नीदरलैंड ने महज 24 घंटे में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन मुंबई पहुंचाया, मुंबई से इंदौर पहुंचने में लगे तीन दिन

भारत में कोविड की दूसरी लहर के विस्फोटक होते जाने और देश में बुनियादी मेडिकल सुविधाओं की कमी के बीच देश के बाहर रह रहे इंदौर के लोगों ने कोविड के हालात देखते हुए सीए एसोसिएशन इंदौर के साथ मिलकर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन विदेश से भेजने का फैसला लिया और करीब 18 लाख की राशि जमा की। सीए संस्था ने अपने सदस्यों से 12 लाख जुटाए और 30 लाख में 45 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन नीदरलैंड्स से खरीद ली।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीदरलैंड की सरकार ने भी आपात स्थिति देखते हुए सारे क्लीयरेंस तत्काल करते हुए केवल 24 घंटे में सभी मशीन सात हजार किमी दूर मुंबई एयरपोर्ट पर 3 मई को लैंड करा दीं। लेकिन इसके बाद भारत की ब्यूरोक्रेसी और सरकार के जटिल आदेशों में ये तमाम जीवन रक्षक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें कई दिन तक उलझी रही। आखिरकार करीब तीन लाख की कस्टम ड्यूटी चुकाई गई तब इन्हें मुंबई से रवाना किया गया। रास्ते में चौकी पर भी ट्रक रोका गया और एक हजार रुपए की रिश्वत ली गई। 5 मई बुधवार शाम को मशीनें इंदौर सीए ब्रांच पहुंच पाई और फिर दान में दी जा सकीं।

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने इन मशीनों को टैक्स फ्री (12%) करने की घोषणा की थी, लेकिन इसमें कई शर्तें जोड़ दी। शर्त है कि मशीन किसी के द्वारा दान की गई हो और कोविड के लिए किसी ट्रस्ट द्वारा मंगायी गई हो, तो ही छूट दी जा सकती है। इस संबंध में संबंधित एरिया के नोडल अधिकारी का सर्टिफिकेट होना चाहिए, लेकिन नोडल अधिकारी कौन है, यह नोटिफिकेशन में स्पष्ट नहीं है।

सीए एसो. चेयरमैन कीर्ति जोशी के अनुसार, शर्तें ऐसी हैं कि इन्हें पूरा करना काफी मुश्किल है। सर्टिफिकेट के लिए भटकते तो सात दिन और मशीन नहीं आती। इसके चलते दान की मशीन पर भी तीन लाख टैक्स देना पड़ा। इतनी रकम से और मशीन ला सकते थे।

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