Saturday, April 27, 2024

मुख्तार अंसारी की मौत का सच आएगा सामने, कोर्ट ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इसकी न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं। अदालत ने अतिरिक्त सीजेएम को अंसारी की मौत की जांच करने और एक महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा। अदालत का यह फ़ैसला तब आया है जब अंसारी के परिजनों ने मौत को लेकर सवाल उठाए हैं।

इससे पहले बीते 21 मार्च को बाराबंकी की एमपी-एमएलए अदालत ने मुख़्तार अंसारी की एक अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए बांदा जेल अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वह 29 मार्च तक अंसारी को कथित तौर पर ज़हर दिए जाने के मामले में उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में एक रिपोर्ट पेश करें। यह निर्देश अदालत ने गैंगस्टर एक्ट मामले (2022) की सुनवाई के दौरान अंसारी द्वारा अपने वकील के माध्यम से दायर एक आवेदन पर दिया था।

21 मार्च को बाराबंकी अदालत में दायर एक आवेदन में अंसारी ने आरोप लगाया था कि 19 मार्च को रात के खाने के दौरान उसे जेल में दिए गए भोजन में ‘जहरीला पदार्थ’ मिलाया गया था, जिसके कारण वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गया।

आज दिन में उनके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया था कि उनके पिता को जेल में ‘धीमा जहर’ दिया गया। उमर अंसारी नेसंवाददाताओं से कहा, ‘मेरे पिता ने हमें बताया था कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अब पूरा देश इसके बारे में जानता है।

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने जेल में ‘धीमा जहर’ देने के जिस तरह का दावा किया है, ऐसा ही दावा अंसारी के भाई और ग़ाज़ीपुर सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने भी किया था। अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा, ‘मुख्तार ने कहा कि उन्हें जेल में खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया था। ऐसा दूसरी बार हुआ। करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था। और, हाल ही में 19 मार्च को उन्हें फिर से यह दिया गया। जिसके कारण उनकी हालत खराब थी।’

अस्पताल में उनसे मुलाकात करने वाले उनके भाई अफ़ज़ल अंसारी ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से कहा था, ‘मेडिकल कॉलेज ने एक टीम बनाई है और इलाज जारी है। वह आईसीयू में हैं और मैं उनसे पांच मिनट के लिए मिला। वह सचेत हैं। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया गया है। ….अगर बांदा का अस्पताल उचित इलाज नहीं कर सकता है, तो उन्हें समय पर रेफर किया जाना चाहिए।’ अफ़ज़ाल ग़ाज़ीपुर से मौजूदा सांसद हैं।

21 मार्च को बाराबंकी अदालत में दायर एक आवेदन में अंसारी ने आरोप लगाया था कि 19 मार्च को रात के खाने के दौरान उसे जेल में दिए गए भोजन में ‘जहरीला पदार्थ” मिलाया गया था, जिसके कारण वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गया।अंसारी ने कहा था कि खाना खाने के बाद उन्हें बेचैनी महसूस हुई और पहले उनके अंगों में और फिर शरीर के बाकी हिस्सों में दर्द महसूस हुआ। अंसारी ने अपने आवेदन में कहा, ‘मेरे हाथ और पैर ठंडे पड़ गए, और ऐसा लगा जैसे मैं मरने वाला हूं। मुझे बेचैनी महसूस हुई. इससे पहले मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि लगभग 40 दिन पहले उन्हें भोजन के साथ ‘धीमा जहर’ दिया गया था। अंसारी ने अपने दो पन्नों के आवेदन में आरोप लगाया था कि जेल के कुछ सदस्य, जिनमें वह व्यक्ति भी शामिल था जो उसे खाना खिलाने से पहले चखता था, भी अस्वस्थ महसूस कर रहा था और उन सभी का इलाज करना पड़ा।

अंसारी ने निवेदन किया था कि अदालत पूरे प्रकरण की जांच का निर्देश दे और उनके समग्र इलाज के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए।उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएं।अंसारी ने कहा था, ‘जेल में मेरी जान को खतरा बढ़ गया है। मेरे साथ किसी भी समय कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है।साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें जहर देना ‘किसी बड़ी साजिश’ का हिस्सा है।

आवेदन में लगाए गए गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए जज श्रीवास्तव ने बांदा जिला जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि जेल मैनुअल के अनुसार अंसारी को ‘पर्याप्त और उचित’ चिकित्सा परीक्षण और मेडिकल सुविधाएं दी जाएं।

अदालत ने जेल अधिकारी को अंसारी की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी निर्देश दिया था। अदालत ने जेल अधीक्षक को मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 29 मार्च तक का समय दिया था, और आदेश की एक प्रति इलाहाबाद के डीआईजी (जेल) को भेज थी, जिनके अंतर्गत बांदा आता है।

21 मार्च को बांदा जिला जेल के उप-जेलर महेंद्र सिंह ने अदालत को सूचित किया कि अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उसके सामने पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि वह ठीक नहीं हैं। अधिकारी ने कोर्ट को बताया था कि अंसारी की तबीयत ख़राब है और उनका इलाज चल रहा है।

अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार बांदा जेल में अंसारी की हत्या करने की योजना बना रही है। अपने पिता की मृत्यु के बाद 28 मार्च की देर रात मीडिया से बात करते हुए उमर ने अपने आरोप दोहराए और अदालत में लगाए अपने मृत पिता के आवेदन का समर्थन किया।

