मणिपुर हिंसा में 4 मई का जो वीडियो देशभर में वायरल हुआ था, उसमें पुलिस ने जिस शख्स को मुख्य आरोपी घोषित किया था, उसके घर पर कुछ महिलाओं ने हमला बोल दिया है। बताया जा रहा है कि भीड़ द्वारा गुरूवार को उसके घर को जला दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार यह घर मुख्य आरोपी हिरेम हेरोदास मैतेई का है।
इस बारे में कई ऑनलाइन वीडियो में प्रदर्शनकारियों का समूह, जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं ने आरोपी के घर को आग लगा दी। समूचे देश को विचलित कर देने वाले इस वायरल वीडियो में मैतेई समुदाय की भीड़ दो कुकी महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़क पर घुमाते हुए देखी गई, जिनमें से एक के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया। यौन उत्पीड़न की उक्त घटना दो महीने पहले 4 मई की थी, लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होने के बाद इसने समूचे राष्ट्र की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है।
इसी वायरल वीडियो का ही परिणाम था कि देश का सर्वोच्च न्यायालय तक स्वतः संज्ञान लेकर मणिपुर कार्रवाई करने के लिए प्रेरित हुआ। नतीजतन कल सुबह संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा पर पहली बार अपनी जुबान खोली और यौन उत्पीड़न की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई का वादा किया।
इसके साथ ही मणिपुर पुलिस ने दावा किया है कि तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, और उन्हें 11 दिन की पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि अपराध में शामिल कम से कम 30 अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।
राजधानी इंफाल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हेमंत पांडे के अनुसार, “स्थानीय महिलाओं ने एक गांव में पथराव किया और मुख्य आरोपी के घर के कुछ हिस्सों को आग के हवाले कर दिया। हम महिलाओं से अनुरोध करते हैं कि वे शांतिपूर्वक अपना विरोध करें क्योंकि अशांति की स्थिति बनी हुई है। हम आपके गुस्से को समझते हैं।”
देश की राजधानी सहित समूचे देश भर में नागरिकों के समूह और बड़ी संख्या में महिलाओं के अधिकार संगठनों द्वारा महिला सुरक्षा और न्याय के प्रश्न को उठाने एवं इस घटना की त्वरित जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं और बड़ी गोलबंदी की जा रही है।
आज दूसरे दिन भी मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध बना रहा। विपक्ष की मांग है कि सरकार को विधेयक पेश करने से पहले मणिपुर मामले पर विस्तार से संसद में चर्चा करनी चाहिए, जबकि सरकार पहले जरुरी काम निपटाने के पक्ष में है। विपक्ष प्रधान मंत्री से मणिपुर पर संसद के भीतर विस्तृत बयान देने की मांग पर अड़ा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट करते हुए कहा है, “नरेंद्र मोदी जी, कल आपने संसद के भीतर कोई बयान नहीं दिया। यदि आप सच में मणिपुर की घटना से क्रोधित थे तो आप कांग्रेस शासित राज्यों के बारे में झूठे आरोप लगाकर इसकी समानता नहीं करते, बल्कि सबसे पहले मणिपुर के अपने मुख्यमंत्री को बर्खास्त करते। भारत आपसे आज संसद के भीतर विस्तृत बयान की उम्मीद करता है। सिर्फ एक घटना पर नहीं बल्कि 80 दिनों से राज्य में आपकी राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से असहाय और निर्दयी बनी हुई है।”