Saturday, April 27, 2024

राम पुनियानी

एक बार फिर सांप्रदायिक-विघटनकारी एजेंडा के सहारे भाजपा?

बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत का इस्तेमाल करता आया है। हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीति के मोड्यूल के दो मुख्य आधार हैं– पहला, प्राचीन भारत, जिसके समाज में मनुस्मृति...

क्या कांग्रेस घोषणापत्र मुस्लिम लीग की सोच को प्रतिबिंबित करता है?

गत 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी ने इसे 'न्याय पत्र' का नाम दिया है। इसमें जाति जनगणना, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा हटाने, युवाओं...

आसमान में उड़ने वाले रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने दिखायी जमीन

पिछले कुछ दशकों में भारत में कई बाबाओं का उदय हुआ है। इसके पहले भी बाबा हुआ करते थे मगर इन दिनों बाबाओं का जितना राजनैतिक और सामाजिक दबदबा है, उतना पहले शायद कभी नहीं रहा। कई बाबा अनेक तरह...

इस्लामोफोबिया से मुकाबिल संयुक्त राष्ट्र संघः एक प्रशंसनीय पहल

कुछ सालों पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में एक प्रस्ताव प्रस्तुत कर पाकिस्तान ने यह मांग की थी कि वर्ष के किसी एक दिन को ‘‘इस्लामोफोबिया के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस’’ घोषित किया जाए। उस समय कई देशों, जिनमें भारत भी...

बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर

फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों पहले भारत में ऐसी फिल्में बनी जो सामाजिक यथार्थ को प्रतिबिंबित करती थीं और प्रगतिशील मूल्यों को बढ़ावा देती थीं।...

सीएए: देश को बांटने का एक और औज़ार

जिस समय इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ा बड़ा घोटाला परत-दर-परत देश के सामने उजागर हो रहा था, ठीक उसी समय केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के लिए नियमों और प्रक्रिया की घोषणा कर...

भाजपा शासन और भारतीय प्रजातंत्र व संविधान को खतरे

सत्ताधारी भाजपा के नेता इन दिनों 'चार सौ पार' की बात कर रहे हैं। उनका मानना है कि आने वाले आम चुनाव में भाजपा 370 से ज्यादा सीटें जीतेगी और उसके गठबंधन साथी 30 से ज्यादा। और इस प्रकार...

बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवादः वैज्ञानिक समझ का नकार

हिन्दू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी के पिछले एक दशक से चले आ रहे शासन के दौरान हमारे देश में शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे परिवर्तन किए गए हैं जो आस्था पर अधिक आधारित हैं और तर्क पर कम। ये...

नफरती बातों के बीच कैसे बढ़े सौहार्द

भारत पर पिछले 10 सालों से हिन्दू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज कर रही है। भाजपा आरएसएस परिवार की सदस्य है और आरएसएस का लक्ष्य है हिन्दू राष्ट्र का निर्माण। आरएसएस से जुड़ी सैंकड़ों संस्थाएं हैं। उसके लाखों,...

मोदी की मंदिर यात्राएं वि-उपनिवेशीकरण नहीं है

हाल (22 जनवरी 2024) में अयोध्या के राममंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अत्यंत भव्य समारोह आयोजित किया गया। इसके साथ ही देश के अन्य हिस्सों, विशेषकर उत्तर भारत, में धार्मिकता के सामूहिक प्रदर्शन हुए। इस अवसर पर हमने देखा कि...

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