जाति सूचक शब्दों और धनउगाही से परेशान दलित ग्राम विकास अधिकारी ने आत्महत्या की

लखीमपुर खीरी। जिले के कुंभी विकास खंड में स्थित गांव छाऊछ में एक परेशान कर देने वाली घटना सामने आयी है। भरी सभा में दी गयी जातिसूचक गालियों से अपमानित होकर वहां तैनात ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार ने आत्महत्या कर ली है। दलित समुदाय से आने वाले त्रिवेंद्र यहां 8 महीने से तैनात थे। घटना के बाद से उनके सहकर्मियों में जबर्दस्त रोष है।

खबर सुनते ही ग्राम विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार शर्मा और मंत्री सौरभ प्रकाश सिंह के नेतृत्व में जिले के 500 से ज्यादा ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों ने विकास भवन को घेर लिया। ये सभी लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इन अधिकारियों का कहना है कि त्रिवेंद्र ने बार-बार खंड विकास अधिकारी से इसकी शिकायत की थी लेकिन उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

त्रिवेंद्र कुमार का सुसाइड नोट।

अच्छी बात यह है कि मृतक ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार एक सुसाइड नोट भी छोड़ गए हैं। जिसमें उन्होंने अपने साथ जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अपने पिता को संबोधित सुसाइड नोट में त्रिवेंद्र ने जाति सूचक गालियां और धन उगाही को आत्महत्या का प्रमुख कारण बताया है। सुसाइड नोट में प्रताड़ना देने वालों का नाम भी दिया गया है।

सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि “मेरे 8 माह के सेवाकाल में एक भी दिन उक्त लोगों ने सुकून से कटने नहीं दिया।” इसमें आगे कहा गया है कि “मेरे मरने के पश्चात मेरे परिवार जनों को कोईन सताये। मेरे साथ ग्राम रसूलपुर व ग्राम देवरिया के प्रधानों व किसान यूनियन के अध्यक्ष ही मेरी मौत के जिम्मेदार हैं।”

त्रिवेंद्र की अभी शादी भी नहीं हुई थी। यह आने वाली 28 नवंबर को आजमगढ़ के रहने वाले एक पीसीएस अधिकारी की बेटी से होनी तय हुई थी।

सभा में त्रिवेंद्र का अपमान करते किसान सभा के अध्यक्ष।

गौरतलब है कि 28 अगस्त को किसान पंचायत में मृतक त्रिवेंद्र का जम कर अपमान किया गया था। इस पंचायत का वीडियो भी वायरल हो गया है। जिसमें मंच से त्रिवेंद्र को अपमानित करते हुए बिल्कुल साफ-साफ देखा जा सकता है। किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान प्राइमरी के अध्यापक की तरह जैसे त्रिवेंद्र की क्लास ले रहे हों और उनसे बारी-बारी से तमाम सवाल पूछ रहे थे।

मऊ निवासी मृतक के पिता कोमल प्रसाद की तहरीर पर 8 लोगों के विरुद्ध थाना कोतवाली लखीमपुर में मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों में किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान, तहसील अध्यक्ष महेश चंद्र वर्मा, मीडिया प्रभारी विकास शुक्ल, सेक्टर प्रभारी अनिल स्वामी, ब्लाक अध्यक्ष राम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष कार्यवाहक प्रदीप शुक्ला श्यामू (किसान यूनियन के पदाधिकारी), देवरिया ग्राम पंचायत के प्रधान पुत्र हरदेव सिंह, रसूलपुर ग्राम पंचायत के प्रधान पति जुबेर अहमद शामिल हैं।  अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दो लोग हिरासत में लिए गए हैं। 28 अगस्त को किसान पंचायत में मृतक को जम कर जातिसूचक गालियां दी गयीं। उसका भरी सभा में अपमान किया गया। इस बीच वह मानसिक रूप से बेहद परेशान था। बावजूद इसके जिले के विकास विभाग के आला अधिकारिया मौन धारण किए रहे।

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