राहुल और प्रियंका गांधी की अगुआई में अमेठी से शुरू हुई कांग्रेस की पदयात्रा

अमेठी संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भाजपा भगाओ, महंगाई हटाओ’ प्रतिज्ञा पदयात्रा की अमेठी में शुरुआत हुई। पदयात्रा में शामिल होने के लिए जबर्दस्त भीड़ उमड़ी। राहुल गांधी ने भीड़ का अभिवादन स्वीकारा और बस पर खड़े होकर लोगों को संबोधित किया।

राहुल गांधी ने कहा कि “कुछ दिन पहले प्रियंका जी आयीं थीं, उन्होंने कहा कि लखनऊ जाना है। मैंने कहा कि लखनऊ जाने से पहले परिवार से बात करना चाहता हूं। तो आज मैं यहां परिवार का दिल से स्वागत करता हूं। आप आये, मुझे सुनने इसके लिए दिल से धन्यवाद”।

मैंने पहला चुनाव अमेठी से लड़ा 2004 में। आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया। आप से काम करना सीखा। एक प्रकार से आपने मुझे रास्ता दिखाया। आज देश के सामने दो सबसे बड़े सवाल हैं- बेरोज़गारी और महंगाई। इन सवालों का जवाब न चीफ मिनिस्टर देते हैं न प्रधानमंत्री।

किसान मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों किसानों पर हमला बोला कृषि कानून बनाकर। साल भर बाद बोले कि मैं माफ़ी मांगता हूं, लेकिन आंदोलन में शहीद हुए किसानों की कोई मदद नहीं की। सरकार ने संसद में कहा कि कोई किसान शहीद नहीं हुआ। हमने 400 से ज्यादा शहीद किसानों की लिस्ट दी, पर कोई मदद नहीं की”।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता का जिक्र करते हुए कहा कि “नोटबंदी हो या जीएसटी, ये किसके लिए, ये किसके लिए काम किया गया। नोटबंदी से किसे फायदा मिला? जीएसटी से किसको फायदा मिला? नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानून, इनका एक ही लक्ष्य है, हम दो, हमारे दो…। नरेंद्र मोदी उनके लिए काम करते हैं और वे नरेंद्र मोदी जी की दबाकर सेवा करते हैं। उनके मीडिया में 24 घंटे मोदी जी दिखेंगे।”

एलओसी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि “आज लद्दाख में चीन की सेना, हिंदुस्तान के अंदर बैठी हुई है। हजार किलो मीटर, दिल्ली जितनी जमीन हिंदुस्तान से छीनकर अपनी बना ली, लेकिन पीएम ने कुछ न बोला, न कुछ किया। जब उनसे पूछा गया कि चीन ने क्या जमीन ली है, उन्होंने कहा कि कोई जमीन नहीं ली। जबकि बाद में रक्षा मंत्रालय ने माना कि चीन ने हमारी जमीन ली। ये सच्चाई है जो छिप नहीं सकता”।

भाजपा आरएसएस के हिंदू व हिंदुत्व के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि “हमने कुछ दिन पहले राजस्थान में कहा कि हिंदू पूरी जिंदगी सच्चाई के लिए लड़ने में लगा देता है, वो अपने धर्म को हिंसा में कभी नहीं बदलने देता। हिंदुत्ववादी को सच्चाई से कुछ लेना देना नहीं होता, वो केवल झूठ बोलकर सत्ता छीनता है। सच्चाई पर चलने वाला हिंदू, झूठ और हिंसा के रास्ते पर चलने वाले हिंदुत्ववादी हैं। इन दोनों के बीच आज लड़ाई है। ये सच्चाई है”।

इस मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि “मैं 13 साल की थी जब पिता जी के साथ यहीं एक गांव में रहते थे। पिता जी की जीप पर बैठकर गांव-गांव जाते थे, आपकी समस्याओं को समझते थे। कुछ ही दिनों में मैं 50 साल की होने वाली हूं। बहुत पुराना रिश्ता है। आपने निभाया, हमने निभाया। यहां आकर हमेशा कहती थी कि राजनीतिक नहीं पारिवारिक रिश्ता है। जज्बात का रिश्ता है। आपसे कोई शिकायत नहीं है। कभी-कभी परिस्थितियां बनती हैं कि चाहे जितना कोई समझाए, सच्चाई छिप जाती है। ऐसी परिस्थितियां बनीं। इससे आप भी सीखे, हमने भी सीखा। आपने संदेश दिया जिसे हमने स्वीकार किया। आज अगर हम यहां खड़े हैं तो इसलिए कि कोई भी परिस्थिति आये आपके और हमारे बीच का रिश्ता कभी टूट नहीं पाएगा”।

