नई दिल्ली। बिलकिस बानो मामले के गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वहीं बानो के रिश्तेदारों ने दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया शहर में पटाखे फोड़ कर खुशियां मनाईं। मामले के एक गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि बानो को “आज न्याय” मिला है। उन्होंने कहा कि “मैं इस मामले में गवाहों में से एक हूं। इन 11 दोषियों को महाराष्ट्र की एक कोर्ट ने सजा सुनाई थी। गुजरात सरकार का उन्हें रिहा करने का फैसला गलत था। इसलिए हमने इसे अदालत में चुनौती दी।”
बिलकिस बानो मामले के गवाहों में से एक अब्दुल रजाक मंसूरी वर्तमान में देवगढ़ बारिया शहर में रहते हैं। उन्होंने फैसले पर खुशी जताते हुए संवाददाताओं से कहा, “मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है और दोषियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। मुझे लगता है कि आज हमें न्याय मिला है।”
बिलकिस बानो के कुछ दूर के रिश्तेदार देवगढ़ बैरिया में रहते हैं। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खबर टीवी चैनलों पर दिखाई जाने लगी बानो के रिश्तेदारों ने पटाखे फोड़ कर जश्न मनाना शुरु कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आज 2002 गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई रद्द कर दी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेजे जाने का आदेश दिया। गुजरात सरकार ने बानो के 11 दोषियों को समय से पहले 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया था। जिसके बाद बानो ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।
बानो उस समय 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी जिसमें उनकी तीन साल की बेटी भी थी।
(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)