18 दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन, निलंबित 8 सासंदों ने संसद परिसर में रात भर धरना दिया

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा को बंधक बनाकर पास कराए गए 2 किसान बिल और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा किसान बिल पर संसद में मत विभाजन से इन्कार किए जाने के बाद कल रात 18 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर किसान बिल को मंजूरी न देने का अनुरोध किया है। इस बीच, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों का धरना रात में भी जारी रहा।

18 राजनीतिक पार्टियों ने राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है- “हम प्रार्थना करते हैं कि हमारे गणतंत्र के प्रमुख के तौर पर आप अपनी सभी संवैधानिक और नैतिक शक्तियों का प्रयोग करें। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह का काला बिल कानून न बन सके। और ऐसी घृणित और नीच घटनाएं गौरवशाली भारतीय लोकतंत्र के नाम को मैली न कर सकें।”

राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में नेताओं ने लिखा है कि जिस तरह से बिल को संसद में पास करवाया गया है वो ‘लोकतंत्र की हत्या’ है। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन देने जाने वाले राजनेताओं में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा, कांगेस नेता आनंद शर्मा, जयराम रमेश, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके के तिरुचि शिवा (Tiruchi Siva), सीपीएम के एल्माराम करीम (Elamaram Kareem), सीपीआई के बिनॉय विश्वम, आरजेडी के मनोज कुमार झा, शिव सेना के संजय राउत, एनसीपी के प्रफुल पटेल, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, और टीआरएस के केशव राव शामिल थे।

वहीं, कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके राष्ट्रपति से मिलने जा रहे प्रतिनिधि दल को पुलिस द्वारा रोके जाने का भी जिक्र किया गया है। ट्वीट में लिखा है- “संसद से लेकर सड़क तक भाजपाई तानाशाही चरम पर है। राष्ट्रपति से किसान विरोधी अध्यादेशों पर हस्ताक्षर न करने की गुहार लगाने जा रहे कांग्रेस सांसदों को भाजपा वर्दी के बल पर रोकने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस भाजपा की जड़ तानाशाही के खिलाफ सीना तानकर खड़ी रहेगी।”

वहीं अकाली दल के नेता ने राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और बिना मंजूरी कृषि विधेयक को वापस संसद भेजने की अपील की है।   

सदन से सस्पेंड 8 सांसदों ने संसद भवन परिसर में रात भर धरना दिया

रविवार को सदन से सस्पेंड किए गए सांसदों ने संसद भवन परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास पूरी रात बैठकर विरोध दर्ज़ किया। बता दें कि राज्य सभा में रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान विरोध करने वाले आठ सांसदों पर सभापति वेंकैया नायडू ने बड़ी कार्रवाई की है। सभापति ने अमर्यादित व्यवहार का आरोप लगाकर 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।

वेंकैया नायडू द्वारा जिन आठ सासंदों को निलंबित किया गया है उसमें टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के अलावा कांग्रेस के राजू सातव, सीपीएम केके राजेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैय्यद नजीर हुसैन और एलमरान करीम को पूरे एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया है।

राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी सांसदों के बर्ताव पर नाराजगी जताते हुए ये कार्रवाई की। जबकि उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सभापति वैंकैया नायडू ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था।

इन सांसदों ने निलंबन के बाद ही धरने पर बैठ गए। और रात तक वहीं जमे रहे। उनको देखने और समर्थन देने के लिए लगातार विपक्षी दल के दूसरे सांसदों का आना-जाना होता रहा। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अहमद पटेल तथा आरजेडी सांसद मनोज झा लगातार वहां बन रहे। 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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