भगवा आतंकियों ने शिव विहार की मदीना गली को तबाह कर दिया, नाजी मीडिया ने जानबूझकर नहीं दिखाई खबर

उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंदू बाहुल्य शिव विहार में सबसे ज़्यादा कहर ढाया गया है। इसके बावजूद मीडिया लगातार शिव विहार में हुई बर्बरता की रिपर्टिंग से परहेज कर रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि शिव विहार में भगवा दहशतगर्दों की अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ़ की गई बर्बरता, आगजनी, यौन हिंसा, लूट और मार-काट का अभियान उनके और उनके आका के एजेंडे के खिलाफ़ तस्वीर पेश करता है।

बता दें कि शिव विहार गाजियाबाद जिले के लोनी क्षेत्र से लगा हुआ है। शिव विहार की मदीना गली को जलाकर खाक कर दिया गया है। दो गैराजों में रखी सौ से अधिक कारों, ऑटो रिक्शा और अन्य वाहनों को जलाकर नस्तोनाबूत कर दिया गया है। शिव विहार के 200 से ज़्यादा घरों को फूंक दिया गया। हजारों लोग पलायन कर गए हैं। 400 से ज्यादा महिलाएं और बच्चों ने इंदिरा विहार में एक रेस्क्यू कैंप में शरण ले रखी है। 

दर्जनों गर्भवती महिलाओं को इस हालत में भी जान बचाने के लिए दौड़ना भागना पड़ा। इससे कई की जान जोखिम में पड़ गई। गर्भवती रफ़त बताती हैं कि दहशतगर्द जय श्री राम के नारे लगाते हुए उनके घर में घुस आए थे। वो दूसरे की छत से कूदकर भागी हैं। उन्हें शरीर में जगह-जगह चोट आई है। रफ़त दिल्ली पुलिस पर बेहद संगीन आरोप लगाते हुए कहती हैं कि उनकी आंखों के सामने पुलिस उनके समुदाय के भागते लोगों को पकड़ पकड़कर उन दहशतगर्दों के हवाले कर रही थी। लोगों को काट काट कर नाले में डाल दिया गया। घरों से गहने पैसे सब लूट लिए गए।

रुबीना बताती हैं कि हम अपने घरों में घुस गए। अंदर से दरवाजे बंद कर लिए तो वो लगातार हमारे घर के दरवाजों पर खड़े होकर जय श्री राम के नारे लगा रहे थे और दरवाजे लाठियों से पीट रहे थे। फातिमा बताती हैं कि दहशतगर्दों ने उनके कपड़े फाड़ डाले। गहने पैसे सब लूट लिए गए। कुछ दिन बाद ही उनकी बिटिया का विवाह था। उसकी शादी के लिए उन्होंने रुपये-गहने इकट्ठे करके रखे थे। सब लूट लिया।

शिव विहार की ही साबिया छात्रा हैं। वो बताती हैं कि घर के साथ मेरे सारे डॉक्युमेंट जलकर खाक हो गए। एक महिला बताती हैं कि वो अपनी बिटिया को लेकर भाग रही थीं तो दहशतगर्दों ने उनकी बिटिया के पैर पकड़कर खींचना चाहा लेकिन वो बिटिया को लेकर छत से कूद गईं। उसके पैर टूट गए। वो कहती हैं कि वो हमारे किवांड़ों पर लाठियां पीट रहे थे। पथराव कर रहे थे। पुलिस हमारी मदद नहीं कर रही थी। 

गुजरात मॉडल की तर्ज पर शिव विहार की मस्जिदों और घरों को जलाने में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। गुजरात की ही तरह शिव विहार की मस्जिदों और दुकानों-मकानों में आग लगाकर उनमें सिलेंडर फेंककर उड़ा दिया गया। मुस्लिम कम्युनिटी की पूरे बाज़ार की दुकानों को लूटकर जला दिया। बिलकुल ऐसा ही पैटर्न साल 2002 के गुजरात जनसंहार में भी देखा गया था। सिलेंडर का इस्तेमाल करके शिव विहार की मदीना गली को कब्रिस्तान बना दिया गया है। 

