Sunday, December 10, 2023

देश और संसद को एक नहीं ऐसी दस-दस महुआ मोइत्रा की दरकार है

नई दिल्ली। हमारे देश में नेताओं को अपनी ब्रांडिंग में कई दशक लग जाते हैं, लेकिन महुआ मोइत्रा को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए संसद के भीतर सिर्फ एक भाषण लगा।...

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा- बिना सुनवाई के लोगों...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईडी से कहा कि एजेंसी बगैर ट्रायल के लोगों को जेल की सींखचों के पीछे नहीं रख सकती है। क्योंकि यह बिल्कुल उचित नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में पिछले 13 महीनों...

वसुंधरा, शिवराज और रमन को मनाने की कोशिश, ...

नई दिल्ली। हिंदी पट्टी के तीन महत्वपूर्ण राज्यों में कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इस पर सबकी निगाहें लगी हैं। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में कांग्रेस तो मिजोरम में 'जेडपीएम' की जीत हुई तो छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में...

योगेंद्र यादव का लेख: बेहतर हैं 2024 के लिए...

अगले आम चुनाव के नतीजे अभी से तय मत मानिए। विपक्ष के लिए उम्मीदें अभी भी प्रबल हैं, जब तक कि विपक्ष खुद इस मनोवैज्ञानिक...

विश्व मानवाधिकार दिवस: मानवाधिकार आंदोलनों को नए सिरे से...

10 दिसम्बर को समूचे विश्व में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवाधिकारों की घोषणा का एक घोषणापत्र...

नए संसद भवन में एक महिला की राजनीतिक बलि!

कल की तारीख संसद के लिए शर्मसार कर देने वाली थी। लोकसभा की तेज तर्रार, काफी पढ़ी लिखी और तथ्यों के साथ सदन में अपनी...

कहां गए वे पुश्तैनी फैमिली डॉक्टर?

अगर आपकी उम्र 45-50 साल से अधिक होगी तो आपको याद होगा कि पहले हर शहर की हर कॉलोनी में वे डॉक्टर प्रैक्टिस करते थे, जिन पर सैकड़ों...

कहर साबित हुई उत्तराखंड में बेमौसम बारिश

अत्यधिक वर्षा, भूस्खलन और तबाही, जलवायु परिवर्तन के लक्षण साफ हैं। पर हम जलवायु-परिवर्तन को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, बड़े-बड़े समाधान के बारे में सोचते हैं, लेकिन उसके...

बेचैन करती है जलवायु परिवर्तन पर यूएन की...

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट बेचैन करने वाली है। इस रिपोर्ट ने पहली बार जलवायु परिवर्तन के लिए मानवीय गतिविधियों को ‘असंदिग्ध’रूप...

जंगलों और पारिस्थितिकी के लिए खतरे की घंटी...

हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन संरक्षण अधिनियम 1980 में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर प्रकाशित मसौदा दस्तावेज पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यावरणवादियों और...

एक महिला के संघर्ष पर बनी फिल्म ‘ढाई आखर’ का विश्व प्रीमियर आज

हिंदी फिल्म 'ढाई आखर' (ढाई अक्षर) को गोवा में हो रहे 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2023 के प्रतियोगिता खंड में चुना गया है। इसका विश्व प्रीमियर आज यानी 25 नवंबर को किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस स्वतंत्र फिल्म का विश्व प्रीमियर होना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यहां इसका मुकाबला 'कंतारा', 'गुलमोहर' और 96वें ऑस्कर नॉमिनी '2018-एवरीवन इज ए हीरो' जैसी फिल्मों से है। हिंदी लेखक अमरीक सिंह दीप के उपन्यास 'तीर्थाटन के बाद' पर आधारित फिल्म 'ढाई आखर' हर्षिता नाम की एक महिला की कहानी है, जो सालों से घरेलू हिंसा और दुखी शादीशुदा जिंदगी का शिकार थी। वह पत्रों के माध्यम...

रूदाद-ए-अंजुमन: भूले-बिसरे हिंदोस्तान की दास्तान

आज़ादी की लड़ाई का समय हिंदोस्तान की तारीख़ का वह कालखंड है, जो अपनी कु़र्बानी, जुनून, वतनपरस्ती, मुल्क के झंडाबरदारों के सब्र, संघर्ष और अंततः आज़ादी पा लेने की कामयाबी के लिए इतिहास...

गांधी संस्थाओं पर हमला पूरे समाज को सीधी चुनौती: रामचन्द्र राही

नई दिल्ली। वाराणसी में राजघाट स्थित गांधी-विनोबा-जेपी की विरासत सर्व सेवा संघ को मोदी सरकार ने बुलडोजर लगाकर ध्वस्त...