सांसदों का निलंबन कर हिन्दुस्तान की जनता का मुंह बंद किया गया है: राहुल गांधी

नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पीएम मोदी पर देश के युवाओं का रोजगार छीनने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि “आज हमारे देश का युवा करीब साढ़े सात घंटे मोबाइल में लगा रहता है। इसका कारण है बेरोजगारी, क्योंकि नरेंद्र मोदी जी ने उनसे रोजगार छीन लिया है।“

जंतर-मंतर पर आज विपक्षी इंडिया गठबंधन ने विरोध-प्रदर्शन किया और देश की जनता से लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने को कहा। इंडिया गठबंधन के नेता 146 सांसदों के निलंबन का विरोध कर रहे हैं।

इसी मौके पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने देश की मीडिया को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि “देश की मीडिया बेरोजगारी की बात नहीं करती है, सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया, वे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है बल्कि हिंदुस्तान की जनता की आवाज हैं। आप ने सिर्फ सांसदों का अपमान नहीं किया है बल्कि हिंदुस्तान की जनता का मुंह बंद किया है।“

उन्होंने संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर कुछ सवाल भी पूछे। पहला सवाल उन्होंने पूछा कि ‘वो अंदर कैसे आए?’ और दूसरा सवाल पूछा कि उन्होंने ये प्रदर्शन क्यों किया? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “इसका जवाब है बेरोजगारी।”

सांसदों के निलंबन को उन्होंने नफरत और मोहब्बत के बीच की लड़ाई बताया। राहुल ने कहा कि हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। बीजेपी जितनी नफरत फैलाएगी, इंडिया गठबंधन उतनी ही मोहब्बत फैलाएगा।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों से 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। संसद की सुरक्षा के उल्लंघन की घटना पर विपक्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहा था। जिसे लेकर विपक्ष ने 13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र में हंगामा किया। जिससे सदन की कार्रवाई बाधित हुई और उसके बाद दोनों सदनों से सांसदों के निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जिसमें 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और वामपंथी दलों, डीएमके, एनसीपी, एसपी, एनसी, टीएमसी, आरजेडी, जेएमएम के अलावा कई विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया।

सांसदों के निलंबन के खिलाफ पटना में इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन
 
इंडिया गठबंधन के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत आज भाकपा-माले, राजद, जदयू, सीपीआई और सीपीआई (एम) ने संयुक्त रूप से लोकसभा व राज्यसभा के 146 सांसदों के निष्कासन के खिलाफ विरोध मार्च किया और पटना जिलाधिकारी के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को एक स्मार पत्र सौंपा, जिसमें संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनसे तत्काल अपेक्षित कदम उठाने की मांग की गई।

विरोध मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल व पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा; राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, शिवानंद तिवारी, दीनानाथ यादव; जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा व रवीन्द्र सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह व अनिल शर्मा, सीपीआई के रामबाबू कुमार व गजनफर नवाब तथा सीपीआईएम के अरूण मिश्रा व गणेश सिंह कर रहे थे।

इनकम टैक्स गोलबंर से झंडे-बैनर और तख्तियों के साथ विरोध मार्च की शुरूआत हुई, जो डाकबंगला चौराहे होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचा। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद विरोध सभा का भी आयोजन किया गया।

प्रतिरोध सभा को इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार 146 सांसदों को बस इतनी सी बात पर निकाल बाहर कर दिया गया कि वे संसद में हुए अप्रिय धुआं बम कांड पर प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से बयान चाह रहे थे। बयान देने की बजाए बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से सभी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखला दिया गया। मोदी सरकार की बढ़ती तानाशाही ने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है। दोनों सदन के अध्यक्षों की भूमिका सरकार की तरफदारी वाली रही है। यह लोकतंत्र के लिए बेहद ही शर्मनाक है।

आगे कहा कि राज्यसभा अध्यक्ष की एक कांग्रेस सांसद द्वारा की गई मिमिक्री पर भाजपा राजनीति कर रही है और कह रही है कि इसके जरिए जाट समुदाय का अपमान किया गया है। लेकिन दूसरी ओर उसी जाट समुदाय से आने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने भाजपाइयों की बलात्कारी प्रवृत्ति से तंग आकर कुश्ती से सन्यास ले लिया। क्या यह जाट समुदाय और महिलाओं का अपमान नहीं है? पूरा देश भाजपा की लोकतंत्र और महिला विरोधी कार्रवाइयों को देख व समझ रहा है।

इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि यह तानाशाही चलने वाली नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इस तानाशाह सरकार को दिल्ली की गद्दी से उखाड़ फेंका जाएगा। विपक्ष मुक्त संसद और विरोध मुक्त सड़क के मंसूबे पालने वाली भाजपा को देश की जनता कभी कामयाब नहीं होने देगी।

हमारी मांग है कि सभी निलंबित सांसदों का निलंबन अविलंब वापस लिया जाए। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को भी इसी प्रकार से संसद से बाहर कर दिया गया। भाजपा विरोधी सभी पार्टियां आज एकजुट हो रही हैं और देश को बचाने के लिए एक साथ चलने के लिए कृतसंकल्पित हैं। पटना सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भी आज इंडिया गठबंधन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन किया गया।

उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन ने पार्लियामेंट से विपक्ष के सांसदों के निलंबन पर मौन व्रत कर विरोध जताया। और कहा कि मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी है।

पंजाब में इंडिया गठबंधन के दलों ने सांसदों को निलंबित करने के विरोध में प्रदर्शन किया। और मोदी सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया।

पश्चिम बंगाल के लगभग सारे जिलों में टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ इंडिया गठबंधन के दलों ने विरोध-प्रदर्शन किया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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