उन्होंने कहा कि “पिछले चुनाव में यहां एक झूठ का जाल फैलाया गया। इसे उन्होंने फैलाया जो देश भर में साढ़े सात सालों से झूठ फैला रहे हैं। बीते ढाई साल की बात करें। कोरोना आया, अचानक लाकडाउन हुआ। अमेठी के लोग देश भर में अलग-अलग फंसे थे। तब हम लोग रात दिन अमेठी और रायबरेली के लोगों से फोन के जरिये जुड़े थे। सब रो के कह रहे थे कि बस हमें घर तक पहुंचा दो। तब कहां थी बीजेपी, कहां थीं सांसद…? जब कांग्रेस ने कहा कि बस हम देंगे तो उसे ठुकरा दिया गया”।

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में छत्तीसगढ़ से हम आक्सीजन के ट्रक भेज रहे थे, लेकिन नहीं आने दिया। हमने कहा कि कांग्रेस श्रेय भी नहीं लेगी, बैनर भी नहीं लगायेंगे। बड़ी मुश्किल से रायबरेली सिलेंडर आ पाये।

कोरोना के बाद किसानों का आंदोलन शुरू हुआ। आप बताइये, क्या खाद मिल रही है सही दाम पर? मैं ललितपुर के उस किसान के परिवार से मिली जो खाद की लाइन में लगे-लगे मर गये। ये सरकार खाद भी नहीं दे रही है। सरकारी विक्रय केंद्र में खाद के लिए लाइन लगी है। आवारा पशु की समस्या पर सरकार ने क्या किया? गौशालाओं के नाम पर क्या हो रहा है…जिंदा गाय को दफनाया जा रहा है उत्तर प्रदेश में।

आज किसान को गेहूं, गन्ना का दाम नहीं, खाद नहीं मिलती, आवारा पशु की समस्या है…कोई आ रहा है इन मुद्दों पर सरकार की ओर से?

उन्होंने कहा कि लखीमपुर में किसानों को कुचल कर मारा गया। उसे कौन मंच पर खड़ा करता है, किसे बर्खास्त नहीं किया…? रायबरेली और अमेठी के लोगों में बहुत विवेक है। वे सच्चाई जानते हैं। हजार का सिलेंडर है गैस का, सरसों का तेल दो सौ का मिल रहा है…क्या ऐसी निर्मम सरकार चाहिए? क्या ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो आपकी समस्या नहीं हल कर सकते लेकिन आठ हजार करो़ड़ के जहाज में उड़कर बनारस में नौटंकी करने आ सकते हैं।

सबकी आस्था होती है, पर सब दिखावा नहीं करते। चुनाव में सिर्फ धर्म और जाति के बाद। बताइये कि सात साल में आपने क्या किया..? अमेठी में बीएचईएल, एचएएल जैसी तमाम चीजें लगीं, बंद किसने किया, रायबरेली में एम्स किसने खोला…बंद कौन करा रहा है? सच्चाई आप देख रहे हैं। कौन संघर्ष कर रहा है…मुझे नहीं लगता कि मोदी जी के लोग संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस की बनाई तमाम कंपनियों को मोदी जी अपने बड़े-बड़े दोस्तों को बेच रहे हैं।

यूपी प्रभारी ने कहा कि कल निषादों को बुलाकर आरक्षण की बात नहीं की। इनकी सरकार में तरक्की सिर्फ उनके उद्योगपति मित्रों को हुआ है, वही फल-फूल रहे हैं। आप त्रस्त हैं। मैं आपसे आग्रह कर रही हूं कि इन्हें बदल डालिए।

हम किसानों का पूरा कर्जा माफ करेंगे। ढाई हजार रुपये में गेहूं और धान खरीदेंगे। चार सौ रुपये गन्ना किसान को मिलेगा। बिजली बिल हाफ होगा और कोरोना काल का बकाया माफ होगा। कोरोना की जो आर्थिक मार सबसे ज्यादा जिन परिवारों को हुई उन्हें 25 हजार दिया जाएगा। 20 लाख रोजगार देंगे जिनमें आठ लाख महिलाओं को देंगे। कोई भी बीमारी होगी तो 10लाख का इलाज सरकार कराएगी।

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