मानसून सत्र के पहले दिन 14 सितंबर को ‘रोजगार दिवस’ के रूप में मनाएंगे देश के बेरोजगार

लखनऊ। युवाओं ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन को रोजगार दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। इसका निर्णय छात्र और युवा संगठनों की साझा बैठक में ली गयी। वर्चुअल तौर पर हुई इस बैठक में तमाम छात्र-युवा संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। रोजगार बने मौलिक अधिकार कैंपेन के तहत चलने वाले इस अभियान को युवा संगठनों ने उसके लक्ष्य तक पहुंचाने का संकल्प लिया। युवा मंच की पहल पर हुई इस बैठक में युवा हल्ला बोल, आइसा, जन जागरण अभियान, बात अधिकार की, युवा शक्ति संगठन, भारत नौजवान सभा, किसान परिवार, राष्ट्रीय विद्यार्थी चेतना परिषद, इंकलाबी छात्र मोर्चा, विद्यार्थी युवजन सभा, निजीकरण व बेरोजगारी विरोधी संगठन समेत देशभर के विभिन्न छात्र, युवा, प्रतियोगी छात्र संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के बाद इंकलाबी नौजवान सभा, भारत की जनवादी नौजवान सभा ने भी इस कैम्पेन को अपना समर्थन दिया है।

बैठक में रोजगार के सवाल पर राष्ट्रीय स्तर आंदोलन को संगठित करने को लेकर गंभीर विचार विमर्श हुआ। संगठनों ने तय किया कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 14 सितंबर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। और हैशटैग #रोजगार_बने_मौलिक_अधिकार के तहत सोशल मीडिया कैंपेन संचालित किया जायेगा। इसके तहत ईमेल, ट्विटर, फेसबुक, वाट्सएप द्बारा अपने क्षेत्र के सांसदों के साथ ही प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों को मांग पत्र भेज कर रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने का मुद्दा मजबूती से उठाया जायेगा।

बैठक में युवा हल्ला बोल व अन्य संगठनों द्वारा 17  सितंबर को रोजगार के सवाल पर आयोजित कार्यक्रम, रोजगार के सवाल पर 28 सितंबर से इलाहाबाद से लखनऊ पदयात्रा समेत इस दौरान होने वाले अन्य कार्यक्रमों का समर्थन करने का निर्णय लिया गया। 14 सितम्बर को संसद सत्र के समानांतर फेसबुक लाइव युवा संसद करने का भी प्रस्ताव लिया गया। बैठक में 24 लाख पदों की भर्ती, निशुल्क, पारदर्शी व समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया, बेकारी भत्ता, रोजगार सृजन के लिए कृषि, लघु कुटीर व सार्वजनिक उद्योगों की मजबूती, कारपोरेट पर टैक्स व लोकतंत्र की रक्षा जैसे मुद्दे उठाने का छात्रों ने निर्णय लिया।

कैम्पेन के समर्थन में मुख्य रूप से युवा हल्ला बोल के गोविंद मिश्रा, आइसा के सोनू यादव, इंकलाबी नौजवान सभा के अध्यक्ष राकेश सिंह, डीवाईएफआई के अध्यक्ष सत्यभान सिंह, युवा मंच के अनिल सिंह, जन जागरण अभियान उड़ीसा के मधुसूदन शेट्टी, बिहार से हितेश कुमार, ‘बात अधिकार की’ दिल्ली से रियासत फैज, युवा शक्ति संगठन के गौरव सिंह, भारत नौजवान सभा के अंबुज मलिक, राष्ट्रीय विद्यार्थी चेतना परिषद के मनोज यादव, किसान परिवार के अंशुल उमराव, इंकलाबी छात्र  मोर्चा से रामचंद्र, विद्यार्थी युवजन सभा के शैलेश मौर्य, सोनभद्र से जितेंद्र धांगर, वाराणसी से योगिराज सिंह, आजमगढ़ से जयप्रकाश यादव, आगरा से आराम सिंह गुर्जर, पवन पाल, त्रिभुवन नाथ, इलाहाबाद से युवा मंच के विनोवर शर्मा, जेपी कुशवाहा, विश्वविद्यालय में शोध छात्र अनुराग वर्मा, आलोक राजभर आदि मौजूद रहे। वर्चुअल मीटिंग का संचालन युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने किया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।) 

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