हमास का प्रतिनिधिमंडल रूस के दौरे पर, अमेरिका ने सीरिया के कुछ इलाकों पर किए हवाई हमले

नई दिल्ली। रूस के दौरे पर गए हमास के एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि जब तक गाजा में युद्धबंदी नहीं होती है तब क वो बंधक बनाए गए लोगों को नहीं छोड़ेगा। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि उसने सीरिया में ईरान समर्थित इलाकों को निशाना बनाया है। उसने कहा है कि यह इजराइल और हमास के युद्ध से बिल्कुल अलग मामला है। इस बीच कल हुए इजराइली हमले में गाजा पट्टी में 481 लोगों की मौत हो गयी है।

उधर हमास ने तेल अवीव पर रॉकेट से हमले की जिम्मेदारी ली है। यह रॉकेट एक इमारत से टकराया और उसमें तीन लोगों के घायल होने की खबर है। ऐसा मीडिया रिपोर्ट और इजराइल की एंबुलेंस सेवा के हवाले से सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक एक 20 वर्षीय शख्स के सिर में थोड़ी चोट लगी है और इसके साथ ही उसके पैर भी चोटिल हुए हैं। उसे इचिलोव अस्पताल ले जाया गया है। इसके अलावा दो और लोगों को थोड़ी चोट आयी है। इजराइल के चैनल 12 का कहना है कि 8 दूसरे रॉकेटों से भी हमला किया गया था लेकिन इजराइली सेना ने उन्हें बीच में ही रोक दिया।

एक नये विकासक्रम में इराक के मजबूत शिया नेता मुक्तदा अल सदर ने अपने यहां के अमेरिकी दूतावास को बंद करने की अपील की है। ऐसा उन्होंने इस युद्ध में अमेरिका द्वारा इजराइल को लगातार दिए जाने वाले समर्थन के चलते किया है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने सरकार और संसद से बंद के लिए वोट करने की अपील की है। उन्होंने अपने समर्थकों को तत्काल इस पर कदम उठाने से मना किया है और कहा है कि अगर सरकार और संसद नाकाम रहते हैं तो उनके निर्देशों का इंतजार करें। 

रूस पहुंचे हमास प्रतिनिधिमंडल के मसले पर क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि रूस इस बात में विश्वास करता है कि इजराइल-फिलिस्तीन विवाद में सभी पक्षों से संपर्क रखना जरूरी है। वह इसके जरिये हमास के रूस दौरे की रक्षा कर रहे थे। क्योंकि इससे इजराइल के नाराज होने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि हमास का प्रतिनिधिमंडल केवल विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मिला है। उन्होंने भी इस बात को चिन्हित किया कि अमेरिका ने इजराइल-हमास युद्ध के बीच सीरिया और ईरान के ठिकानों पर हमला किया है। अमेरिका के शामिल होने का मतलब है कि व्यापक क्षेत्रीय तनाव पैदा होना जो बहुत बुरा है। उन्होंने कहा कि मध्यपूर्व के झगड़े में रूसी सेना के शामिल होने की कोई संभावना नहीं है।

अल अक्सा मस्जिद के आस-पास हमेशा लगने वाली भीड़ शुक्रवार जुमा के दिन भी नदारद रही। बताया जा रहा है कि इजराइल ने जबरन लोगों को वहां पहुंचने से रोक दिया था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अल अक्सा के आम प्रवेश द्वार लायंस गेट पर कुछ लोगों के साथ इजराइली पुलिस के लोगों द्वारा बदतमीजी करते देखा गया। एक शख्स ने कहा कि वह अभी प्रार्थना करने जा रहा था तभी पुलिस अफसर ने उसे चाटा मारा। यहां तक कि किसी के लिए मस्जिद के पास तक जाना मुश्किल है। जबकि आमतौर पर वहां प्रार्थना के दिन हजारों लोग मौजूद रहते हैं। इजराइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक इलाके में सड़कों को जगह-जगह बंद कर दिया गया है। इस तरह से वहां पहुंचने वाले सभी रास्ते बंद हैं।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि मलबे में 1000 से ज्यादा अनजाने शव दबे हुए हैं। और ये ऐसे लोग हैं जिन्हें अभी तक मौतों में नहीं गिना गया है। यह बात यूएन के रिचर्ड पीपरकॉर्न ने कही है।

यूएन ने कहा है कि इजराइल उत्तरी गाजा में मानवीय सहायता के वितरण का लगातार विरोध कर रहा है। यूएन के फिलिस्तीन इलाके के ह्यूमैनिटेरियन कोऑर्डिनेटर लिन हैस्टिंग ने कहा है कि इजराइल सरकार इस बात को लेकर साफ है कि वह उत्तर में सहायता की डिलीवरी नहीं करने देना चाहते हैं। उनका कहना था कि अगर हम सहायता को वितरित करने का फैसला करते हैं तो हमारे स्टाफ को जान की जोखिम का मोल लेना होगा।

इजराइल ने हमास के एक कमांडर को मारने का दावा किया है। उसने कहा है कि हमास के वेस्ट खान यूनिस बटालियन के कमांडर मिधत माबाशर को इजराइली हमले में मार दिया गया है।

एक मेडिकल डेलीगेशन जिसमें विदेश के 10 डॉक्टर शामिल हैं, राफाह बार्डर के रास्ते गाजा में प्रवेश किया। इसके साथ ही 10 ट्रकों में भरा पानी, भोजन और दवाएं भी इस कारवां में शामिल था। गाजा में अब तक सहायता सामग्री वाली 84 ट्रकें प्रवेश कर चुकी हैं। आलोचकों का कहना है कि यह समुद्र में एक बूंद की तरह है। जिस तरह की वहां इस समय सहायता की जरूरत है।

