हिंसा अशांत करती है, तोड़ती है और बांटती है: गांधी

Share this… Facebook Twitter Whatsapp Telegram 1939 में गोलवलकर ने एक पुस्तक लिखी थी- वी ऑर आवर नेशनहुड डिफाइंड। इस पुस्तक के पांचवें अध्याय में वे यह दर्शाते हैं कि जब तक अल्पसंख्यक समुदाय अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और  प्रजातीय विशेषताओं का पूर्ण परित्याग नहीं करेंगे और हिन्दू धर्म तथा संस्कृति को नहीं अपनाएंगे तब तक … Continue reading हिंसा अशांत करती है, तोड़ती है और बांटती है: गांधी