सारदा आरोपी मुकुल राय व हेमंत बिस्वा शर्मा की राह पर दुष्यंत चौटाला

“साड्डे नाल रहोगे तो ऐश करोगे,जिंदगी के सारे मजे कैश करोगे” हरियाणा की राजनीति में चरितार्थ हो रहा है।हरियाणा विधानसभा के चुनाव में हंग विधानसभा जहाँ चौटाला खानदान के लिए वरदान के रूप में आई वहीं भाजपा के चाल चरित्र, और चेहरे के साथ पार्टी विथ डिफरेंस के दावे पर एक बार फिर सार्वजनिक रूप से कालिख लगी।जजपा के दुष्यंत चौटाला के साथ समझौता करके भाजपा की जो सरकार हरियाणा में बन रही है उसमें सारदा चिटफंड घोटाले के दागी द्वय बंगाल के मुकुल राय और असम के हेमंत विश्व शर्मा की याद आना स्वाभाविक है।जिस तरह मुकुल राय और हेमंत बिस्वा शर्मा भाजपा में शामिल होकर पवित्र हो गये हैं, क्या दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला और चाचा अभय चौटाला आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सीबीआई, ईडी के राडार से बाहर आ जायेंगे? क्या ईडी द्वारा सीज सम्पत्तियां रिलीज़ हो जाएँगी। हरियाणा के भर्ती घोटाले में तिहाड़ जेल में 10 साल की सजा काट रहे अजय चौटाला और उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला को क्या सज़ा से राहत मिलेगी?

26 अक्टूबर को चौटाला परिवार के लिए दो-दो खुशखबरी एक साथ आई। एक तरफ जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रमुख दुष्यंत चौटाला को हरियाणा का उप-मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान हुआ, तो दूसरी तरफ दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद उनके पिता अजय चौटाला को दो हफ्तों के लिए जेल से बाहर निकलने का मौका मिल गया है। इस साल जून में तिहाड़ जेल में हुई चेकिंग के दौरान अजय चौटाला के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और उनके पास से फोन बरामद किया। उस वक्त भी इस खबर ने खासी सुर्खियां बटोरी थीं।इसके बावजूद हरियाणा के भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे अजय चौटाला को दो हफ्तों के लिए फरलो दे दी गई है।अब यह महज़ संयोग है या केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मेहरबानी यह शोध का विषय है। अजय चौटाला और उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला को 2013 में दिल्ली की अदालत ने हरियाणा में शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में दोषी पाया था और 10 साल की सजा सुनाई थी।

इससे पहले 24 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 10 सीट जीतकर किंगमेकर की भूमिका में उभरे दुष्यंत चौटाला ने 25 अक्टूबर को भाजपा को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था।इसके बाद दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बन रहे मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को दुष्यंत को उप मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया।

दुष्यंत चौटाला के इस निर्णय को अपने परिवार को बचाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान और उससे पहले भी जिस बीजेपी को दुष्यंत कोसते रहे।दुष्यंत का पूरा चुनाव प्रचार खट्टर सरकार की नाकामियों पर आधारित रहा। दुष्यंत आरोप लगाते रहे कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कई झूठ बोले हैं और उनके पास उनके झूठों की लंबी फेहरिस्त है। दुष्यंत ने किसानों की समस्याओं से लेकर, बढ़ती बेरोज़गारी जैसे कई मुद्दों पर खट्टर सरकार को घेरा। दुष्यंत क़ानून व्यवस्था को लेकर भी खट्टर सरकार पर हमलावर रहे थे। तब चौटाला बीजेपी सरकार को सत्ता से हटाना एकमात्र मक़सद बताते थे। दुष्यंत को अब इस बात का भी जवाब हरियाणा की जनता को देना होगा कि जिस भाजपा के ख़िलाफ़ वह महीनों तक विषवमन करते रहे, उसी के साथ सरकार बनाने को क्यों राजी हो गए?दुष्यंत को लोगों को यह बताना होगा कि किस मजबूरी में उन्होंने भाजपा के साथ सरकार बनाने का फ़ैसला लिया?

अप्रैल 2013 में शारदा समूह के चिटपंड घोटाले का खुलासा हुआ था. इसकी वजह से उस समय पश्चिम बंगाल की राजनीति में हंगामा खड़ा हो गया था इस घोटाले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं आरोप लगे। मुकुल रॉय और असम के हेमंत बिस्वा शर्मा के खिलाफ भी आरोप लगे थे।उन्हें पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश होना पड़ा।बाद में मुकुल रॉय ने भाजपा का दामन थाम लिया था। असम में कांग्रेस के विधायक रहे हेमंत बिस्वा शर्मा 2016 में पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए।तबसे टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपी मुकुल रॉय औरकांग्रेस छोड़कर असम की भाजपा सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा के खिलाफ जांच ठप है। अभय चौटाला और अजय चौटाला के खिलाफ लगभग 12 साल से आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है।क्या अब ये जाँच भी ठप हो जाएगी?

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

जेपी सिंह
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