हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी को मिली 10 करोड़ की सरकारी सब्सिडी, विपक्ष ने की CBI-ED भेजने की मांग

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और असम से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने सोशल मीडिया एक्स पर असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ जोरदार हमला और व्यंग्यबाण छोड़ते हुए कहा है, “खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की वेबसाइट पर उस व्यक्ति और कंपनी का नाम स्पष्ट रूप से नुमाया हो रहा है जिससे वे (हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी) जुड़ी हुई हैं। 10 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान भी स्वीकृत हो गया है। कृपया केंद्रीय मंत्री को रिपोर्ट करें, अगर उनकी वेबसाइट हैक हो गई है।

हाई प्रोफाइल मुख्यमंत्री होने के नाते असम में यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है, शायद इसी को ध्यान में रखते हुए एक्स पर बेहद सक्रिय और विपक्षियों को हर मौकों पर जवाब देने वाले हिमंत बिस्व सरमा ने समय न गंवाते हुए तत्काल सफाई देते हुए कहा है, “मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि न तो मेरी पत्नी और न ही जिस कंपनी से वे जुड़ी हैं, को भारत सरकार से कभी किसी प्रकार की कोई वित्तीय सब्सिडी प्राप्त हुई है।”

लेकिन स्वतंत्र पोस्ट के बजाए उन्होंने गौरव गोगोई की पोस्ट को शेयर करते हुए उस दस्तावेज की कॉपी को भी जारी कर दिया है, जिसमें उनकी पत्नी रिंकी भुइना, उनकी कंपनी और उस प्लाट के आधार पर 10 करोड़ रुपये की ग्रांट का उल्लेख है।

सुबह एक अन्य पोस्ट में गौरव गोगोई ने मौजूं सवाल उठाया था, “भारत के किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए पीएम मोदी ने किसान संपदा योजना की शुरुआत की थी। लेकिन असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने रुतबे का इस्तेमाल कर अपनी पत्नी की फर्म को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के हिस्से के तौर पर 10 करोड़ रुपये दिलाने में मदद पहुंचाई। क्या केंद्र सरकार की योजनाएं भाजपा वालों को समृद्ध करने के लिए ही बनाई गई हैं?

दिन के साथ यह मुद्दा असम की सीमा लांघ देश की राजधानी की राजनीति की आंच को भी गर्माने लगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, जिन्हें असम सरकार की पुलिस की आवभगत का अनुभव कुछ महीने पहले हो चुका है, उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के पोस्ट को साझा करते हुए अब कुछ और तथ्यों को उजागर करते हुए, उनकी पत्नी से संबंधित जानकारी साझा करते हुए सवाल किया है कि क्या अब भी आप (हिमंत बिस्व सरमा) इंकार करेंगे?

इस पोस्ट में प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में पहला नाम रिंकी भुयान सरमा का नाम है, और साथ में तीन अन्य निदेशकों के नाम हैं। इसमें कंपनी के कार्यक्षेत्र के रूप में चलचित्र, रेडियो, टेलीविजन एवं अन्य मनोरंजन से जुड़े व्यवसाय का जिक्र है, कंपनी की मौजूदा स्थिति और पंजीकरण संख्या दर्ज है। जाहिर सी बात है, इस कंपनी में मुख्य निदेशक के रूप में मुख्यमंत्री की पत्नी की मौजूदगी बनी हुई है, और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के अलावा अब जमीनों की खरीद का एक और आरोप आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस के जरिये लगाया गया है, जिसने अब पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है।

आप पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता ने दावा किया है कि असम के मुख्यमंत्री कि पत्नी रिंकी भुयान शर्मा, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट की निदेशक हैं। जबसे हिमंत बिस्व सरमा असम के मुख्यमंत्री बने हैं, उसके बाद से ही उनकी पत्नी असम की अडानी बनने की राह पर चल पड़ी हैं। उनके द्वारा एक के बाद एक जमीन पर जमीन खरीद की जा रही है। जबकि असम राज्य पर वर्तमान में 1.39 लाख करोड़ कर्ज का बोझ है, इसके बावजूद भाजपा सरकार लगातार कर्ज लेती जा रही है।

