बस्ती (यूपी)। करीब 5000 लोगों को घेर कर मार दिया गया था और महुआ डाबर नाम के गांव की पहचान…
संजीव स्मृति व्याख्यान: तकनीक का इस्तेमाल कर अवैज्ञानिकता को बढ़ावा- गौहर रज़ा
इंदौर। धर्म में ग़लती बताने पर फ़तवा दे दिया जाता है, सिर भी क़लम किया जा सकता है, जबकि विज्ञान में…
इतिहास पुनर्लेखन या इतिहास का पुनर्मिथकीकरण- भाग 1
वर्गों में समाज-विभाजन से अस्तित्व में आये ‘सभ्यता’ के इतिहास के हर युग में ‘ज्ञान’ सामाजिक वर्चस्व का एक प्रमुख…
World Music Day 2025: नाद ब्रह्म से डिजिटल शोर तक संगीत का बदलता स्वरूप
“नादब्रह्म” मात्र एक दर्शन नहीं, एक जीवन पद्धति है। भारतीय परंपरा में ध्वनि को ही ब्रह्म माना गया-वह मूल कंपन,…
पुस्तक समीक्षा: मेहनत और संघर्ष की प्रेरक आत्मकथा
आत्मकथा के जरिये शिक्षक एस.पी. बंसल ने अपने जीवन के साथ-साथ शिक्षा को लेकर समाज के दृष्टिकोण, अपने कार्यों, निजी…
कुचले हुए देवता और जीवन का विरोधाभास
आज सुबह जब मैं सैर कर रहा था, तब मैंने देखा कि एक आदमी गुलेलनुमा अस्त्र से आम के बाग…
हिन्दी कविता के भूगोल को विस्तार देती हैं पार्वती तिर्की की कविताएँ
नई दिल्ली। हिन्दी कविता की युवतम पीढ़ी में पार्वती तिर्की का स्वर अलग से पहचाना जा सकता है। उनकी कविताओं…
मेरे हिस्से की अस्कोट आराकोट यात्रा: लुप्त होती लोहारी की कला
लोहार पीढ़ियों से किसानों के लिए औज़ार बनाते रहे हैं, जिनके बिना खेती का काम अधूरा था। लेकिन आधुनिक मशीनों,…
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस : छिने हुए बचपन की राख में क्या आपने सपनों की चिंगारी देखी है ?
आज एक बार फिर विश्व बाल श्रम निषेध दिवस आ गया है। कैलेंडर के इस दिन को हम कैंडल मार्च,…
कास्ट एंड रिवोल्यूशन : जाति उन्मूलन का एक क्रान्तिकारी नज़रिया
नक्सलबाड़ी आन्दोलन के दौरान जब कॉमरेड चारू मजूमदार के नेतृत्व में CPI (ML) की पहली कांग्रेस 1970 में हुई तो…