यूएन ने कहा है कि बहुत जल्द ही वहां और लोगों की मौत होगी। क्योंकि फिलिस्तीन इलाके में बुनियादी सेवाओं की स्थिति बिल्कुल चरमरा गयी है। गाजा में लोग मर रहे हैं। वो न केवल बम और हमले से मर रहे हैं बल्कि बहुत जल्द ही गाजा को चारों तरफ से बंद करने के चलते भी लोग मरने लगेंगे। यह बात फिलिस्तीन में रिफ्यूजियों के लिए काम करने वाली फिलिप लाजारिनी ने कहा।

इजराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि पिछले दिनों अगले चरण की युद्ध की तैयारी की कड़ी में इंफैंट्री, हथियारबंद और इंजीनियरिंग बलों ने वायु सेना के सपोर्ट के साथ गाजा पट्टी इलाके में संगठित तरीके से हमला किया। 

हमला कल बिल्कुल दिन में शुरू हुआ। और लड़ाई की ताकतों के रूप में ऊपर जिक्र किए गए सभी बल उसमें शामिल थे। और सुबह यह बिल्कुल सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया गया।

पिछले तीन सप्ताह से हेजबुल्लाह और इजराइली सेना के बीच लगातार फायरिंग चल रही है। इस बीच इजराइल के साथ लेबनान की सीमा पर ढेर सारी फायरिंग हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल की रणनीति यह है कि बार्डर पर मौजूद सभी पेड़ों, झाड़ियों को जला दो जिससे हेजबुल्लाह के लोगों को छुपने की कोई जगह न मिले। उनका कहना है कि वो केवल इस झगड़े में नहीं देख रहे हैं बल्कि इसके पहले भी देख चुके हैं। हेजबुल्लाह ने सर्विलांस कैमरे के जरिये कई बार बार्डर से जुड़े इजराइली सेना के ठिकानों को निशाना बनाकर अपने शत्रु को झांसे में डाला है। इसीलिए इजराइल आग के स्रोत का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।

अब तक यूएन के कुल 57 स्वयंसेवकों की मौत हो चुकी है। अकेले कल 18 यूएनआरडब्ल्यूए वर्करों की मौत हुई है।

लंदन के मेयर सादिक खान ने तत्काल युद्धबंदी लागू करने की अपील की है। एक वीडियो मेसेज में उन्होंने कहा कि किसी भी देश को उसमें इजराइल भी शामिल है, अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़ने का अधिकार नहीं है। शांति हासिल करने के लिए केवल राजनीतिक प्रस्ताव ही एकमात्र रास्ता है। यह लगातार सैन्य झगड़े के विस्तार और लगातार जारी मौतों, दुख और बर्बादी के जरिये हासिल नहीं किया जा सकता है। सादिक की यह पोजीशन ब्रिटेन की सरकार के बिल्कुल विरुद्ध है।

अमेरिका ने कहा है कि इजराइली बलों द्वारा अल जजीरा के पत्रकार अल डाहडाउह के परिवार को निशाना बना कर हमला किए जाने का कोई प्रमाण नहीं है। यह बात अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कही है। गौरतलब है कि इजराइल के हवाई हमले में पत्रकार के परिवार के कई सदस्यों की मौत हो गयी जिसमें वीबी, बच्चे, पोते, भांजे और भतीजियां और दूसरे रिश्तेदार शामिल हैं। यह वाकया बुधवार को हुआ था।

इस बीच अमेरिका ने हमास और ईरान के रिवोल्यूशनरी गॉर्ड पर कुछ नये प्रतिबंध लगाए हैं। उसका कहना है कि ये प्रतिबंध फाइनेंशियल नेटवर्क से जुड़े हैं। अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने कहा कि इन उपायों का रिश्ता हमास के निवेश वाले पोर्टफोलियो से है। और इसके साथ ही इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो हमास की सहायता कर रहे हैं।

इस बीच साउथ चाइना सी में चीन और अमेरिका के दो लड़ाकू विमान एक दूसरे के बिल्कुल करीब आ गए। और टकराने से तकरीबन 10 फीट की दूरी पर थे। बताया जा रहा है कि चीन का फाइटर जेट एक अमेरिकी B-52 बम्बर के बिल्कुल करीब पहुंच गया। दोनों बिल्कुल दुर्घटनाग्रस्त होने वाले थे। यह खबर अमेरिकी सेना के हवाले से आयी है।

अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के बयान में कहा गया है कि सेनयांग जे-11 का जुड़वा इंजन वाला फाइटर अमेरिकी वायुसेना के विमान के पास गैर नियंत्रित भीषण गति के साथ कभी नीचे कभी सामने उड़ते हुए बी-52 से 10 फीट के गरीब आ गया। और इसके साथ ही दोनों विमानों के टकराने का खतरा पैदा हो गया। अमेरिकी सेना ने कहा कि हम लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उस पायलट को यह पता नहीं था कि वह कितना करीब आ गया था और उससे टकराने का खतरा पैदा हो गया था।

हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की है। बल्कि इसी तरह की मई में हुई एक घटना में चीनी सरकार ने अमेरिकी शिकायत को खारिज कर दिया था और वाशिंगटन से साउथ चाइना सी में इस तरह की उड़ानों से बचने के लिए कहा था। 

रामल्लाह में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन किया है। वो लोग गाजा के पक्ष में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही वेस्ट बैंक के कई दूसरे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

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