आप प्रवक्ता ने कहा कि असम में बेरोजगारी चरम पर है, लोगों के व्यापार ठप हैं, आय के साधन खत्म होते जा रहे हैं, लोगों की क्रय करने की क्षमता कम होती जा रही है, लेकिन सीएम का परिवार और उनकी संपत्ति में दिन-दोगुनी, रात चौगुनी वृद्धि होती जा रही है। उन्होंने दावा किया कि इससे पहले भी ‘द वायर’ ने अपने वेबसाइट में 8 दिसंबर 2021 को 39 बीघा जमीन खरीद घोटाले का खुलासा किया था।

आप प्रवक्ता ने अपने वक्तव्य में कहा है कि, “आज उसी जमीन पर एक प्राइवेट इंटरनेशनल स्कूल चल रहा है, जिसका मालिकाना रिंकी भुयान के हाथ में है, और इस स्कूल में लाखों में फीस है। यह जमीन भी असम सरकार से हासिल की गई है। इतना ही नहीं श्रीमती भुयान के पास चाय बागान और रिसोर्ट भी हैं, जबकि असम की जनता दिन-प्रतिदिन और गरीब होती जा रही है।

पिछले वर्ष असम में नौगांव जिले में रिंकी भुयान की कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट के नाम 106 बीघा जमीन की खरीदी की गई। पहले 50 बीघा से अधिक जमीन 4 फरवरी 2022 को खरीदी गई, जबकि लैंड सीलिंग एक्ट के तहत असम में 49.25 बीघा से अधिक जमीन नहीं खरीदी जा सकती है। उस वक्त इस भूमि का वर्गीकरण कृषि भूमि के अंतर्गत था, लेकिन कंपनी की खरीद के 2 महीने के भीतर ही इसके लैंड यूज में बदलाव कर 18 अप्रैल को इसे औद्योगिक भूमि में तब्दील कर दिया गया।

जबकि इसी तरह की मांग के साथ सैकड़ों अर्जियां वर्षों से धूल खा रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने एक बार फिर वर्ष 2023 में उसी गांव में एक और डील में 56 बीघा जमीन की खरीद की। इस प्रकार कुल 106 बीघा जमीन खरीदी। लेकिन इस बार जमीन कंपनी के नाम करने से पहले इसे कृषि भूमि से औद्योगिक भूमि में कन्वर्ट कर दिया गया था।

इसके साथ ही उनकी कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने केंद्र के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय में एक निवेदन कर 25 करोड़ 87 लाख की अपनी योजना को सबमिट कर सब्सिडी के लिए आवेदन किया। उक्त मंत्रालय द्वारा कंपनी को 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। जबकि प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड एक न्यूज़ चैनल, एंटरटेनमेंट चैनल, इवेंट मैनेजमेंट के व्यवसाय में है, इसके बावजूद केंद्र सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी किस आधार पर भाजपा सरकार के नजदीकियों को देने का काम किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने कहा कि हमारी मांग है कि इस मामले की ईडी, सीबीआई द्वारा जांच कराई जाये। मोदी जी ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के नारे लगाते आये हैं। यहां पर साफ़ केंद्र सरकार का मंत्रालय मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी को फायदा पहुंचा रहा है। फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के नाम पर यह सब्सिडी दी गई है। असम के चैनल क्रॉस करंट ने इसे उजागर किया है, और असम में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

प्रेस कांफ्रेंस में मांग की गई कि वैसे तो केंद्र सरकार की ओर से आये दिन देश में विपक्षी राज्य सरकारों के खिलाफ ईडी-सीबीआई की जांच और छापे संचालित किये जा रहे हैं, अब यहां पर हमने साफ़-साफ़ भ्रष्टाचार का खुलासा किया है, ऐसे में मोदी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए ईडी-सीबीआई की जांच बिठाये।

(रविंद्र पटवाल ‘जनचौक’ की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

रविंद्र पटवाल
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