ईश मिश्रा
संस्कृति-समाज
एंतोनियो ग्राम्शी: बुद्धिजीवी पर विचार
2014 के बाद से, खासकर 2016 में देशद्रोह का अड्डा बताकर जेएनयू पर राज्य, मीडिया तथा संघ परिवार के संयुक्त हमले और प्रतिरोध में जेएनयू आंदोलन के बाद से सोशल मीडिया पर असहमति या प्रतिरोध के तार्किक जनपक्षीय अभिव्यक्ति...
संस्कृति-समाज
दिनकर जयंती समारोह: ‘लेनिनग्राद’ के ‘पीटर्सबर्ग’ बन जाने के बावजूद क्रांतिकारी विरासत की अनुगूंज कायम
राष्ट्रकवि रामधारी दिनकर की जयंती के उलक्ष्य में उनके गांव, सिमरिया में 10 दिन चले दिनकर समारोह के आयोजन के अंतिम दिन, 24 सितंबर 2023 के कार्यक्रम, “दिनकर और हमारा समय” पर संगोष्ठी का निमंत्रण मेरे लिए सुखद अवसर...
बीच बहस
बैस्टिल दिवस और मोदी: फ्रांस में गणतंत्र की बुनियाद और मोदी की सांप्रदायिक अधिनायकवादी राजनीति
जिस तरह भारत में 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को राष्ट्रीय दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है, उसी तरह फ्रांस में 14 जुलाई (बैस्टिल दिवस) को राष्ट्रीय दिवस के रूप में राष्ट्रीय...
पहला पन्ना
स्मृतिशेष: हर तरह के कट्टरपंथ के खिलाफ थे प्रोफेसर इम्तियाज अहमद
इम्तियाज साहब (प्रोफेसर इम्तियाज अहमद) लगभग महीने भर पहले तक फेफड़े में किसी संक्रमण के चलते एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में भर्ती होने के पहले, उम्र और बीमारियों को धता बताते हुए बौद्धिक रूप से सक्रिय...
संस्कृति-समाज
जनपक्षीय कवि, लेखक, पत्रकार सुरेश सलिल की स्मृति में
हिंदी, साहित्य और पत्रकारिता में अमूल्य योगदान करने वाले 19 जून 1942 को जन्मे जनपक्षीय कवि, लेखक सुरेश सलिल अपने लेखन, संपादन, पत्रकारिता तथा अनुवाद से आजीवन मानवता की सेवा करने के बाद 22 फरवरी को दुनिया को अलविदा...
बीच बहस
बचपन में ही हो गया था छुआछूत से मोहभंग
मेरा बचपन पूर्व-आधुनिक, ग्रामीण, वर्णाश्रमी, सामंती परिवेश में बीता, हल्की-फुल्की दरारों के बावजूद वर्णाश्रम प्रणाली व्यवहार में थी। सभी पारंपरिक, खासकर ग्रामीण, समाजों में पारस्परिक सहयोग की सामूहिकता की संस्थाएं होती थीं। हमारे गांव में भी पारस्परिक सहयोग और...
बीच बहस
चिली के राजनीतिक आकाश पर वाम का सूरज
19 दिसंबर, 2021 को संपन्न लैटिन अमेरिकी देश चिली के चुनाव परिणाम में वामपंथी मोर्चे के उम्मीदवार गैब्रियल बोरिस की अपने धुर दक्षिणपंथी प्रतिद्वंदी जोस एंतोनियो कास्त पर स्पष्ट जीत ने, 1970 में वहां के निर्वाचित समाजवादी राष्ट्रपति अलेंदे...
ज़रूरी ख़बर
स्पार्टकस जिसे छुपाने की यूरोप ने हरसंभव कोशिश की
हावर्ड फास्ट के कालजयी उपन्यास स्पार्टकस का हिंदी अनुवाद अमृत राय ने आदिविद्रोही शीर्षक से किया है। मैं इसे अनुवाद का मानक मानता हूं। अच्छा अनुवाद वह है जो मौलिक सा ही मौलिक लगे। यह दास प्रथा पर आधारित...
बीच बहस
भीड़ का भय: 1984 पर भारी है मौजूदा दौर
मेरा नाम मुसलमानों जैसा हैमुझ को कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो ।मेरे उस कमरे को लूटोजिस में मेरी बयाज़ें जाग रही हैंऔर मैं जिस में तुलसी की रामायण से सरगोशी कर केकालिदास के मेघदूत से...
बीच बहस
निजीकरण: मिथ और हकीकत
निजीकरण का राजनैतिक अर्थशास्स्त्र समझने के लिए किसी राजनैतिक अर्थशास्त्र में विद्वता की जरूरत नहीं है। सहजबोध (कॉमनसेंस) की बात है कि कोई भी व्यापारी कभी घाटे का सौदा नहीं करता, न ही उसका काम जनकल्याण या देश की...
About Me
Latest News
क्या तमिलनाडु में भाजपा को अपने आक्रामक चुनाव अभियान से कुछ हासिल होगा?
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके सहित एआईडीएमके और भाजपा के द्वारा अपने-अपने गठबंधनों को अंतिम स्वरुप देने का काम लगभग...