संजॉय घोष मीडिया पुरस्कार 2023 का ऐलान, 31 अक्टूबर तक कर सकते हैं आवेदन

नई दिल्ली। सामाजिक मुद्दों पर आधारित देश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लेखकों के शोधपरक आलेख को मंच प्रदान करने वाले प्रतिष्ठित ‘संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2023″ की घोषणा चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क, दिल्ली द्वारा कर दी गई है। इस पहल का उद्देश्य स्वतंत्र लेखकों, स्वतंत्र शोधकर्ताओं, सामाजिक प्रवक्ताओं और युवा लीडरों के उत्कृष्ट काम की पहचान करना है जो ग्रामीण समुदायों में युवा कन्याओं और महिलाओं को सशक्त करने में संजीवनी कार्य कर रहे हैं।

ये पुरस्कार चरखा के कल्पनाशील संस्थापक संजॉय घोष को श्रद्धांजलि स्वरूप हैं, जिन्होंने नवाचारी मीडिया विधाओं के माध्यम से हाशिये के ग्रामीण समुदायों को सामाजिक और आर्थिक समावेश का समर्थन करने में अपना जीवन समर्पित किया। इन पुरस्कारों ने दो दशकों के दौरान स्थायी परिवर्तन के लिए प्रभावशाली मॉडल्स स्थापित करने के लिए समर्पित विकास संवादों के समुदाय को पोषित किया है। पुरस्कार विजेता विचारों को आत्मसमर्पण करने के लिए मिलते हैं, जिससे एक कल्पनाशील, उत्तरदात्मक और सामाजिक भावनाशील मीडिया की रचना होती है- लोकतंत्र का चौथा स्तंभ।

पुरस्कारों के वर्ग और विषय

इस साल, संजॉय घोष मीडिया पुरस्कार दो वर्गों में विभाजित है, जिनका उद्देश्य ग्रामीण पत्रकारिता और युवा आवाजों को सशक्त करने में उत्कृष्टता की पहचान करना हैं।

वर्ग 1: ग्रामीण रिपोर्टिंग पुरस्कार

वर्ग 1 ग्रामीण पत्रकारिता पुरस्कार का उद्देश्य फ्रीलांस लेखकों के उत्कृष्ट काम की पहचान करने के लिए है। इसका उद्देश्य उन लोगों की पहचान और सम्मान करना है जिन्होंने ग्रामीण भारत के महत्वपूर्ण विषयों पर गहन कार्य किया है। 

इस श्रेणी में निम्नलिखित विषय शामिल हैं- ग्रामीण भारत में युवा कन्याओं और महिलाओं के खिलाफ लैंगिक हिंसा, ग्रामीण भारत में युवा कन्याओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, ग्रामीण भारत में महिला उद्यमिता, ग्रामीण भारत में किशोरियों के सशक्तिकरण में खेल की भूमिका एवं चुनौतियां, और ग्रामीण भारत में किशोरियों को सशक्त करने में डिजिटल साक्षरता की भूमिका।

1 मई 2022 से 31 जुलाई 2023 के बीच किसी भी भारतीय (राष्ट्रीय या क्षेत्रीय) समाचार पत्र, मैगजीन, या वेबसाइट पर इन विषयों में से किन्ही भी विषय पर प्रकाशित लेखों को इस वर्ग के लिए विचार किया जाएगा।

वर्ग 1: ग्रामीण रिपोर्टिंग पुरस्कार के अंतर्गत दो पुरस्कारों में प्रत्येक विजेता को एक प्रमाण पत्र और 50,000/- रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

वर्ग 2: युवा किशोरी पत्रकारिता पुरस्कार

पुरस्कारों की यह श्रेणी गैर-लाभकारी संगठनों से जुड़ी युवा किशोरियों को सामाजिक कार्यकर्ता/नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए है।

इस श्रेणी में निम्नलिखित विषय शामिल हैं – ग्रामीण भारत में युवा कन्याओं और महिलाओं के खिलाफ लैंगिक हिंसा, डिजिटल साक्षरता और इसके पर किशोरियों को सशक्त करने पर प्रभाव, ग्रामीण भारत में किशोरियों के मासिक अधिकार, ग्रामीण भारत की किशोरियों के जीवन पर लचर परिवहन सुविधाओं का प्रभाव, और ग्रामीण भारत में किशोरियों के लिए खेल- चुनौतियां और अवसर।

इस वर्ग के लिए आवेदकों से आवेदन प्रक्रिया के रूप में एक प्रस्ताव प्रदान करना होगा, जिससे वे अपने लिखे जाने वाले आलेखों का समग्र विवरण प्रदान करेंगे। इस श्रेणी के अंतर्गत तीन पुरस्कारों में प्रत्येक विजेता को 25000/- रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

अर्हता और आवश्यकताएं

वर्ग 1: ग्रामीण रिपोर्टिंग पुरस्कार

  • आवेदकों की आयु 25-40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • फ्रीलांस/स्वतंत्र लेखक जो वर्तमान में किसी भी मीडिया हाउस की नौकरी नहीं कर रहे है।
  • महिलाओं, दिव्यांग व्यक्ति और हाशिए पर रहने वाले समूहों के व्यक्तियों को आवेदन के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है।

वर्ग 2: युवा किशोरी पत्रकारिता पुरस्कार

  • ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली गैर-लाभकारी संगठनों से जुड़ी 15-18 वर्षीय किशोरियां एवं 19-25 वर्ष की युवा महिलाएं।
  • इस श्रेणी में प्रत्येक पुरस्कार विजेता से आशा है कि वह अंग्रेजी, हिंदी, या उर्दू में गहन शोध एवं उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीर के साथ तीन अच्छी गुणवत्ता वाले लेख तैयार करें।

आवेदन करने की तारीख

आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2023 है। सभी आवेदनों को ईमेल के माध्यम से [email protected] पर भेजे जाना चाहिए, जिसमें सम्बंधित वर्ग के लिए विषय- “Submission – SGMA 2023- Category-I” या “Submission – SGMA 2023- Category-II” हो। आगे की जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें। अधिक जानकारी के लिए आप +91 8851982420 पर 10:00 am से 6:00 pm के बीच संपर्क भी कर सकते है।

मूल्यांकन का ‘वंचना अंक मॉडल’

SGMA के वर्ग 1 के तहत, चरखा “वंचना अंक मॉडल” का अनुसरण करता है। इसके तहत आवेदक (केवल महिलाएं और लैंगिक अल्पसंख्यक हेतु ), सामाजिक-आर्थिक असमानता को कम करने के लिए ज्यूरी के विवेकाधीन, 5 अतिरिक्त अंक (अधिकतम) प्राप्त कर सकते हैं।

चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क

चरखा एक अग्रणी गैर-सरकारी संस्थान है जो ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाकर सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में काम कर रहा है। नवोन्मेषी मीडिया विधाओं के माध्यम से, चरखा सतत विकास के लिए उत्प्रेरक रहा है, जो हाशिये पर मौजूद लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध है एवं जमीनी स्तर पर रहे सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा दे रहा है।

चरखा के विषय में अधिक जानकारी हेतु यहाँ क्लिक करें : http://www.charkha.org

(विज्ञप्ति पर आधारित।)

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