एजेंसियों के जरिये बीजेपी कर रही है कंपनियों से हफ्ता वसूली: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने बीजेपी पर वसूली का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि उनके पास इसके सुबूत हैं। उन्होंने कहा कि पहले 30 कंपनियों पर सरकारी एजेंसियों के जरिये छापे डाले गए और फिर उसके बाद उनसे चंदे के नाम पर बीजेपी ने 335 करोड़ रुपये की वसूली की। इससे संबंधित एक पत्र भी कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने देश के वित्तमंत्री को लिखा है।

उन्होंने कहा कि आज जो मैं विषय उठा रहा हूं वो हफ्ता वसूली का प्रतीक है। ये ब्‍लैकमेल की राजनीति है और ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स सरीखी संस्‍थाओं का दुरुपयोग हुआ है। राजनीतिक दल के खिलाफ जो कार्रवाई की गई थी कल उसके बारे में हमने जानकारी दी। आज मैं आपको जानकारी देना चाहता हूं कि इन्हीं संस्थाओं का देश की निजी कंपनियों के खिलाफ किस तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है, ताकि उनसे चंदा लिया जाए, हफ्ता वसूली की जाए। 

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने, वित्त मंत्री को एक खत भी लिखा है। खत में सारी डिटेल हैं और ये जानकारी कई डिजिटल न्‍यूज साइट में भी प्रकाशित हुई हैं और ये सारी जानकारी इलेक्‍शन कमीशन, चुनाव आयोग की वेबसाइट से ही प्राप्‍त हुए हैं। 

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि मोटे तौर पर बात ये है कि 2018-19 और 2020-23 वित्तीय वर्षों में यानि इन चार वर्षों में करीब 30 निजी कंपनियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की शुरुआत हुई, सीबीआई की जांच की शुरुआत हुई, इनकम टैक्‍स की जांच की शुरुआत हुई। करीब 30 कंपनियां हैं, जिनके नाम भी इलेक्‍शन कमीशन की वेबसाइट पर मौजूद हैं, आप देख सकते हैं, ये प्रकाशित भी हुआ है।

30 कंपनियां है, जिनके खिलाफ ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्‍स को छोड़ा गया और उनसे इन चार सालों में बीजेपी पार्टी को 335 करोड़ रुपया चंदा मिला है। एक करोड़ नहीं, दस करोड़ नहीं, सौ करोड़ नहीं, 335 करोड़ रुपया और ये डिक्‍लेयर्ड है, ये घोषित किया गया है बीजेपी की ओर से और ये सब जानकारी इलेक्‍शन कमीशन की वेबसाइट मौजूद है। 30 कंपनियां हैं, इन चार साल में 335 करोड़ रुपया चंदा बीजेपी को मिला है और हम समझते हैं, ये और कुछ नहीं बल्कि हफ्ता वसूली है।

कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो 2018 के पहले कभी बीजेपी पार्टी को चंदा नहीं दी थीं। 2018 के बाद उन्‍होंने चंदा देना शुरू किया। कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जिनके खिलाफ जो कार्रवाई शुरू की गई है वो कांग्रेस पार्टी को चंदा दिया करते थे पहले, वो कांग्रेस पार्टी को भी चंदा देना बंद कर दिए हैं अब।

कंपनियों के खिलाफ जो कार्रवाई करनी है आप कीजिए, अगर कोई कानून का उल्‍लंघन हुआ है तो ज़रूर कार्रवाई होनी चाहिए, पर धमकी देकर, ईडी के द्वारा धमकी देकर, सीबीआई के द्वारा धमकी देकर और इनकम टैक्‍स के द्वारा धमकी देकर उन्‍हीं कंपनियों से, उन्‍हीं निजी कंपनियों से चंदा लेना, मैं समझता हूं कि ये बिल्‍कुल साफ दर्शाता है कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्‍स की जांच का मूल मकसद क्‍या था? मूल मकसद यही था – हफ्ता वसूली। ये ब्‍लैकमेल की राजनीति की एक मिसाल है।

उन्होंने कहा कि हमारी ओर से, हमारे महासचिव संगठन ने वित्त मंत्री को लिखा है कि ये बिल्‍कुल नामुमकिन है, हालांकि मोदी है तो मुमकिन है। ऐसे ही जो कारनामे होते हैं, इन्‍हीं के कार्यकाल में हुआ है – कभी किसी राजनीतिक दल का खाता बंद नहीं हुआ है, किसी पर इनकम टैक्‍स का नोटिस इतनी भारी मात्रा में नहीं आया है और इस तरह किसी निजी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है, ताकि आप उनसे चंदा हासिल करें। तो हमने इसकी जांच की मांग की है, हमने सवाल भी उठाए हैं वित्त मंत्री से जो आप पढ़ेंगे।

तो हमने तीन सवाल उठाए हैं। एक सवाल तो ये है कि आपने तो अर्थव्‍यवस्‍था पर श्‍वेत पत्र प्रकाशित किया, क्‍या आप इस हफ्ता वसूली पर एक श्‍वेत पत्र प्रकाशित करेंगे? क्‍या जनता को विश्‍वास में लेंगे कि आपके पार्टी को चंदा मिला है, कहां-कहां से चंदा मिला है? और ये विषय और भी महत्‍व रखता है, क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड परियोजना हमारे संविधान के खिलाफ है।

दूसरा जो सवाल हमने उठाया है कि आप अगर, जैसा कि आप दावा करते हैं कि आपकी ये फ़ाइनेंसिंग सही, पार्टी की फ़ाइनेंसिंग बिल्‍कुल पारदर्शिता से होता है, आपको कुछ छुपाने की जरूरत नहीं है। अगर ये बात सही है कि जो जानकारी आई है, चुनाव आयोग की वेबसाइट में जो जानकारी ली गई है इन न्‍यूज़ पोर्टल के द्वारा, क्‍या आप उसका खंडन करेंगे, क्‍या आप उसका खंडन करेंगे कि इस कंपनी ने, जिसके खिलाफ ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्‍स की जांच हो रही है, उसी कंपनी से आपको ये चंदा नहीं मिला है, क्‍या आप इससे इनकार कर सकते हैं कि पिछले चार सालों में 335 करोड़ रुपया बीजेपी के खाते में आया है।

ये इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड के द्वारा नहीं, ये ईडी बॉन्‍ड है, सीबीआई बॉन्‍ड है, इनकम टैक्‍स बॉन्‍ड है, इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड नहीं। इन कंपनियों के नाम भी सब लोग जानते हैं इस वेबसाइट के माध्‍यम से।

तीसरा सवाल जो हमने कहा है कि अगर आपकी नीयत साफ है, अगर आपने कुछ गलती नहीं की है, तो क्‍या आप एक सुप्रीम कोर्ट द्वारा मॉनीटर्ड जांच को स्‍वीकार करेंगे, क्‍योंकि आप बार-बार कहते हैं कि हम लोकतंत्र को साफ करना चाहते हैं, हम फ़ाइनेंसिंग को साफ करना चाहते हैं, हम पारदर्शिता लाना चाहते हैं। इसी दावे के साथ आपने इलेक्‍टोरल बॉन्‍ड की घोषणा की थी, जो सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि वो कानून के खिलाफ और संविधान के खिलाफ था और ये लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक साबित हुआ है।

तो क्‍या अगर आपकी नीयत साफ है, अगर आपके पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है, तो इन तीन सवालों का जो कांग्रेस पार्टी ने उठाए हैं और हमारे महासचिव संगठन ने वित्त मंत्री को लिखा है, क्‍या उसका जवाब आप देंगे।

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