पैंडोरा पेपर्स मामले में अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी का भी नाम

पैंडोरा पेपर्स ने भारत सहित पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। खुलासे में केवल मुकेश अम्बानी के भाई अनिल अम्बानी का ही नाम नहीं है बल्कि गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का नाम भी पैंडोरा पेपर्स की लिस्ट में आया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने खुलासा किया है कि गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडानी का नाम भी इस खुलासे में आया है । खुलासे के मुताबिक इन्होंने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कपनियां खोलीं और इसमें करोड़ों रुपए का लेन-देन भी हुआ।

विनोद अडानी का नाम पिछले 7 दिन में 2 लिस्ट में दिखा। पहली लिस्ट तेजी से पैसा कमाने वाली की और दूसरी पैंडोरा पेपर में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कंपनी को खोलने वालों की लिस्ट में। विनोद अडानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते गौतम अडानी के सगे बड़े भाई हैं।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में गौतम अडानी की संपत्ति 32 अरब डॉलर तकरीबन 2400 करोड़ रुपए तक पहुंच गई,वहीं, गौतम अडानी के भाई विनोद की संपत्ति 128 फीसदी बढ़कर 9.8 अरब डॉलर तकरीबन 728 करोड़ रुपए हो गई।

विनोद अडानी ने अमेरिका से इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री ली है। इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक विनोद अडानी ने अपने पिता से प्रेरित होकर 1976 में मुंबई के भिवंडी में वीआर टेक्सटाइल के नाम से बिजनेस शुरू किया था।90 के दशक में वो सिंगापुर चले गए, वहां उन्होंने अपना बिजनेस बढ़ाया और कुछ साल बाद दुबई का रुख किया। फिलहाल भारतवंशी विनोद अडानी साइप्रस के नागरिक हैं,लेकिन रहते दुबई में हैं।

विनोद अडानी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में 3 साल पहले एक कंपनी खोली थी।हालांकि अब उनका कहना है कि वो इस कंपनी को बंद कर चुके हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक विनोद शांति लाल अडानी ने साल 2018 में हिबिस्कस आरई होल्डिंग्स लिमिटेड नाम से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एक कंपनी खोली थी। वो इस कंपनी के अकेले शेयर होल्डर थे और उनके पास ही कंपनी के सभी 50 हजार शेयर थे। वो मई 2018 तक इस कंपनी के डायरेक्टर भी थे।

कंपनी बनाते समय विनोद ने कहा था कि कंपनी का काम दुनिया भर के बाजार में ट्रेडिंग और सर्विस देना है। उस वक्त कंपनी की कुल संपत्ति 10 से 15 मिलियन डॉलर यानी 80 से 100 करोड़ रुपए थी। रिकॉर्ड बताते हैं कि विनोद अडानी की कंपनी हिबिस्कस आरई होल्डिंग्स के लिए ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एजेंट के तौर पर ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी काम करती थी।ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी ने ही हिबिस्कस आरई होल्डिंग्स के लिए रडिस्टर्ड पता उपलब्ध कराया था। इस ट्रस्ट के इंफॉर्मेशन फॉर्म पर भी विनोद अडानी के हस्ताक्षर हैं।

ऐसा पहली बार नहीं है कि विनोद अडानी का नाम टैक्स हैवन में निवेश के मामले में सामने आया है। इससे पहले पनामा पेपर लीक में भी उनका नाम आया था। द इंडियन एक्सप्रेस ने 2016 में रिपोर्ट किया था कि बहामास में 4 जनवरी, 1994 को बनाई कंपनी में उनका नाम शामिल था। इसके कुछ महीने बाद ही अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एक्सपोर्ट का गठन हुआ था।

जब विनोद अडानी से इंडियन एक्सप्रेस ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया था कि हिबिस्कस रीयल एस्टेट एक कंपनी है जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में रजिस्टर्ड थी। मैं ही इसका मालिक हूं। इसका उद्देश्य मेरे दुबई के रीयल एस्टेट को मैनेज करना था। फिलहाल ये कंपनी बंद हो चुकी है और इसकी संपत्ति शून्य है। मैं पिछले तकरीबन 25 साल से विदेश में हूं। जो भी हुआ है वो सब नियम-कायदों में रहते हुए किया गया है।

लगभग 12 मिलियन यानी 1 करोड़ 20 लाख लीक दस्तावेजों की जांच पर आधारित पैंडोरा पेपर्स यह खुलासा करता है कि कैसे दुनिया के कई अमीर और शक्तिशाली लोग अपनी संपत्ति छिपा रहे हैं। इस सूची में 380 भारतीयों के नाम भी हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस सूची में से 60 प्रमुख कंपनियों और लोगों के नाम की पुष्टि की है।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

जेपी सिंह
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