गैरसैंण राजधानी आंदोलनकारियों ने जमानत लेने से किया इंकार, भेजे गए जेल

गैरसैंण (उत्तराखंड)। गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर आन्दोलित आन्दोलनकारियों पर सड़क जाम सहित 11 धाराओं में दर्ज मुकदमे की तारीख पर 35 आन्दोलनकारियों ने जमानत लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना था वे उत्तराखंड राज्य की स्थायी राजधानी मांग कर कोई अपराध नहीं कर रहे हैं। इसलिए जेल जाने के लिए तैयार हैं।

मुंसिफ मजिस्ट्रेट अमित भट्ट की अदालत ने 38 में से उपस्थित 35 आन्दोलनकारियों को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आन्दोलनकारियों के अधिवक्ता केएस बिष्ट ने बताया कि आन्दोलनकारियों ने जमानत लेने से इंकार कर दिया और लोअर डिविजन मजिस्ट्रेट अमित भट्ट ने 35 आन्दोलनकारियों को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

मंगलवार को सुबह आन्दोलनकारियों की रामलीला मैदान में हुई सभा में पूर्व निर्णय के अनुसार आन्दोलनकारियों ने जमानत न लेने के निर्णय का ऐलान किया। तहसील कार्यालय में बड़ी संख्या में तैनात पुलिस कर्मियों को आन्दोलनकारियों को जेल ले जाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। इसी क्रम में दर्जनों आन्दोलनकारी अपनी गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस वाहन के आगे बैठ गये। सीओ पीडी जोशी, थानाध्यक्ष रवीन्द्र सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस बल ने मुश्किल से धरने पर बैठे आन्दोलनकारियों को हटाया।

संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में हुई सभा को समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष चारु तिवारी, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष अनुसूइया प्रसाद मैखुरी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी केंद्रीय के अध्यक्ष पीसी तिवारी, भाकपा माले नेता कामरेड इन्द्रेश मैखुरी, गैरसैंण विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिष्ट, बार संघ के अध्यक्ष केएस बिष्ट, मोहित डिमरी, वीरेंद्र मिंगवाल, ब्लाक प्रमुख सुमति बिष्ट, नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, कृष्णा नेगी, मनीष सुंद्रियाल आदि ने संबोधित किया।

Janchowk
Published by
Janchowk