चला गया फुटबॉल का जादूगर

अर्जेंटिना के दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से 60 साल की उम्र में निधन हो गया। इसी महीने की शुरुआत में दिमाग़ में क्लॉटिंग के चलते उनका ऑपरेशन हुआ था। यह ऑपरेशन सफल रहा था। उनके निधन से दुनिया भर में फैले उनके करोड़ों चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गयी है। भारत के कोलकाता शहर में भी फुटबाल प्रेमी बहुत दुखी हो गये हैं। 

लोग भारी मन से अपने प्रिय खिलाड़ी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। 

मारोडोना 1982 के विश्व कप फ़ुटबॉल से सबसे पहले चर्चा में आए। यह विश्व कप स्पेन में खेला गया था लेकिन उस समय मात्र 21 वर्षीय माराडोना अर्जेंटिना के स्टार खिलाड़ी के रूप में उभर कर आए।

अर्जेंटिना फुटबॉल एसोसिएशन ने शोक जताते हुए कहा, ‘हमारे लिजेंड के निधन से हम शोक में डूबे हैं, आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।’ अर्जेंटिना की ओर से खेलते हुए माराडोना ने 91 मैचों में 34 गोल किए। अर्जेंटिना की ओर से माराडोना ने चार वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है।

साल 1986 का विश्व कप पूरी तरह माराडोना के नाम रहा। उन्हें टीम की कप्तानी सौंपी गई और वह अकेले दम पर अर्जेंटिना को पहली बार चैंपियन बनाकर लौटे। उन्होंने पांच गोल किए और पांच में मदद की। इससे उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का गोल्डन बॉल अवॉर्ड भी मिला। 

सिर्फ उनके देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में ‘डिएगो-डिएगो’ का नाम गूंज उठा। माराडोना उस दौर में सबसे लोकप्रिय शख्स बन गए। 

माराडोना ने अर्जेंटिना के लिए 91 मैच खेले जिसमें उन्होंने 34 गोल दागे। इतना ही नहीं, उन्होंने चार विश्व कप में अर्जेंटिना का प्रतिनिधित्व किया।

साल 1997 में अपने जन्मदिन पर फुटबॉल से संन्यास लिया। साल 2008 में लियोन मेस्सी की टीम के कोच बने, पर क्वार्टर फाइनल में टीम हार गई।

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