चंपत राय ने नगीना में गौशाला की जमीन पर परिवार को दिलाया कब्जा, खुलासा करने वाले पत्रकार विनीत नारायण पर केस

नई दिल्ली। बिजनौर पुलिस ने एक जमाने के चर्चित पत्रकार विनीत नारायण और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ एक फेसबुक पोस्ट में वीएचपी नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाने के लिए एफआईआर दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक नारायण ने आरोप लगाया है कि चंपत राय एक अवैध भूमि कब्जा के मामले में शामिल रहे हैं।

अपनी पोस्ट में नरायण ने एक आवेदन नत्थी किया है जिसमें एनआरआई  अल्का लाहोटी जो अब इंडोनेशिया में रहती हैं, की एक गौशाला की जमीन को कब्जा कर उस पर डिग्री कालेज बनाने का आरोप लगाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस में मामले में स्थानीय प्रशासन को अल्का ने आवेदन दिया है और उस पर सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी आख्याएं भी दी हैं। लेकिन चंपत राय के दबाव में प्रशासन मामले पर कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है।

पूरा मामला यह है कि बिजनौर के नगीना कस्बे में अल्का और उनके परिजनों ने श्रीकृष्ण गौशाला नाम से एक गौशाला चलता है। इसकी स्थापना 1953 में हुई थी। बताया जा रहा है कि इसमें तकरीबन 150 गायें रहती हैं और उनकी सेवा और खाने खर्चे की पूरी जिम्मेदारी अल्का का परिवार उठाता है। लेकिन इस बीच चंपत राय जो कि नगीना के ही रहने वाले हैं, के परिवार ने उस जमीन के एक बड़े हिस्से तकरीबन 20 हजार वर्ग मीटर (कीमत तकरीबन 50 करोड़) पर कब्जा कर उस पर श्रीकृष्ण महाविद्यालय नाम का एक विद्यालय स्थापित कर दिया है। और बताया जाता है कि चंपत राय के प्रभाव का इस्तेमाल कर उसे मान्यता भी दिलवा दी गयी है।

विनीत नारायण ने अपनी पोस्ट में कहा है कि कब्जे की सूचना मिलने पर“…… अलका लाहोटी भागकर इंडोनेशिया से आयीं और अपने परिवार की धर्मार्थ गौशाला को इन भूमफ़ियाओं के क़ब्ज़े से मुक्त कराने के लिए 2018 से हर स्तर पर लगातार संघर्ष कर रही हैं। इस पूरे कांड की सारी जानकारी संघ परिवार, भाजपा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी सहित (स) भी महत्वपूर्ण लोगों को है।”

दिलचस्प बात यह है कि अल्का लाहोटी और चंपत राय के बीच पारिवारिक संबंध हैं। इस रिश्ते की बिना पर जब लाहोटी ने चंपत राय से संपर्क किया और कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराने की उनसे मांग की तो उन्होंने जैसा कि विनीत नारायण ने अपनी पोस्ट में लिखा है, कहा “ये भी (क़ब्ज़ा करने वाले) अपने परिवार के लोग हैं और मैं पहले इनकी मदद कर चुका हूँ इसलिए अब मै तुम्हारी कोई कोई मदद नहीं कर सकता”।”

विनीत नारायण का कहना है कि “श्रीमती लाहोटी ने मुझे लगभग 50 दस्तावेज भेजे हैं, जिन्हें पढ़कर ही सारा घोटाला साफ़ सिद्ध हो जाता है। आगे जाँच की भी ज़रूरत नहीं है। जो प्रशासनिक स्तर पर हो चुकी है।”

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक चंपत राय के भाई संजय बंसल द्वारा दायर की गयी एफआईआर में कहा गया है कि “पोस्ट में जो कुछ भी कहा गया है वह झूठ और मनगढ़ंत है………विनीत नारायण और दूसरे आरोपियों ने अल्का के साथ परिवार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा है। इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। और सामाजिक व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका है।”

पुलिस ने नारायण और उनके सहयोगी रजनीश तथा लाहोटी के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 14 और आईटी के दो सेक्शन के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

18 जून को नारायण जो इस समय पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करने वाले ब्रज फाउंडेशन नाम के एक एनजीओ से जुड़े हैं, ने लाहोटी की जमीन पर कब्जे में चंपत राय का भी हाथ होने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब उसने नारायण से संपर्क करने की कोशिश की तो उनके सहयोगी रजनीश ने उनको गाली के साथ धमकी भी दी।

बिजनौर के एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह का कहना है कि “ऐसा लगता है कि चंपत राय के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। यहां तक कि उनके परिवार के खिलाफ भी लगाए गए आरोपों में कोई प्रामाणिकता नहीं है…..पुलिस सभी पक्षों से मामले की जांच कर रही है।”

आपको बता दें कि नारायण एक दौर के बेहद चर्चित पत्रकार रहे हैं। 90 के दशक में नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ हवाला के जो मामले सामने आए थे उनका खुलासा विनीत नारायण ने ही किया था। उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर की थी जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई थी। और कई नेताओं को उसमें जेल जाना पड़ा था। और फिर उन्हीं की एक पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के डायरेक्टर की नियुक्ति पर अपनी रूलिंग दी थी।

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