बीड रैली: अजित पवार को मिलेगा आशीर्वाद या कोर्ट से मिलेगा शरद पवार का कानूनी डंडा

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के बीड में आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की रैली पर देश भर की नजर लगी हुई है। हर किसी को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के संबोधन का इंतजार है। सारे शहर में शरद पवार के स्वागत में पोस्टर लगाए गए हैं। एनसीपी के बागी अजित पवार गुट ने भी शरद पवार के स्वागत में पोस्टर-बैनर लगाए हैं, जिनमें शरद से राजनीतिक रूप से अलग हुए भतीजे को ‘आशीर्वाद’ देने का अनुरोध किया गया है। इस पोस्टर के आने के बाद सियासी हलकों में फिर से तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। जिस रैली में शरद पवार से स्पष्ट राजनीतिक संदेश देने की उम्मीद की जा रही है, वहां भी बागी गुट के पोस्टर उनके स्वागत में लगे हैं।

जबकि कुछ दिन पहले शरद पवार ने बागी गुट से अपनी फोटो और नाम का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। चेतावनी के बाद भी बागी गुट उनके आशीर्वाद का आकांक्षी बना हुआ है। ऐसे में आज इस मुद्दे से पर्दा हटाने के लिए सबको शरद पवार की राय का इंतजार है।

शिवसेना (यूबीटी) ने गुरुवार को कहा कि पिछले हफ्ते पुणे में चाचा-भतीजे की बैठक के बाद पैदा हुई ‘भ्रम’ की स्थिति समाप्त हो गई है। संजय राउत ने कहा कि “पवार ने न केवल अजित गुट को उनकी तस्वीर का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है, बल्कि उन्होंने दृढ़ता से यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकट में हैं और 2024 में सत्ता में नहीं लौटेंगे। इसलिए, अजित पवार के साथ उनकी मुलाकात से जो भ्रम पैदा हुआ है, वह समाप्त हो गया है।”

बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पवार ने कहा था कि अगर अजित पवार गुट ने अपने बैनरों और पोस्टरों पर उनकी तस्वीर का इस्तेमाल बंद नहीं किया तो वह कानूनी सहारा लेंगे। पवार ने यह भी कहा कि 2024 के चुनावों के बाद देश में माहौल मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में वापसी के अनुकूल नहीं है।

हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि असली तस्वीर राकांपा प्रमुख की गुरुवार दोपहर को होने वाली बीड रैली के बाद स्पष्ट हो जाएगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि “मुझे लगता है कि बीड रैली में हर कोई यह सुनना चाहेगा कि शरद पवार भतीजे अजीत पवार के साथ अपनी मुलाकात के बारे में क्या कहते हैं।”

पार्टी में बगावत के बाद बीड जिले में हो रही एनसीपी की यह दूसरी रैली है। बीड एनसीपी के बागी गुट के धनंजय मुंडे का क्षेत्र है। जबकि एक सप्ताह पहले नासिक में रैली आयोजित हुई थी। नासिक एनसीपी के दूसरे बागी नेता छगन भुजबल का क्षेत्र है।

इस रैली पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों की नजर लगी हुई है। क्योंकि हाल ही में घटे कुछ घटनाक्रम ने महा विकास अघाड़ी के साथ ही इंडिया गठबंधन को संशय में डाल दिया। दरअसल, एनसीपी में विघटन के बाद भी शरद पवार का भतीजे अजित पवार से मिलना-जुलना बंद नहीं हुआ है। शरद पवार और अजित पवार की लगातार मुलाकात की खबरों ने घटक दलों के साथ ही एनसीपी के नेताओं को भी संदेह में डाल दिया है। ऐसे में आज एनसीपी प्रमुख से उम्मीद है कि वह अजित पवार से मुलाकात के पैदा हुए विभ्रम की स्थिति को साफ करेंगे।

पिछले शनिवार को पुणे में एक व्यवसायी के घर पर शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात हुई थी। कहा जा रहा है कि जुलाई में यह उनकी कम से कम चौथी मुलाकात थी। इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में उनके महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सहयोगियों का विश्वास डगमगाने लगा। शिवसेना के उद्धव ठाकरे, संजय राउत और महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नाना पटोले ने अजित पवार से हो रही लगातार मुलाकातों पर रूख साफ करने को कहा। शरद पवार ने इस मुलाकात को पारिवारिक बताया।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजित पवार के सामने शर्त रखी थी कि अगर वह महाराष्ट्र के सीएम बनना चाहते हैं तो उन्हें शरद पवार को शामिल करना होगा। लेकिन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इस बात से इनकार किया कि पवार को ऐसी कोई पेशकश की गई थी।

विजय वडेट्टीवार ने संवाददाताओं से कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजित पवार से कहा है कि अगर वह चाहते हैं कि उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो तो उन्हें शरद पवार को अपनी तरफ करना होगा…और इसीलिए अजित पवार बार-बार शरद पवार से मिल रहे हैं और उनसे विनती कर रहे हैं।”

बीड रैली अजित के 2 जुलाई के विद्रोह के बाद अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करने के पवार के प्रयासों का हिस्सा है, जिसने इसे कमजोर कर दिया था। अजित के भाजपा के पक्ष में जाने के एक दिन बाद, पवार ने कराड में यशवंतराव चव्हाण स्मारक का दौरा किया था। 82 वर्षीय शरद पवार ने उस समय कहा था कि “मैं राज्य और देश की यात्रा करूंगा और लोगों से जुड़ूंगा। यह भविष्य के लिए मेरी रणनीति है। मैं जनता तक पहुंचने जा रहा हूं।”

अपने भतीजे के साथ उनकी मुलाकात को लेकर चल रही अटकलों के बाद से, पवार ने इस सप्ताह कई बार स्पष्ट किया है कि वह कभी भी भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे।

एनसीपी से जुड़ा एक और दिलचस्प सवाल यह है कि नवाब मलिक का झुकाव किस तरफ है? पूर्व राज्य मंत्री को पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दे दी थी। वह सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल से बाहर चले गए, जहां उनका इलाज चल रहा था। पवार की बेटी लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले और अजित खेमे के नरेंद्र राणे और संजय तटकरे दोनों उनका स्वागत करने के लिए वहां मौजूद थे। सुले मलिक के साथ उनके घर गईं। बुधवार को नवाब मलिक और अजित पवार की एक साथ तस्वीर सामने आई, जो उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के उनके घर गए थे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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