टिकैत की भावुक अपील के बाद लोग गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने शुरू, टिकैत के घर पर उमड़ी भीड़

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के नाम पर प्रशासन उनकी हत्या की साजिश रच रहा है। उन्होंने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि विधानसभा लखनऊ के नाम का पास लगी गाड़ियों में हथियारबंद गुंडे धरने पर भेजे गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से कहा है कि आपका पानी रोक दिया गया है। जब तक गांव से पानी लेकर धरने पर आओगे पानी नहीं पियूंगा। और इसी बात को कहते हुए राकेश टिकैत बेहद भावुक हो गए और उनकी आंख से आंसू बहने लगे। यह सब देखकर आस-पास मौजूद तमाम किसानों ने उन्हें दिलासा देना शुरू कर दिया।

इसका नतीजा यह हुआ है कि आस-पास के गांव के लोगों ने धरनास्थल की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है। और मुजफ्फरनगर के गांव सिसौली में टिकैत के घर के सामने भारी तादाद में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी है। और लोगों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ खासा रोष है। बताया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर के कई इलाकों से किसान दिल्ली की तरफ कूच कर गए हैं।

इस बीच, रालोद के वरिष्ठ नेता अजित सिंह ने टिकैत से बात कर उनके साथ पूरी एकजुटता जाहिर की है। इस बदले घटनाक्रम ने तस्वीर का रुख बिल्कुल बदल दिया है। जो प्रशासन अभी तक आक्रामक था अब उसने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। धरनास्थल पर भी प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गयी है। और अगर यही सिलसिला बना रहा तो कल तक वहां भारी तादाद में एक बार फिर लोगों की जुटान हो सकती है।

आपको बता दें कि शाम को पहले पुलिस बल के जवानों ने गाजीपुर बार्डर पर फ्लैग मार्च किया और फिर शाम ढलते ही उन्होंने आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। पहले टिकैत ने प्रशासन से बात कर सभी किसानों को छोड़ देने और केवल पांच नेताओं की गिरफ्तारी का प्रस्ताव दिया था। जिस पर तकरीबन दोनों पक्षों में सहमति बन गयी थी। लेकिन उसी बीच पुलिसकर्मी टिकैत को गिरफ्तार करने के लिए मंच पर चढ़ गए।

यह बात टिकैत को बहुत बुरी लगी और उन्होंने इसे अपना और किसानों का अपमान करार दिया और इसके साथ ही उन्होंने गिरफ्तारी देने से इंकार कर दिया।

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