चरणजीत सिंह चन्नी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी बने उपमुख्यमंत्री

कांग्रेस विधायक चरणजीत सिंह चन्नी ने आज सुबह राजभवन में पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उन्हें राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी राजभवन में मौजूद थे। हालांकि नाराज़ कैप्टन अमरिंदर सिंह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुये। 

सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी डिप्टी सीएम बनाये गये हैं । मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ ही इन दोनों ने भी आज पद व गोपनीयता की शपथ ली है। 

शपथ लेने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से बात करते हुये भावुक होकर कहा, “कांग्रेस ने आम आदमी को मुख्यमंत्री बनाया है। मैं कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद करता हूं। हम किसानों के पानी और बिजली के बिल माफ़ करेंगे”। 

उन्होंने आगे कहा कि ” पंजाब सरकार किसानों के साथ है। हम केंद्र सरकार से तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेना का निवेदन करते हैं। यह आम आदमी की सरकार है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में बहुत अच्छा काम किया है।” 

इससे पहले पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रूपनगर के गुरुद्वारा श्री कटलगढ़ साहिब में अरदास की। चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सचिव और विशेष प्रधान सचिव को क्रमशः हुसैन लाल, प्रमुख सचिव, निवेश प्रोत्साहन और राहुल तिवारी, उपभोक्ता मामलों के सचिव , खाद्य नागरिक आपूर्ति और बदल दिया गया है। 

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के पहले मनोनीत दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा है कि यह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 

मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी नहीं शांत हो रही कलह

 मुख्यमंत्री बदलने के बावजूद पंजाब कांग्रेस का अंतर्कलह शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। गौरतलब है कि पंजाब के नए मुख्यमंत्री के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की घोषणा के बाद अचानक कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत का यह बयान आया कि अगला चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इस पर पार्टी के अंदर फिर घमासान मच गया है। सीएम की रेस में सबसे आगे रहे व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रावत के इस बयान पर आश्चर्य जताते हुये कहा है कि “हरीश रावत का यह बयान चौंकाने वाला है। जब नए सीएम शपथ ले रहे हैं उस दिन तो ऐसा बयान देना और भी चौंकाने वाला है। रावत का यह कहना है कि चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़े जाएंगे। यह सीएम के अधिकार को कमजोर करने की संभावना है। इसके साथ ही उनके चयन को लेकर भी सवालिया निशान है”।

वहीं कांग्रेस नेता हरमिंदर सिंह गिल ने भी कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को आड़े हाथ लेते हुये ट्वीट करके कहा है कि – “चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पार्टी आलाकमान का है न कि हरीश रावत जी का फैसला है। उन्होंने जो बयान दिया है उस पर सिर्फ़ वही टिप्पणी कर सकते हैं। 

बता दें कि न्‍यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा था कि -” हालांकि (राज्‍य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा) निर्णय कांग्रेस अध्‍यक्ष लेंगी लेकिन मौजूदा स्थितियों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तहत सीएम कैबिनेट के साथ चुनाव लड़ा जाएगा जिसके प्रमुख सिद्धू बेहद लोकप्रिय हैं।

वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देते हुये कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि – “मैं चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देती हूं। बेहतर होता कि उन्हें पहले ही मुख्यमंत्री बना दिया जाता। पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी की मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति एक चुनावी हथकंडा प्रतीत होता है। मुझे मीडिया के माध्यम से भी पता चला है कि पंजाब का अगला विधानसभा चुनाव एक गैर-दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस को अभी भी दलितों पर पूरा भरोसा नहीं है। पंजाब में अकाली-बसपा गठबंधन से कांग्रेस भी डरी हुई है।”

वहीं जन अधिकार पार्टी प्रमुख पप्पू यादव ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर कांग्रेस की प्रशंसा करते हुये कहा है कि -” कांग्रेस आलाकमान को साधुवाद! उन्होंने पंजाब में दलित समाज से आनेवाले राजनेता को मुख्यमंत्री बना, एक बड़ी आबादी के मनोबल को ऊंचा किया है।” 

इसी मुद्दे पर भाजपा की आलोचना करते हुये उन्होंने पूछा है कि -” शपथ लेने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी जी देश के एकमात्र दलित मुख्यमंत्री होंगे। 17 राज्यों में BJP की सरकार है, एक भी दलित सीएम नहीं बनाया। जागो दलितों!”

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