इजराइल-हमास युद्ध के तीन माह बाद संयुक्त राष्ट्र ने कहा: गाजा रहने लायक नहीं

नई दिल्ली। हमास और इजराइल युद्ध के तीन माह बाद संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख ने शुक्रवार (5 जनवरी) को कहा कि गाजा रहने लायक नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि गाजा पर अकाल मंडरा रहा है और एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा सामने आ रही है।

7 अक्टूबर को शुरू हुए इस युद्ध के बेहद गंभीर नतीजे देखने को मिले हैं जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने चिंता जताते हुए कहा कि गाजा के 2.3 लाख लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए रोज खतरों से जूझ रहे हैं और दुनिया सिर्फ देख रही है।

उन्होंने कहा कि युद्ध में हजारों लोग मारे गए और घायल हुए हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। वहां बेहद ठंड पड़ रही है और ऐसे में बेघर हुए लोग खुले में सोने के लिए मजबूर हैं। शरणार्थी स्थलों पर भी बमबारी की गई है।

ग्रिफिथ्स ने कहा, “लोग अब तक दर्ज किए गए खाद्य असुरक्षा के सबसे उच्चतम स्तर का सामना कर रहे हैं और अकाल उनके करीब है। अस्पतालों में लगातार हमले हो रहे हैं जिस कारण घायलों का इलाज भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। इस बीच संक्रामक बीमारियां भी फैल रही हैं और इसी माहौल में लगभग 180 फिलिस्तीनी महिलाएं हर रोज बच्चों को जन्म दे रही हैं।“

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव ने कहा है कि “गाजा बिल्कुल निर्जन हो गया है।” उन्होंने कहा कि मानवतावादी समुदाय एक “असंभव मिशन” का सामना कर रहा है और दो मिलियन से भी ज्यादा लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहा है। जबकि संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी और सहयोगी संगठनों के सहायताकर्मी मारे जा रहे हैं। गाजा में संचार ब्लैकआउट जारी है, सड़कें टूट गई हैं, ट्रक के काफिलों पर गोलीबारी हो रही है जिस कारण मूलभूत जरूरतों की चीजें लोगों तक नहीं पहुंच पा रही हैं और व्यापार ठप है।

ग्रिफिथ्स ने युद्ध को फौरन खत्म करने और सभी बंधकों की रिहाई के लिए संयुक्त राष्ट्र की मांग दोहराई।

फिलिस्तीनी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इज़राइल पर हमला कर दिया था जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए और उसके लड़ाकों ने लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया जिसमें से 120 से अधिक लोग अभी भी कैद में हैं। जिसके बाद इजराइल ने गाजा पर हमला कर दिया जिसमें अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 85% निवासियों ने अपना घर छोड़ दिया है।

संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ ने शुक्रवार 5 जनवरी को कहा कि ज्यादातर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त पोषण नहीं मिल रहा है। रोज 200 से कम सहायता ट्रक गाजा में घुस रहे हैं लेकिन युद्ध के कारण राहत सामग्रियों को बांटने में मुश्किल हो रही है।

वहीं यूनिसेफ के एक सर्वे में ये देखा गया कि दो साल से कम उम्र के 90% बच्चे रोज पांच जरूरी खाने की चीजों में से दो या उससे भी कम खा रहे हैं। उन्हें रोटी और दूध भी मुश्किल से नसीब हो रहा है। गर्भवती महिलाओं को भी उचित मात्रा में भोजन नहीं मिल पा रहा है।

यूनिसेफ का कहना है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे खराब पोषण के कारण डायरिया के शिकार हो रहे हैं। बच्चों में डायरिया के मामले 48,000 से बढ़कर 71,000 हो गए हैं। आम तौर पर गाजा पट्टी में हर महीने डायरिया के केवल 2,000 मामले सामने आते हैं।

हमास के हमले के तुरंत बाद इजराइल ने गाजा को भोजन, साफ पानी, दवा, बिजली और ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी। अमेरिका के दबाव में उसने अक्टूबर माह के अंत में मिस्र के माध्यम से सहायता की अनुमति दी जिसके बाद हर दिन ट्रकों की संख्या लगभग 100 से बढ़कर 200 हो गई है।

उधर इजरायली अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि गाजा में भोजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र निकायों पर किसी भी कमी का आरोप लगाते हुए सहायता की अनुमति देने के लिए जरुरी कदम उठाए हैं। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी प्रवक्ता स्टेफनी ट्रेमब्ले ने शुक्रवार को फिर कहा कि “इस वक्त केवल लोगों की जरूरतों का एक अंश ही पूरा हो रहा है।”

उन्होंने फिर वही कहा जो संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पिछले महीने कहा था, कि “केवल ट्रकों की संख्या को देखकर ये कहना गलत होगा कि गाजा में लोगों को जरुरी सामान उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जबकि सहायता अभियान के लिए सुरक्षा की जरुरत है। इसके लिए ऐसे कर्मचारियों की जरुरत है जो सुरक्षा में काम कर सकें।”

ट्रेमब्ले ने कहा कि जब तक उन जरुरतों को पूरा नहीं किया जाता गाजा के लोगों को जरुरी सहायता नहीं मिलेगी।

कई देश गाजा में जरुरी सामानों की आपूर्ति विमानों से गिराकर कर रहे है। फ्रांस ने शुक्रवार को घोषणा की कि फ्रांसीसी और जॉर्डन के सी-130 विमानों ने रात भर एक दक्षिणी शहर खान यूनिस में जॉर्डन के फील्ड अस्पताल में कुल सात टन चिकित्सा सहायता पहुंचाई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने गाजा के हालात पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को एक्स पर कहा कि “गाजा में मानवीय स्थिति गंभीर बनी हुई है।”

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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