किसान आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारी।

प्रतिरोध, साजिश, धोखा सब रंग दिखे आज के किसान आंदोलन में

एक तरफ किसान आंदोलन जहां जमीन पकड़ता हुआ दिख रहा है और उसके भूगोल में लगातार विस्तार हो रहा है वहीं उसको तोड़ने के लिए साजिशों का दौर भी शुरू हो गया है। सरकार की हरचंद कोशिश है कि तीन-तिकड़मों के जरिये किसानों के बीच मतभेद पैदा कर दिया जाए और फिर किसान संगठन और उसके नेता आपस में ही लड़ भिड़ कर एक दूसरे का गला काटने पर उतारू हो जाएं। आखिर में आंदोलन अपने ही अंतरविरोधों के चलते खत्म हो जाए। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी सरकार अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पा रही है। इस बीच, किसान आंदोलन के 19 वें दिन आज किसान संगठनों के आह्वान पर लाखों किसानों ने दिन भर का अनशन रखा। ये अनशन शाम 5 बजे खत्म हुआ।

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान शाम 5 बजे 4 मासूम बच्चों ने प्रदर्शन स्थल पर किसान नेताओं को जूस पिला कर उनका अनशन खत्म करवाया। अनशन पूरा करने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रेस वार्ता में कहा कि “हमारा आज का अनशन कामयाब रहा, इस अनशन के बाद सरकार को एक संदेश जाएगा। सरकार को हमारी बात सुननी होगी। हम किसान बातों से समाधान चाहते हैं। हमारी अगली रणनीति जल्द तय होगी।” 

किसानों द्वारा आंदोलन को तेजी देने के समानांतर पुलिस प्रशासन का दमन भी बढ़ा है। कई साथियों को पुलिस द्वारा विभिन्न जगहों पर परेशान किया जा रहा है। वहीं ट्रैक्टरों को थानों में बंद किया जा रहा है।

प्रेस वार्ता में पुलिस प्रशासन को संबोधित करते हुए बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि “यदि पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों का कहीं ट्रॉली या ट्रैक्टर रोका गया तो उसी समय हाईवे जाम करेंगे। पुलिस प्रशासन हमारे किसान भाइयों को परेशान करना बंद करे। जिन थानों या चौकी में हमारे किसान जाएंगे, उस थाने में हम पशुओं को बांध देंगे।”

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी बंद रखा है। वहीं उत्तर प्रदेश में कृषि कानूनों के​ खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने बुलंदशहर में कलेक्टर ऑफिस ​के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। 

कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पपेट शो आयोजित किया। पपेट कलाकार ने कहा- “कठपु​लती के माध्यम से मैं किसानों की बात कहना चाहता हूं कि तीनों कानूनों को खत्म करो।” 

राजस्थान शाहजहाँपुर के पास जयसिंहपुर-खेरा बॉर्डर पर ऑल इंडिया किसान सभा और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने साझा प्रदर्शन किया।

हरियाणा और पंजाब के सांसद विधायक दिल्ली में

किसान आंदोलन के बीच हरियाणा और पंजाब भाजपा में खलबली मची हुई है। हरियाणा भाजपा सरकार में सहयोगी जेजेपी लगातार सरकार पर दबाव बना रही है। वहीं आंदोलनकारी किसानों द्वारा भाजपा नेताओं के घेराव वाले कदम की घोषणा के बाद हरियाणा और पंजाब के भाजपा नेताओं की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहीं दूसरी ओर हरियाणा और पंजाब के भाजपा और सरकार सहयोगी विधायक सासंदों ने आज दिल्ली में डेरा डाला।

दिल्ली स्थित कृषि भवन में हरियाणा के सांसद और विधायकों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है।

वहीं पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में पंजाब भाजपा नेताओं का एक डेलीगेशन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश से मिलने पहुंचा।

किसानों से बैठक की तारीख फिक्स करने में जुटी सरकार

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ बातचीत की अगली तारीख तय करने में संलग्न है और मुलाकात जरूर होगी।

वहीं दूसरी ओर किसान प्रदर्शन और अनशन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आड़ में कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जब किसी भी सेक्टर में किसी के भी खिलाफ नहीं है, तो यह सरकार किसानों के खिलाफ कैसे हो सकती।

क्या यूपी किसान आंदोलन का हश्र हाथरस जैसा करेगी सरकार

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि “कुछ ऐसे आपराधिक तत्व हैं जो किसान आंदोलन की आड़ में कुछ गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं, ऐसे लोगों पर प्रशासन स्थानीय स्तर पर कार्रवाई कर रहा है।”

एडीजी प्रशांत कुमार का बयान एक तरह से दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के इलाके में चल रहे किसान आंदोलन को आपराधिक एंगल देकर खत्म करने की है। बिल्कुल हाथरस आंदोलन और सीएए-एनआरसी आंदोलन की तर्ज़ पर।

समन्वय समिति ने सरकार से मिलकर कृषि कानून के समर्थन में ज्ञापन सौंपा

वहीं आज किसान समन्वय समिति से जुड़े उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाड़ु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा के किसान संगठन प्रतिनिधियों ने कृषि कानून  के समर्थन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात करके ज्ञापन सौंपा।

मुलाकात के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से कहा- “अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के सदस्य तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार से आए थे। उन्होंने फार्म बिल का समर्थन किया और हमें उसी पर एक पत्र दिया। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए ऐसा किया है और वे इसका स्वागत और समर्थन करते हैं।”

तोमर ने आगे बताया कि हमने कहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार हैं। यदि उनका (किसान यूनियनों का) प्रस्ताव आता है, तो सरकार निश्चित रूप से यह करेगी। हम चाहते हैं कि चर्चा को खंड द्वारा आयोजित किया जाए। वे हमारे प्रस्ताव पर अपनी राय देंगे, हम निश्चित रूप से आगे की बातचीत करेंगे।

भानु प्रताप सिंह ने किया किसान नेताओं की सीबीआई जांच की मांग

किसान आंदोलन में विभीषण की भूमिका निभा रहे चिल्ला बॉर्डर से किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि “भारत के सभी किसान नेताओं की CBI जांच होनी चाहिए। चाहे वो पंजाब के हों या हरियाणा के, चाहे वो राकेश टिकैत हों या मैं। इनके सारे प्रतिष्ठानों पर ताले पड़ जाने चाहिए कल से। तभी सरकारें किसानों की मांगें पूरी कर पाएंगी।” 

कृषि कानून का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा है कि “MSP जिसके लिए लड़ाई चल रही है वो तो हम बनाएंगे, किसान आयोग बनाएगा। सरकार जो MSP बनाती रही है 72 सालों से उससे तो हम बर्बाद हो गए। उससे हमें लाभांश और लागत मूल्य नहीं मिल रहा है।”

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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