शामली: गांव वालों के विरोध के चलते लाव-लश्कर लेकर भागे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जमकर लगे मुर्दाबाद के नारे

उत्तर प्रदेश के शामली में खाप चौधरियों से मिलने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान तो उनका जमकर विरोध हुआ। शामली में ग्रामीणों द्वारा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के काफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर उनके काफिले को आगे बढ़ने से रोक दिया गया लोगों ने गाँव मे घुसने नहीं दिया। उनके खिलाफ़ ग्रामीण किसानों ने मुर्दाबाद के नारे लगाये। 

बता दें कि आज रविवार को शामली जिले में खाप कालखंडे, बुड़ियान खाप, गठवाल खाप के चौधरियों से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान मुलाकात करने पहुंचे लेकिन यहां खाप चौधरियों ने उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया कि वह पद छोड़कर आएं तो उनका स्वागत है। 

वहीं केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने किसानों द्वारा विरोध किये जाने पर कहा है कि 10 लोगों के मुर्दाबाद करने से कुछ नहीं होता।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की किसान पंचायतों से दहशत में भाजपा 

बता दें कि एक सप्ताह के भीतर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुज़फ़्फरनगर, सहारनपुर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ताबड़तोड़ किसान महापंचायत और कृषि कानूनों को लेकर किसानों में नाराजगी ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी क्रम में अब भाजपा भी सक्रिय हो गई है। रविवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने खाप नेताओं को मनाने की कोशिश की। वहीं खाप चौधरियों  ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि पद छोड़कर आएं तो उनका स्वागत है।

बता दें कि भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली में हुई बैठक में किसानों से कहा था कि भाजपा नेताओं को अपने कार्यक्रमों में न बुलाएं। 

जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ़ हो रही तीखी प्रतिक्रिया के बाद भाजपा ने अपने जाट बिरादरी के नेताओं को खाप चौधरियों के पास जाने को कहा।

भाकियू अध्यक्ष एवं बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत के बयान के बाद भाजपा नेता खाप चौधरियों से मिलने पहुंचे। इसी क्रम में आज रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान दोपहर दो बजे गांव लिसाढ़ में गठवाला खाप के मुखिया चौधरी हरिकिशन मलिक के आवास पर पहुंचे। इसके बाद दोपहर एक बजे गांव भभीसा में सचिन बाबा, दो बजे शामली में धर्मवीर सिंह के आवास पर पहुंचे। शाम तीन बजे लिलौन में कालखंडे खाप के चौधरी संजय कालखंडे के आवास पर पहुंचे थे।  

इसके पहले हरियाणा में किसान सूबे के मुख्यमंत्री खट्टर का विरोध किए थे और उन्हें सभा नहीं करने दी थी।

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