नई दिल्ली। इंडिया ब्लॉक के नेताओं की कल वर्चुअल बैठक होगी। इसमें चौदह दलों के नेता भाग लेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन का संयोजक नियुक्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि जेडीयू लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक के तौर पर नियुक्त करने के लिए दबाव बना रहा है।
जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष या फिर चेयरपर्सन नियुक्त किया जाना चाहिए जबकि नीतीश कुमार को संयोजक। इस तरह से प्रधानमंत्री के चेहरे की गैरमौजूदगी में उत्तर और दक्षिण का जोड़ एक सकारात्मक संदेश देगा।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस गठबंधन का अध्यक्ष नहीं बनना चाहती है क्योंकि कुछ क्षेत्रीय पार्टियां इसको लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। लेकिन उसका कहना है कि अगर आम सहमति बनती है तो कुमार के संयोजक बनने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि इस बीच पिछले दो सप्ताह के भीतर उनके लोगों ने गठबंधन के घटक दलों से नीतीश का समर्थन करने के लिए मुलाकात की है। पार्टी कांग्रेस द्वारा इस पर ज्यादा उत्साह न दिखाए जाने से भी परेशान है। खड़गे के इस बयान कि गठबंधन 10-15 दिन में बैठकर इस पर फैसला ले लेगा पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने 7 जनवरी को कहा था कि कांग्रेस को थोड़ी जल्दी दिखानी चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में 14 दलों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे जो ब्लॉक के कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य हैं। बैठक में कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना (यूटीबी), आप, आरजेडी, टीएमसी, सीपीआई, जेएमएम, एनसी, पीडीपी, जेडीयू, सपा और सीपीएम के मुखियाओं के रहने की उम्मीद है।
यह बैठक उस समय हो रही है जब टीएमसी ने कांग्रेस के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बैठने से इंकार कर दिया है। उसने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीट से ज्यादा नहीं देने जा रही है। और बहुत हुआ तो यह संख्या तीन हो सकती है। टीएमसी के इस प्रस्ताव को कांग्रेस की स्थानीय इकाई पहले ही ठुकरा चुकी है।
इंडिया ब्लॉक के कुछ नेताओं का कहना है कि टीएमसी कुमार के संयोजक नियुक्त किए जाने को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। यह देखने की बात होगी कि कल की बैठक में ममता बनर्जी मौजूद भी रहेंगी या नहीं। या फिर वह अपना कोई दूसरा प्रतिनिधि भेज देंगी। इस मौके पर नेता आठ-नौ राज्यों की राजधानियों में होने वाली रैली को लेकर भी फैसला ले सकते हैं। इसके साथ ही अभी तक के सीट बंटवारे के क्षेत्र में होने वाले विकास के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं।