नई दिल्ली। पूर्व आईएएस और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर और दफ्तरों पर पड़े ईडी और आईटी के छापों पर देश के तमाम शीर्ष स्तरीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और एक्टिविस्ट ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा है कि देश के एक नेतृत्वकारी मानवाधिकार कार्यकर्ता और एक्टिविस्ट को प्रताड़ित करने और उसे परेशान करने के लिए डाले गए इस तरह के छापों की वो कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हर्षमंदर ने कुछ और नहीं लगातार शांति और भाईचारे के लिए काम किया। इसके साथ ही उन्होंने हमेशा ईमानदारी से उच्च मूल्यों को कामय रखने में अपना जीवन लगा दिया।
बयान में कहा गया है कि पिछले पूरे साल हर्ष मंदर और सीईएस को ढेर सारी सरकारी एजेंसियों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा लगाए गए गलत और झूठे आरोपों का इस संस्था के दिल्ली कमिश्नर द्वारा पूरी मजबूती के साथ खंडन किया गया और इस सिलसिले में उन्होंने हाईकोर्ट में एक मजबूत हलफनामा दायर किया था जिसके बाद मामले का अंत हो गया था।
बयान में कहा गया है कि सीईएस आर्थिक अपराध शाखा और आईटी के भी निशाने पर रहा। इन सभी परेशान करने वाले साझे प्रयासों के बावजूद, यह बात दिखाती है कि न ही किसी तरह के पैसे का कोई डायवर्जन हुआ और न ही किसी तरह से कानून का उल्लंघन किया गया। उन लोगों ने कहा कि मौजूदा ईडी और आईटी के रेड को इस संदर्भ में उसी श्रृंखला के हिस्से के तौर पर देखा जाना चाहिए। जिसमें राज्य की संस्थाओं का बेजा इस्तेमाल करके मौजूदा सरकार के आलोचकों को धमकी देना, प्रताड़ित करना और चुप कराने की कोशिश करना शामिल है।
गौरतलब है कि आज सुबह ही ईडी और आईटी की टीम ने हर्ष मंदर के वसंत कुंज स्थित घर और मेहरौली स्थित बच्चों के शेल्टर होम और उससे जुड़ी संस्थाओं में छापे डाले। बताया जा रहा है कि हर्ष मंदर इस समय भारत में नहीं हैं वह प्रतिष्ठित राबर्ट बोस एकैडमी के निमंत्रण पर जर्मनी की यात्रा पर हैं।
बयान में आखिर में कहा गया है कि “हम हर्ष मंदर औऱ सेंटर फार इक्विटी स्टडीज से जुड़े हर शख्स के साथ खड़े हैं।”