अपहृत सीआरपीएफ जवान मनहास को नक्सलियों ने रिहा किया

बीजापुर। तर्रेम से अपहृत जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि नक्सलियों ने अपहृत जवान को रिहा कर दिया है। 3 अप्रैल को तर्रेम के जंगलों में हुई नक्सली मुठभेड़ के बाद से राकेश्वर लापता थे। 6 अप्रैल को प्रेस नोट जारी करके नक्सलियों ने लापता जवान के कब्जे में होने की बात कही थी। राकेश्वर सिंह मनहास कोबरा बटालियन के जवान हैं। वे जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। उनका परिवार लगातार सरकार से अपील कर रहा था कि उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए।

3 अप्रैल में हुए नक्सली मुठभेड़ में कुल 22 जवान शहीद हो गए थे। 31 जवान घायल हैं, जिनका इलाज छत्तीसगढ़ के अलग-अलग अस्पतालों में जारी है। शहीद हुए जवानों में डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा बटालियन के जवान शामिल हैं। इसी मुठभेड़ के बाद से जवान लापता राकेश्वर सिंह मनहास लापता थे।

सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय मध्यस्ता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी ,गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा किया। रिहाई के बाद टीम जवान को लेकर लौट बासागुड़ा लौट रही है। जवान की रिहाई के लिए मध्यस्ता कराने गयी दो सदस्यीय टीम के साथ बस्तर के 7 पत्रकारों की टीम भी मौजूद थी। नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने के लिए बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी।

( बस्तर से तामेश्वर सिन्हा के साथ रिकेश्वर राणा की रिपोर्ट।)

रिकेश्वर राणा
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रिकेश्वर राणा