यूपी चुनाव के पहले डासना मंदिर सांप्रदायिक हिंसा की ज़मीन तैयार कर रहा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब गिने चुने 10-11 महीने ही बचे हैं। चार साल में सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिस पर चुनाव लड़ा व जीता जा सके। इसका मुजायरा यूपी में योगी सरकर के 04 साल पूरे होने के अवसर पर ट्वीटर पर #चार_साल_यूपी_बेहाल ने टॉप ट्रेंड (Top trend) करके करवा दिया है।

जाहिर है सीजेआई (CJI) को मैनेज करके मिले अयोध्या राम मंदिर के पक्ष में मिले फैसले पर मंदिर खड़ा करके भाजपा उत्तर प्रदेश चुनाव एक बार फिर राम के नाम पर लड़ेगी। इसी कड़ी में आरएसएस, विहिप, बजरंग दल घर-घर जाकर चंदा वसूली कर रहे हैं। इस चंदा वसूली से जहां एक ओर भाजपा विरोधी होने की शिनाख़्त की जा रही है वहीं दूसरी ओर एक राम मंदिर निर्माण में आर्थिक सहयोग (चंदा) से मनोभावनात्मक ज़मीन पर जुड़ाव पैदा करके मतदाता तैयार किये जा रहे हैं।

वहीं 2013 मुज़फ्फ़रनगर सांप्रदायिक दंगे की फसल दो तीन तूर (204,2019 लोकसभा, 2017 विधानसभा) काट चुकी भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिर वैसा कुछ करने का माहौल तैयार कर रही है।

पश्चमी उत्तर प्रदेश के डासना ग़ाज़ियाबाद के देवी मंदिर में पानी पीने वाले मुस्लिम बच्चे आसिफ़ की बेरहम पिटाई के बाद भाजपा और उसके सहयोगी भगवा गैंग मामले को और बड़ा बनाने में लगे हुए हैं। इसी साजिश के तहत कल सोशल मीडिया पर पहले #डासना_मंदिर_का_बोर्ड_नहीं_हटेगा हैशटैग चलाया गया इसके दो दिन बाद यानि गुरुवार शुकवार को #_चलो_डासना_मंदिर को ट्रेंड (Trend) कराया गया।

डासना मंदिर और बसपा विधायक असलम चौधरी के बारे में कई भ्रामक, झूठी, सांप्रदायिक और भड़काऊ बातें  सुदर्शन न्यूज के कई करेस्पांडेंट (correspondent) और कथित जर्नलिस्ट के सोशल मीडिया एकाउंट से लगातार पोस्ट की गयी है।


हिंदू रक्षा दल के पिंकी चौधरी ने सरेआम बसपा विधायक की टांग काटने की धमकी दी।

क्या कहा था बसपा विधायक असलम चौधरी ने

जबकि दो दिन पहले ही असलम चौधरी ने वीडियो जारी करके बयान में कहा था कि उनका किसी मंदिर जाने का कोई इरादा नहीं है।

धौलाना के बसपा विधायक असलम चौधरी ने अपने बयान में कहा था कि “डासना मंदिर हमारे पूर्वजों का मंदिर है। यह मंदिर हमारे पूर्वजों ने बनाया है। यहाँ पर कुछ गुंडे प्रवृत्ति के लोग आ गए। कुछ लोगों ने बाहर से आकर मंदिर पर कब्ज़ा करना चाहा और तरह-तरह की एक्टीविटी करके यहाँ के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।

मगर यहाँ के हिंदू-मुसलमान के बीच इतनी एकता है कि उन्होंने इसे बिगड़ने नहीं दिया। हम इन गुर्गों को बताना चाहेंगे कि मंदिर हमारी विरासत है। हम पानी पीने भी जाएँगे, अपनी मंदिर की देख-रेख करने भी जाएँगे। मैं मंदिर में जाऊँगा। मैं देखता हूँ कि कौन रोकता है।” वहीं कार्रवाई के बाबत बसपा विधायक असलम चौधरी ने कहा था कि बच्चे को पीटा और शाम तक वो जेल चला गया। उन्होंने कहा कि वो सबसे पहले डीएम, एसपी को लिख कर उस बोर्ड को हटवाएँगे, जिस पर ‘यहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है’ लिखा है। उन्होंने कहा, “यह जो बाबा है, वह बहुत बड़ा गुंडा है, माफिया है, इसने माहौल बिगाड़ने का काम किया है।

बता दें कि डासना इलाके में स्थित मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगा हुआ है और ‘उस बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है यह मंदिर हिंदुओं का पवित्र स्थल है। यहां पर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है। आदेशानुसार यति नरसिंहनंद सरस्वती’।

बसपा विधायक के बयान को सांप्रदायिक फेवर में तोड़ मरोड़कर वायरल किया गया

इसके बाद हिन्दुत्ववादी मानसिकता के लोगो ने बसपा विधायक असलम चौधरी के बयान को साम्प्रदायिक रंग देकर अपने फेवर में इस्तेमाल करके सांप्रदायिक गुटबंदी करने के लिए किया। इन लोगो ने भ्रामक ख़बरें सोशल मीडिया के जरिये फैलाया कि मुसलमान विधायक अपने लोग लेकर जुम्मे की नमाज के बाद मन्दिर आ रहा है। उसके बाद बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू रक्षा दल जैसे कई हिन्दुत्ववादी गैंग के अपराधी किस्म के लोग डासना मंदिर पहुंचे।

वहां पहुंची उन्मादी पगलाई हिंसक विवेकहीन भीड़ में शाहीन बाग में गोली चलाने वाला यूपी के जेवर का गोपाल शर्मा, मधु किश्वर, पूर्व सैनिक, टी पी एस त्यागी। सुदर्शन न्यूज का सुरेश चव्हाण, तुफैल चतुर्वेदी, मधु किश्वर, अंकुर आर्य, कैप्टन शशिभूषण त्यागी, शुभम मंगला, आशीष गोडसे, कवि अमित शर्मा, आदि शामिल हुए थे।

डासना मंदिर में हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है

इस बीच डासना मंदिर के महंत का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो 20-21 फरवरी 2021 का है। वीडियो में यति नरसिंहनंद सरस्वती कह रहा है हथियारों की ट्रेनिंग की बात कह रहा है। वो कह रहा है हथियार उनसे (मुसलमानें) से बड़े और ताक़तवर रखो। हथियार वही रखो जो चला वर्ना मुसलमान का बच्चा पेट में चाकू घुसेड़कर घुमाकर चला जायेगा और तुम कुछ नहीं कर पाओगे।

वीडियो वायरल होने के बावजूद अभी तक उस महंत की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।

सुशील मानव
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सुशील मानव