टीआरपी घोटाला मामले में एक और शख्स यूपी से गिरफ्तार

नई दिल्ली। टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस ने एक शख्स को यूपी से गिरफ्तार किया है। विनय त्रिपाठी नाम का यह व्यक्ति बताया जा रहा है कि हंसा रिसर्च का कर्मचारी है जिसके ऊपर इस घोटाले का आरोप लग रहा है। मिर्जापुर से गिरफ्तार किए गए त्रिपाठी के बारे में पुलिस का मानना है कि ये वही शख्स है जिसने टीआरपी को मैनिपुलेट करने के लिए 21 वर्षीय विशाल भंडारी को पैसे दिए थे जो इस समय पुलिस की हिरासत में है।

इसके अलावा घोटाले के मामले में पुलिस ने हंसा के दो अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है। हंसा वह एजेंसी है जो ब्राडकास्ट आडियंस रिसर्च कौंसिल (बीएआरसी) के लिए टीआरपी को नापने का काम करती है और फिर जिसके आधार पर टीवी चैनलों के विज्ञापन का रेवेन्यू तय होता है।

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम ने सोमवार को यूपी का दौरा किया था। पुलिस के मुताबिक त्रिपाठी मलाड का रहने वाला है और रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर वह हंसा के साथ पिछले चार सालों से जुड़ा हुआ है।

जैसे ही उसे भंडारी की गिरफ्तारी की बात पता चली वह मुंबई से भाग गया। अभी तक इस मामले में गिरफ्तार चार लोगों की पुलिस कस्टडी को आगे बढ़ाने के लिए पेश की गयी रिमांड रिपोर्ट में क्राइम ब्रांच ने बताया है कि जून में हुई हंसा के आंतरिक जांच के मुताबिक यह त्रिपाठी था जिसने भंडारी से पांच ऐसे घरों की तलाश करने की बात कही थी जहां कोई खास चैनल कम से कम दो घंटे प्रतिदिन देखा जा सके।

रिमांड के मुताबिक त्रिपाठी ने भंडारी को किसी खास चैनल को देखने के लिए 1000 रुपये- प्रत्येक घर के लिए 200 के हिसाब से- दिए। यह वह कमीशन था जिसे देखने के लिए इन घरों को दिया गया था।

खुद भंडारी को 5000 रुपये दिए गए थे।

मलाड के चिंचोली इलाके की एक चाल में भंडारी एक किराए घर में रहता है। इंडियन एक्सप्रेस का संवाददाता जब वहां पहुंचा तो उसे एक बूढ़ी औरत मिली जो उसकी दादी थीं। अपना नाम न बताने की शर्त पर एक पड़ोसी ने बताया कि “वह केवल 21 साल का है। वह हमारे इलाके के उन कुछ लड़कों में है जो अंग्रेजी बोल सकते हैं। वह बी-कॉम तीसरे साल में है। वह कुछ महीने पहले ही यहां आया है। यह काम वह अपने से कैसे कर सकता है? उसके पिता ड्राइवर हैं और आमतौर पर बाहर रहते हैं।”

उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को भंडारी के घर से दो बैरोमीटर मिले जिसे उसने लगा रखा था।

अधिकारियों का कहना है कि “हम इस बात की आशा कर रहे हैं कि तिवारी से सवाल जवाब करने के बाद उन्हें यह बात जानने में मदद मिलेगी कि कौन से चैनल टीआरपी के इस खेल में शामिल थे।” इस मामले में पुलिस को दो और लोगों की तलाश है। मुंबई ब्रांच की क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट (सीआईयू) के प्रभारी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाज़ के नेतृत्व में जांच कर रही टीम ने हंसा रिसर्च एजेंसी के दो अधिकारियों के बयान को रिकार्ड किया। अधिकारियों का कहना है कि “हमने शिकयतकर्ता नितिन देवकर के सप्लीमेंट्री बयान को रिकार्ड किया जो हंसा में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं इसके साथ ही हंसा के सीईओ का भी बयान लिया गया।”

पुलिस ने ‘फकत मराठी’ और ‘बॉक्स सिनेमा’ दो चैनलों के बैंक एकाउंट को भी सीज कर दिया है। टीआरपी से छेड़छाड़ के जिन तीन चैनलों पर आरोप लगे हैं उनमें ये दोनों चैनल शामिल हैं। पुलिस के एक अफसर ने बताया कि “बैंक डिटेल की छानबीन करने के बाद हम लोगों ने पाया कि इस एकाउंट में इतना ज्यादा पैसा था कि प्रथम दृष्ट्या उसके आधार का पता कर पाना मुश्किल है। पैसे के फ्लो का पता लगाने के लिए इन खातों की एक फोरेंसिक ऑडिटिंग की जाएगी।”

पुलिस की एक टीम पहले ही रिपब्लिक टीवी के बैंक खातों की यह देखने के लिए जांच क रही है कि क्या टीआरपी घोटाले से संबंधित किसी भी तरह का लेन-देन उसके जरिये हुआ है।

मुंबई पुलिस ने इस मामले में ईओडब्ल्यू को भी लगा दिया है जिससे खातों की बेहतर तरीके जांच हो सके। इसके साथ ही उससे कह गया है कि मनी लांडरिंग के संभावित लेन-देन की भी वह छानबीन करे। पुलिस का कहना है कि उसने बीएआरसी से कहा है कि वह मलाड इलाके में टीआरपी से संबंधित किसी भी असामान्य गतिविधि की जांच कर उसके बारे में उसे बताए। जहां तक उन पांच घरों की बात है तो उसमें किसी ने भी पूछताछ में ‘इंडिया टुडे’ का नाम नहीं लिया है।

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