पीड़ित महिलाएं बताती हैं कि उन पर पेट्रोल बम और पत्थर बरसाए गए। लोग घर छोड़कर भागे। तो उन पर एसिड से हमले किए गए। 21 नंबर गली में शिव विहार की नूरजहां बताती हैं कि राजधानी पब्लिक स्कूल की ओर से गली में आए और आग लगा दी। सिलेंडर उठाकर हमारे घरों में फेंक दिए। कपड़े का शो रूम फूंक दिया। ख़ान मेडिकल में आग लगा दी गई। लोग-बाग अपनी बकरियों, मुर्गियों सबको छोड़कर भागने को विवश हुए। ये उनकी आजीविका के साधन थे। 

बाहुबली फिल्म की तर्ज पर राजधानी पब्लिक स्कूल की छत पर पेट्रोल बम लांचर बनाया गया था। शिव विहार के बाबूनगर स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल के गार्ड मनोज के मुताबिक डेढ़ सौ के करीब दहशतगर्द स्कूल में घुसे और स्कूल में आगजनी की। फर्नीचर तोड़ा और स्कूल की छत की दीवार पर बाहुबली फिल्म की तर्ज पर लोहे को दो एंगलों से विशालकाय गुलेल बनाकर उससे पूरे मुस्लिम इलाके में पेट्रोल बम फेंकने के लिए इस्तेमाल किया।

आतंकवादियों ने पूरे दो दिन इस स्कूल पर कब्जा किए रखा और इस स्कूल का इस्तेमाल लांचिंगपैड के तौर पर किया और पूरे शिव विहार इलाके में जबर्दस्त तबाही मचाई गई। केमिकल फैक्ट्री पर कब्जा करके भी बर्बादी फैलाई गई। शिव विहार के नजदीकी गोविंद विहार इलाके में फिरोज ख़ान की केमिकल फैक्ट्री थी। इसमें घरेलू इस्तेमाल के लिए व्यवसायिक स्तर पर तेजाब का उत्पादन कई वर्षों से किया जा रहा था।

दिल्ली में हिंसा के दौरान भगवा दहशतगर्दों ने इस फैक्ट्री पर कब्जा कर लिया। इसके बाहर खड़े ट्रकों को आग के हवाले कर दिया और फैक्ट्री में रखे तेजाब का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय पर हमला करने के लिए किया गया।

बता दें कि हिंसा के दौरान जीटीबी अस्पताल आए पीड़ितों में कई तेजाब हमले के शिकार हुए लोग भी थे। बाद में मीडिया के लोग पूरी बेशर्मी से इस केमिकल कंपनी के आधार पर शिव विहार के पीड़ित अल्पसंख्यों को ही हमलावर और दहशतगर्द साबित करने की कोशिश में जुट गए। भक्ति विहार पुलिया पर हर गुजरने वाले का पैंट उतरवाकर उसकी धार्मिक शिनाख्त की जा रही थी।

एक महिला बताती हैं कि भक्ति विहार पुलिया पर उस दौरान पूरे दो तीन दिन लगातार हर आने जाने वाले की पैंट उतरवाकर देखा जा रहा था कि वे हिंदू हैं कि मुसलमान हैं। मुसलमान होने पर उनकी बाइक आग के हवाले कर दी गई और उन्हें मारा गया। गली के लोगों ने हमारी शिनाख्त करवाकर लुटवाया मरवाया है। 

शिव विहार की एक पीड़ित महिला बताती हैं कि दंगाई अपनी पैंट खोलकर मुस्लिम महिलाओं से कह रहे थे कि तुम्हें आजादी चाहिए न, ये लो आजादी, ले लो आजादी। फिर उन्होंने कई महिलाओं के कपड़े फाड़ डाले। महिलाओं ने बताया कि अगर हम उस दिन नहीं भागते तो वो हमें मार देते। यहां कैंपो और दूसरों के घरों में हम दूसरों के कपड़े पहन रहे हैं।

(सुशील मानव लेखक और पत्रकार हैं। वह दिल्ली में रहते हैं।)

सुशील मानव
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