अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई टीम पहुंची चिदंबरम के घर

नई दिल्ली। पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है। बताया जा रहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के तुरंत बाद सीबीआई की टीम उनके घर पहुंच गयी। दरअसल, हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के तुरंत बाद चिदंबरम की टीम ने राहत पाने के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आज मामले की सुनवाई करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कल कोई वरिष्ठ जज मामले की सुनवाई करेगा।

सीबीआई ने मई, 2017 में चिदंबरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी यानी फारेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड द्वारा बाहर से 305 करोड़ रुपये फंड हासिल करने की इजाजत देने के मामले में एफआईआर दर्ज किया था। यह फंड 2007 में आया था। चिदंबरम उस समय केंद्रीय वित्तमंत्री थे।

इसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की याचिका रद्द करते हुए कहा था कि केस का तथ्य प्रथम दृष्ट्या इस बात को साबित करता है कि वह पूरे षड्यंत्र के मास्टर माइंड हैं। जस्टिस सुनील गौर ने आज 5 जुलाई 2018 के अपने आदेश को वापस ले लिया जिसमें गिरफ्तारी से उनको प्रोटेक्शन मिला हुआ था। उसी आदेश को समय-समय पर विस्तारित किया जा रहा था। लेकिन आज जज ने कहा कि दोनों आवेदनों को रद्द किया जाता है।

पीटीआई के मुताबिक चिदंबरम इस पूरे मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। और उन्होंने मीडिया से एक दूरी बनाए रखी हुई है। बताया जाता है कि जब हाईकोर्ट से उनके बेल की अर्जी खारिज हुई उस समय वह सुप्रीम कोर्ट में थे जहां वह अपने सहयोगी कपिल सिब्बल का इंतजार कर रहे थे। बाद में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद और दया कृष्णन भी चिदंबरम के पास पहुंच गए।

चिदंबरम ने मीडिया से बात की और उन्होंने अर्जी को खारिज किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा कि 15 महीने से सुरक्षा मिली हुई थी और 24 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया जाता है। और  जस्टिर सुनील गौर के रिटायर होने के दो दिन पहले फैसले की घोषणा कर दी जाती है।

सिब्बल ने कहा कि “फैसला शाम को 3.20 पर आता है। हम लोग नहीं जानते इस समय क्यों हुआ। हम लोगों ने फैसले को लागू करने के लिए तीन दिन का स्टे मांगा जिससे कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सके। उन्होंने (जस्टिस गौर) कहा शाम 4 बजे जो आदेश डिलीवर हुआ है उसी आदेश को पारित करेंगे।”

गौरतलब है कि इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी आऱोपी हैं। और ईडी समेत सीबीआई कई बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। कार्ति चिदंबरम इस समय तमिलनाडु के शिवगंगा नगर सीट से लोकसभा के सदस्य हैं।     


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