कल यानि 2 दिसंबर को लखनऊ में होगा युवाओं का रोजगार अधिकार मार्च

लखनऊ। पूरे उत्तर प्रदेश का छात्र-नौजवान बेरोजगारी से त्रस्त है। अलग-अलग सवालों पर संघर्ष कर रहा है। वह चाहे प्राथमिक विद्यालयों में नई शिक्षक भर्ती का सवाल हो, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 27000 पदों को विज्ञापित करने, चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का सवाल हो, यूपीएसएसएससी की कार्यप्रणाली व नियुक्ति का सवाल हो, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का मामला हो, 69000 शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार व आरक्षण घोटाला, पुलिस भर्ती व यूपीएसआई का मामला हो या अभी हाल ही में टीईटी, जो पात्रता परीक्षा थी उसका पेपर लीक होने का मामला हो। इन सभी आयोग- बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं की बदहाल स्थिति से नुकसान गरीब किसान मजदूर पृष्ठभूमि से आने वाले बेरोजगार छात्रों नौजवानों को उठाना पड़ता है।

जिसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह सीधे सीधे सरकार है। यह कहना है आरवाईए के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य का। उनका कहना है कि अलग-अलग लड़ाई लड़ने के बजाय एकजुटता के साथ पूरे प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ सम्मानजनक रोजगार के अधिकार के लिए मजबूती से आवाज बुलंद की जाए ।इसी दिशा में यूपी मांगे रोजगार अभियान जारी है। 2 दिसंबर यानि लखनऊ में पूरे प्रदेश का छात्र नौजवान आंदोलन के लिए पहुंच रहा है जिसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बुद्धिजीवियों के साथ-साथ किसान आंदोलन, महिला आंदोलन, विश्वविद्यालय के छात्रों की तरफ से भी बड़े पैमाने पर यूपी मांगे रोजगार अभियान के तहत चलाए जा रहे रोजगार आंदोलन को समर्थन मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि यूपी मांगे रोजगार अभियान में शामिल दर्जन से अधिक छात्र युवा संगठनों व रोजगार आंदोलनों ने 25 लाख सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने, पाँच वर्ष में 70 लाख नौकरी देने के वादे का क्या हुआ? योगी सरकार जवाब दो! रोजगार पर श्वेत पत्र जारी करने, देश की संपत्तियों को बेचने का फैसला वापस लेने, सभी स्वरोज़गारियों के क़र्ज़ अविलंब माफ़ करने, सभी बेरोजगार नौजवानों को 10 हजार रुपया बेरोजगारी भत्ता देने, 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले की जांच कराने, आरक्षित पदों पर गैर आरक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द करने, भर्तियों में सामाजिक न्याय से छेड़छाड़ बंद करने, नौकरियों में सामाजिक न्याय की गारंटी करने, जिले में फैक्ट्रियों-कारखानों को चालू कर नौजवानों को रोजगार देने, सभी संविदा कर्मियों को स्थाई नियुक्ति करने, समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी करने, प्रतियोगी परीक्षाओं में हुए पर्चा लीक/धांधली आदि की जांच कराकर दोषियों को सजा देने, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं नियमितता की गारंटी करने हेतु सांस्थानिक बदलाव लाने ,फार्म का दाम मुफ्त करने ,एडमिट कार्ड को बस रेल पास घोषित करने, परीक्षा सेंटर नई शिक्षा नीति 2020 रद्द करने निजीकरण पर रोक लगाने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मांग को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है।

 यूपी मांगे रोजगार अभियान के संयोजक सुनील मौर्य ने छात्रों नौजवानों से  बड़ी से बड़ी एकता के साथ अपने रोजगार के हक के लिए 2 दिसंबर को लखनऊ पहुंचने की अपील की है।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

Janchowk
Published by
Janchowk