जांचने का आदेश दे दिया।

इसी क्रम में सीबीआई पिछले कुछ दिनों से प्रतापगढ़ में डेरा डाले हुए है। जांच के क्रम में तीसरे दिन हथिगवां के बलीपुर में गांव पहुंची सीबीआई टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मृतक प्रधान नन्हे यादव के कालेज में सीबीआई टीम काफी देर तक डटी रही। सीबीआई की दस्तक से गांव में सन्नाटा भरा माहौल रहा है।

गांव में सन्नाटा, ग्रामीणों ने साधी चुप्पी

कुंडा में खासकर हथिगवां के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद बिगड़े हालात और सीओ जियाउल हक समेत तीन की हत्या को हुए भले ही एक दशक से ज्यादा समय बीतने को हैं, लेकिन इसका खौफ मानों आज भी गांव में बना हुआ है। सीबीआई टीम द्वारा पुनः जांच शुरू किए जाने की खबर से गांव में सन्नाटा पसर गया है। ग्रामीण पहले तो इस मसले पर कुछ भी बोलने, कहने से साफ़ साफ़ बचते हैं, यदि साहस किया भी तो नपे तुले शब्दों में बात करते हैं।

हर किसी में बस इसी बात का खौफ है कि कहीं वह सीबीआई के रडार पर न आ जाए। कुंडा से हथिगवां बलीपुर जाने वाले मार्ग पर भी सन्नाटा दूर से ही नजर आ रहा है। आने-जाने वाले दूर से ही गांव की ओर जाने वाले रास्ते की ओर उंगली से इशारा तो कर देते हैं, लेकिन गांव में हुई हत्या के बावत जानकारी चाहने पर वह हमें कुछ नहीं पता। गांव में जाकर पूछ लीजिए कहते हुए साफ तौर पर बच निकलते हैं।

बदले-बदले हुए हैं तब और अब के हालात

बीते ग्यारह वर्षों में प्रतापगढ़ कुंडा, विशेषकर बलीपुर गांव में काफी कुछ बदलाव हुआ है, यदि कुछ नहीं बदला है, लोग नहीं भूले हैं तो वह मंजर जिसे देख चुके सुन चुके हैं। गांव की गलियों की सूरत बदलनी, आबोहवा बदली है। समय और हालत भी बहुत कुछ बदल उठे हैं। लोग बहुत कुछ भूले भी हैं, लेकिन यदि कुछ नहीं भूले हैं तो वह दिल को दहला देने वाला मंज़र। गांव के बड़े बुजुर्ग दबी जुबान उस मंजर हालत को याद कर ही सिहर उठते हैं। हालांकि कोई कुछ खुल कर बोलना नहीं चाहता है और ना ही कैमरे के सामने आना चाहता है।

(कुंडा, प्रतापगढ़ से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट।)

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