हाय रे चुनाव! तीनों कृषि क़ानून वापस!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 9 बजे अचानक टीवी पर प्रकट हुये और किसानों से क्षमा मांगते हुये तीनों कृषि क़ानूनों का रद्द करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज गुरुपर्व का पवित्र दिन है आज सारे किसान अपने घरों, खेतों खलिहान में वापस लौटें। साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी संसद सत्र में हम तीनों केंद्रीय कृषि क़ानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया में जायेंगे। 

मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए। हम किसानों को समझा नहीं पाए कि ये छोटे किसानों को ताकत देगा। अब इन्हें वापस लेने की सदन में प्रक्रिया पूरी कराएंगे। गुरु पर्व पर आंदोलन करने वाले किसानों से अपील करेंगे कि वे अपने-अपने घर जाएं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुये कहा है कि हमारा आंदोलन सिर्फं तीन क़ानूनों को रद्द कराने तक नहीं था बल्कि एमएसपी पर ख़रीद की गारंटी कानून की मांग हमारी प्रमुख मांग है।

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी बनाने और बिजली अमेंडमेंट समेत अन्य मुद्दों पर अभी बात होनी बाकी है। टिकैत ने बताया कि संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री की घोषणा को लेकर चर्चा कर रहा है, ताकि अगली रणनीति बनाई जा सके।

कांग्रेस ने किया ट्वी्वट कर कहा है कि  -टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान।

#AAP विधायक नरेश बान्ल्यान ने tweet किया-आतंकी, आंदोलनजीवी, टिकैत जी को डकैत, देशद्रोही, क्या क्या नही बोला गया था, आज सरकार झुकी। किसान भाइयों को ये सब बोलने वाले अब क्या कहेंगे? इंसान को हमेशा संयमशील होना चाहिए। अपने ही देश पर अत्याचार करने वाली सरकार की हार हुई। सैकड़ो किसान भाइयों के शहादत को नमन करता हूं मैं। कृषि बिल के तीनो काले कानून वापस हुआ। किसानों के संघर्ष और शहादत की जीत हुई।एक उपचुनाव हारते ही सारा दिमाग ठिकाने आ गया। इन्हें सत्ता से उतारो देश खुशहाल होगा। किसान भाइयों के आगे आखिरकार तानाशाह मोदी सरकार को झुकना पड़ा। किसान एकता जिंदाबाद। भाईचारा जिंदाबाद।

पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने किसानों की परेशानियों को बहुत करीब से देखा और महसूस किया है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

(लेखक जनचौक के विशेष संवाददाता हैं।)

सुशील मानव
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