जारी है योगी का ‘ठोक दो’ अभियान, पुलिस कस्टडी में एक और मौत

उत्तर प्रदेश में पुलिस की कस्टडी में हत्या का सिलसिला निर्बाध जारी है। जानकारी के मुताबिक एक किशोरी को अगवा करने के आरोप में अल्ताफ पुत्र चांद मियां को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया था। मंगलवार को कोतवाली की हवालात में अल्ताफ़ की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि अल्ताफ़ ने जैकेट की डोरी को फंदा बनाकर बाथरूम के नल से फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पुलिस का दावा है कि कथित फांसी लगाने के बाद आनन-फानन में पुलिसकर्मी अल्ताफ को अशोक नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना कासगंज की है।

पिता ने लगाया गंभीर आरोप

वहीं अल्ताफ की कस्टोडियल हत्या पर पिता चांद मियां का आरोप है कि लड़की को अगवा करने के मामले में पड़ताल के लिए उन्होंने खुद अपने बेटे को पुलिस को सौंपा था। लेकिन हवालात में पुलिस ने मेरे बेटे की हत्या कर दी। अल्ताफ के पिता चांद मियां ने कहा, ”मैंने अपने बेटे को पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन मुझे लगता है कि मेरा बेटा मारा गया है।” मरहूम अल्ताफ़ के एक अन्य रिश्तेदार ने सवाल किया कि कोई व्यक्ति पानी के नल से कैसे लटक सकता है। उसने पूछा,”मृतक की ऊंचाई क्या है और नल की ऊंचाई क्या है?”यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी यूपी पुलिस के बेहूदे तर्क पर सवाल खड़े करते हुये कहा है कि “थाने के बाथरूम में लगी नल की टोंटी से लटककर कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है उत्तर प्रदेश पुलिस? क्या आरोपी की लंबाई 1-2 फ़ीट थी?’

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने कस्टोडियल हत्या पर गाइडलाइंस जारी करते हुये आदेश दिया था कि देश के सभी पुलिस थानों और सीबीआई, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय सहित जांच एजेंसियों को नाइट विजन और ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। कोर्ट ने कहा कि राज्यों को सभी पुलिस थानों में ऑडियो वाले कैमरे लगाने होंगे। लेकिन देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रख दिया गया।

पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे ने 5 पुलिसकर्मियों को निलंबति कर दिया है। निलंबति पुलिसकर्मियों में शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, एसआई चंद्रेश गौतम, विकास कुमार, हेड मुहर्रिर घनेंद्र सिंह, आरक्षी सौरभ सोलंकी शामिल हैं। फिलहाल मामले की तफ्तीश चल रही है।

बुधवार को ट्विटर पर जारी एक वीडियो बयान में कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि अल्ताफ ने शौचालय में अपनी जैकेट के हुड की डोरी से टंकी के पाइप पर लटक कर फांसी लगा ली। उसको सीएससी ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया। मामले पर पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौरिया, दरोगा चंद्रेश गौतम, विकास कुमार, हेड मुहर्रिर घनेंद्र और सिपाही सौरव सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है। बयान के अनुसार, मामले में निलंबित किए गए पांच पुलिसकर्मियों पर ‘लापरवाही’ का आरोप लगाया गया है।

दो दिन पहले 8 नंवबर 2021 को कैराना में चुनावी सभा करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस की ” ठोक दो नीति और कस्टोडियन हत्या की प्रशंसा करते हुये कहा था कि “कैराना के लोगों को पलायन के लिए मजबूर करने वाले स्वयं पलायन कर गए। किसी माफिया-अपराधी की हिम्मत नहीं रही कि वह सिर उठाकर सड़कों पर चल सके। जिसने भी व्यापारी पर गोली चलाई, उसी गोली ने अपराधी की छाती को भेंदते हुए उसे दूसरे लोक में भेज दिया। योगी ने कहा था जो भी अराजकता करने की कोशिश करेगा, दंगा करेगा, उसकी आने वाली पीढ़ियां भूल जाएंगी कि कैसे दंगा होता है”।

पीएसी बटालियन का उद्घाटन करते हुये योगी ने कहा था कि किसी ने इससे खिलवाड़ किया तो उसे पता है कि किस लोक की यात्रा पर निकलना है।

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