जब सुप्रीम कोर्ट में शराब की दो बोतलें चीफ जस्टिस की कोर्ट में पेश की गयीं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस के सामने दो व्हिस्की की बोतलें पेश की गईं। इसे देख डीवाई चंद्रचूड़ हैरान रह गए। मामला दो शराब कंपनियों के बीच ट्रेडमार्क उल्लंघन विवाद का था।

सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इंदौर की कंपनी जेके एंटरप्राइजेज को ‘लंदन प्राइड’ नाम के तहत पेय पदार्थ बनाने से रोकने के लिए शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड की अपील को खारिज कर दिया गया था।

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें अदालत के अंदर उत्पाद लाने की अनुमति दी जाए। इसके बाद वरिष्ठ वकील शराब की दो बोतलें अपनी मेज पर रखने के लिए आगे बढ़े, जहां वह बहस कर रहे थे।

इसे देखकर सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा के साथ बेंच साझा करते हुए जोर से हंसे और कहा कि आप अपने साथ व्हिस्की की बोतलें लाए हैं? इस पर रोहतगी ने कहा कि उन्हें दोनों उत्पादों के बीच समानता दिखानी होगी। इसके बाद उन्होंने बताया कि इस मामले में ट्रेडमार्क का उल्लंघन कैसे हुआ?

सीजेआई ने तब कहा कि मुद्दा यहां व्यापार पोशाक के बारे में है। बॉम्बे में मेरे एक फैसले में इस पहलू को शामिल किया गया है, जिसमें बोतल का आकार शामिल था। इसके बाद पीठ ने एक नोटिस जारी किया और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और दो हफ्ते के बाद सुनवाई की तारीख निर्धारित  की।

नोटिस जारी होने के बाद रोहतगी ने सीजेआई से पूछा कि क्या वह बोतलें अपने साथ ले जा सकते हैं। सीजेआई ने मुस्कुराते हुए कहा, जी हां बिल्कुल।

पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर की जेके एंटरप्राइजेज को ‘लंदन प्राइड’ ट्रेडमार्क के तहत बेवरेज बनाने से रोकने के लिए शराब कंपनी पेरनोड रिकर्ड की अपील को खारिज कर दिया था।

रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज के खिलाफ अस्थायी निषेधाज्ञा के लिए अदालत से अनुरोध किया था। ऐसा यह दावा करते हुए किया गया था कि उसने ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ ट्रेडमार्क और ‘इंपीरियल ब्लू’ बोतल की उपस्थिति का उल्लंघन किया है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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