खालिस्तानी अलगाववादी पन्नू की हत्या की निष्फल साजिश में भारतीय एजेंसी के शामिल होने के अमेरिकी आरोप पर भारत ने दी प्रतिक्रिया, कहा- चिंता का विषय, जांच जारी

नई दिल्ली। खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की न्यूयॉर्क में हत्या करने की योजना की निष्फल साजिश में एक भारतीय खुफिया अधिकारी के शामिल होने के अमेरिकी फेडरल अभियोजन के आरोप पर भारत की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आयी है। भारत ने गुरुवार को कहा कि यह बेहद चिंता का विषय है और भारत सरकार की नीति के खिलाफ है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिकी कोर्ट में एक व्यक्ति, कथित तौर पर जिसे एक भारतीय अधिकारी के साथ जोड़ा जा रहा है, के खिलाफ केस दर्ज होने का जहां तक मामला है तो यह चिंतित करने वाली बात है…..यह सरकार की नीति के खिलाफ भी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, ट्रैफिकिंग, गोली चलाने और अतिवादी तत्वों के बीच गठजोड़ कानून लागू करने वाली एजेंसियों और इस पर काम करने वाले संगठनों के लिए एक गंभीर मामला है। इसी कारण से एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी गयी है। हम निश्चित तौर पर उसके नतीजों से ही आगे बढ़ेंगे।

कथित हत्या की साजिश के प्लाट में एक दूसरा भारतीय नागरिक तथा एक सोर्स और एक हिटमैन दो व्यक्ति भी शामिल हैं, जो संयोग से अमेरिकी अफसरों के अंडरकवर निकल गए। मैनहट्टन की फेडरल कोर्ट में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से एक अभियोग दायर किया गया है।

अभियोग के मुताबिक भारतीय अधिकारी 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के साथ काम करता था, जिसे निक के नाम से भी जाना जाता है और जिसे चेक अथारिटी ने इसी साल 30 जून को गिरफ्तार किया है और उस पर हत्या के लिए सुपारी लेने और सुपारी लेने के लिए साजिश का आरोप लगा है।

अभियोग में यह आरोप लगाया गया है कि अधिकारी जिसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है और जिसे सीसी-1 के तौर पर चिन्हित किया गया है, भारत सरकार की एक एजेंसी का कर्मचारी है जिसने खुद को एक सीनियर फील्ड आफिसर बताया था और कहा था कि वह सिक्योरिटी मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी में था। इसके पहले वह भारत के पैरामिलिट्री बल सीआरपीएफ में भी काम कर चुका है। वह यहां रहते आफिसर ट्रेनिंग, युद्ध की कला और हथियारों का प्रशिक्षण ले चुका है।

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