अंसारी 2017 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के निशाने पर थे। अस्पताल के एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि अंसारी जेल की अपनी कोठरी में बेहोश हो गए और उन्हें उल्टी होने और बेहोश होने के बाद गुरुवार रात करीब 8:25 बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।बुलेटिन में कहा गया है कि उन्हें आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया जहां नौ डॉक्टरों की एक टीम ने तुरंत उनका इलाज शुरू किया, लेकिन सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद ‘कार्डियक अरेस्ट’ से उनकी मौत हो गई।

पिछले दो वर्षों में आठ मामलों में दोषी ठहराए गए 63 वर्षीय अंसारी बांदा जेल में बंद थे। वह पूर्वी यूपी के मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे। वह एक हिस्ट्रीशीटर थे और उनके खिलाफ यूपी और दिल्ली के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कुल 65 मामले थे।

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जहर देने के आरोप के बावजूद सरकार ने अंसारी के इलाज पर ध्यान नहीं दिया। राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी ने कहा कि अंसारी के जहर दिए जाने के आरोपों को ‘गंभीरता से नहीं लिया गया’।

पिछले दो वर्षों में आठ मामलों में दोषी ठहराए गए 63 वर्षीय अंसारी बांदा जेल में बंद थे। पूर्वी यूपी के मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे, मुख्तार अंसारी एक हिस्ट्रीशीटर थे और उनके खिलाफ यूपी और दिल्ली के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कुल 65 मामले दर्ज थे।

10 अक्टूबर, 2023 को उन्हें ग़ाज़ीपुर में 2010 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में 10 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी। 5 जून, 2023 को उन्हें 1991 में वाराणसी में हत्या और दंगे के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 29 अप्रैल, 2023 को उन्हें 2005 में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के संबंध में गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

15 दिसंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को ग़ाज़ीपुर में दर्ज 1996 के गैंगस्टर एक्ट मामले में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 23 सितंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को 1999 में लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज गैंगस्टर एक्ट मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

21 सितंबर, 2022 को, मुख्तार अंसारी को 2003 के एक मामले में सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।मुख्तार अंसारी को अप्रैल 2021 में पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक दो साल से अधिक समय तक रोपड़ जेल में था। मोहाली स्थित एक बिल्डर को जबरन वसूली के लिए फोन किए जाने के मामले में उसे 22 जनवरी, 2019 को ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब लाया गया था।

अंसारी का जन्म स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले परिवार में हुआ था। उनके दादा 1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।

इस बीच मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने विशेष सत्र न्यायाधीश MP/MLA कोर्ट नंबर 4 बाराबंकी में अपील की है। पत्र में बताया गया कि बीते 21 मार्च को प्रार्थी के वकील ने कोर्ट के समक्ष एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें 19 मार्च को विषाक्त पदार्थ खिलाने की बात कही गई थी। उन्होंने पत्र के जरिए कोर्ट को बताया कि 28 मार्च को रहस्यमयी परिस्थितियों में प्रार्थी (मुख्तार अंसारी) की मौत हो गई है। मुख्तार के वकील ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि उस पत्र को प्रार्थी का मृत्य कालीन कथन मानकर वाद दर्ज करने की आवश्यकता है।

मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक है, बांदा जेल के सभी सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित कर लिए जाए। साथ ही वॉल कैमरा की भी फुटेज सुरक्षित कर ली जाए। इसके अलावा मुख्तार के वकील ने बांदा जेल में निरीक्षण के नाम पर रात में आने वाले सभी अधिकारियों की एंट्री और कैमरे में आए उनके फोटो को भी सुरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए आदेश देने की भी अपील की गई है। वहीं इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हो गई है। 4 अप्रैल को आर्डर आएगा।

सपा के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में पेशी के दौरान लिखित रूप से कहा था कि तबियत बिगड़ने पर उनके बेटे को बांदा जेल और अस्पताल में मिलने नहीं दिया गया। क्रिटिकल स्थिति में होने के बाद भी बेटे को मिलने नहीं दिया गया। ऐसे में संदेह पैदा होता है। रामगोपाल ने कहा कि अजीब सी स्थिति हो गई है, लोग जेल जाने से डरने लगे हैं। जेल में किसी भी विरोधी को मारा जा सकता है।

मुख्‍तार अंसारी की मौत के बाद शनिवार को उनके पैतृक निवास गाजीपुर स्थित मोहम्‍मदाबाद में सुपुर्द-ए-खाक (अंतिम संस्‍कार) होना है। पिता के जनाजे में भाग लेने के लिए जेल में बंद उनके बेटे अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। आज गुट फ्राइडे का दिन होने के चलते आज सुप्रीम कोर्ट की छुट्टी है। अब्बास अंसारी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन ऑफिसर से सम्पर्क किया है और कोर्ट से जल्द से जल्द इस मांग पर सुनवाई की अपील की है।

मुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम पूरा हो गया है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। वहीं मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर एम्स के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। अब थोड़ी देर में पुलिस की टीम मुख्तार के शव को लेकर बांदा से गाजीपुर के लिए रवाना होगी। मुख्तार के अंतिम संस्कार की भी तैयारी चल रही है। उसके पैतृक घर मुहम्मदाबाद में स्थित कब्रिस्तान में उसकी कब्र खोदी गई है।

(जनचौक की रिपोर्ट)

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