महान स्पिनर और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन

नई दिल्ली। भारत में खेले जा रहे वर्ल्ड कप क्रिकेट के बीच एक बेहद दुखद खबर है। भारतीय क्रिकेट के मशहूर खिलाड़ी और दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है। वह 77 साल के थे। 1970 के दशक में क्रिकेट की दुनिया में बेदी, प्रसन्ना, चंद्रशेखर और राघवन की जोड़ी बेहद मशहूर थी।

बिशन सिंह बेदी का जन्म 25 सितंबर, 1946 को अमृतसर में हुआ था। वे बाएं हाथ के शानदार गेंदबाज थे। उनकी अंगुलियों में जादू था। उनकी गेंदबाजी के दौरान बल्लेबाजों के छक्के छूट जाते थे। उन्होंने भारत के लिए 1966 से 1979 के बीच टेस्ट खेला। 

इसके अलावा उन्होंने 22 टेस्ट मैचों के लिए कप्तानी भी की थी। अपनी गेंदबाजी के जरिये उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट लिए। 

अगर उनके क्रिकेट कैरियर की बात की जाए तो घरेलू क्रिकेट में बेदी 15 साल की उम्र से उत्तर पंजाब के लिए खेलते थे। वह 1968-69 और 1974-75 की रणजी ट्राफी सीजन के लिए दिल्ली गये थे। जहां उन्होंने रिकॉर्ड 64 विकेट लिए। बेदी बहुत समय तक इंग्लिश काउंटी के लिए भी खेले। अपने खेल जीवन के फर्स्ट क्लास कैरियर में उन्होंने कुल 1560 विकेट लिए। जो शायद ही किसी दूसरे खिलाड़ी को नसीब हो पाया।

उनकी बॉलिंग को बेहद कलात्मक कहा जाता था। वह स्पिन की तकरीबन सभी खूबियों के जानकार थे। स्पिन गेंदबाज होने के कारण वह उतना थकते भी नहीं थे जिसका नतीजा था कि वह दिन भर बॉलिंग कर सकते थे।अपने घरेलू जीवन में भी वह बेहद सरल थे। उनका कहना था कि वह अपने कपड़े खुद धोते थे। किसी शख्स के लिए इससे बेहतर इक्सरसाइज कोई दूसरी नहीं हो सकती है।

उनका सबसे बढ़िया प्रदर्शन 1969-70 के दौरान आस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में था। जहां उन्होंने 98 गेंदों में सात विकेट लिए। उनका सबसे बढ़िया मैच फीगर 1978-79 के दौरान पर्थ में था। जब उन्होंने 194 रनों पर 10 विकेट विकेट लिए। हालांकि उनकी बल्लेबाजी उतनी मजबूत नहीं थी। उनकी बल्लेबाजी का अधिकतम स्कोर 50 रन नॉटआउट का है। टेस्ट में उन्होंने अकेला अर्धशतक 1976 में कानपुर में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ लगाया था।

बेदी को 1976 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया। उन्होंने मंसूर अली खान पटौदी के बाद इस जिम्मेदारी को संभाली। उनकी कप्तानी का कमाल था की भारतीय टीम ने 1976 में पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच जीता। उसके बाद उसने न्यूजीलैंड को भी 2-0 से हराया। हालांकि उसके बाद लगातार कई श्रृंखलाओं में हार के बाद कप्तानी सुनील गावस्कर के पास चली गयी।

रिकॉर्ड के मामले में बात की जाए तो लांस गिब्स के बाद बेदी पहले खिलाड़ी हैं जिनके पास सबसे ज्यादा मैडन ओवर फेंकने का रिकॉर्ड है। उन्होंने हर विकेट के हिसाब से 4.2 मैडेन ओवर डाले।

बिशन सिंह बेदी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि यह क्रिकेट के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। एक्स पर उन्होंने कहा कि लिजेंड क्रिकेटर और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के जाने से बेहद दुखी हूं। स्पिन गेंदबाजी की उनकी अपवादपूर्ण प्रतिभा ने क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा निशान छोड़ा है जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकेगा।

सोशल मीडिया पर उनके लिए श्रद्धांजलियों का तांता लग गया है। और ट्विटर पर  #BishanSinghBedi ट्रेंड कर रहा है।  

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