Saturday, April 27, 2024

बेंगलुरु का जल संकट-मुनाफ़ाख़ोर व्यवस्था का दुष्परिणाम

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे देश में जल संकट गहरा रहा है। क़रीब दो दशक पहले गर्मी के मौसम में केवल कुछ इलाक़ों में ही जल संकट होता था, लेकिन...

लोकतंत्रः जाति के लिए, जाति के द्वारा और जाति का

अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने उन्नीसवीं सदी में लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा था, "लोकतंत्र का मतलब जनता के लिए, जनता के द्वारा और जनता की प्रणाली से होता है।’’...

ग्राउंड रिपोर्ट: काशी द्वार योजना, जमीन अधिग्रहण और जमानत पर छूटे...

बनारस। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के पिंडरा इलाके में प्रदेश सरकार की काशी द्वार योजना को लेकर किसानों की सरकार से ठन गई है। किसानों की शिकायत है कि सरकार ज़बरदस्ती...

एक बार फिर सांप्रदायिक-विघटनकारी एजेंडा के सहारे भाजपा?

बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत का इस्तेमाल करता आया है। हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीति...

ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का...

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर लेते हैं, लेकिन तैयार फसलों की...

अन्य जगह भी दोहराया जा सकता है सूरत का...

कुछ दिनों पहले जनादेश हड़पने का 'चंडीगढ़ प्रयोग’ देश ने देखा था। चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव में चुनाव अधिकारी ने विपक्ष के वोटों को...

बीजद को लगा झटका, टिकट न मिलने से नाराज...

एक तरफ जहां भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपने कई नामचीन नेताओं, पूर्व सांसदों को टिकट नहीं दिया है, बावजूद एकाध को छोड़कर लगभग लोग...

कहर साबित हुई उत्तराखंड में बेमौसम बारिश

अत्यधिक वर्षा, भूस्खलन और तबाही, जलवायु परिवर्तन के लक्षण साफ हैं। पर हम जलवायु-परिवर्तन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, बड़े-बड़े समाधान के बारे में सोचते हैं, लेकिन उसके...

बेचैन करती है जलवायु परिवर्तन पर यूएन की...

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट बेचैन करने वाली है। इस रिपोर्ट ने पहली बार जलवायु परिवर्तन के लिए मानवीय गतिविधियों को ‘असंदिग्ध’रूप...

जंगलों और पारिस्थितिकी के लिए खतरे की घंटी...

हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980 में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर प्रकाशित मसौदा दस्तावेज पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यावरणवादियों और...

पुस्तक समीक्षा: निष्‍ठुर समय से टकराती औरतों की...

शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और स्त्री संघर्ष। भारतीय समाज के विभिन्न तबकों से उठाए गए पात्र महिला अस्तित्व और स्वाभिमान की कहानियां बयान करते हैं। इस संग्रह में अन्याय और संघर्ष को दर्शाने वाली चौदह कहानियां सम्मिलित हैं।

स्मृति शेष : जन कलाकार बलराज साहनी

अपनी लाजवाब अदाकारी और समाजी—सियासी सरोकारों के लिए जाने—पहचाने जाने वाले बलराज साहनी सांस्कृतिक...

राजपूतों का देशव्यापी विरोध बीजेपी के लिए बन गया है गले की हड्डी

अहमदाबाद। चुनाव जीतने के लिए भाजपा की व्यूह रचना हर एक स्टेट में अलग होती है जिसमें गुजरात हमेशा से प्रयोगशाला बना हुआ है। गुजरात में जो स्ट्रैट्जी काम कर जाती है उसे दूसरे स्टेट में भी भाजपा...