आईएसआईएस-के ने ली काबुल सीरियल धमाके की जिम्मेदारी, अब तक 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 72 की मौत

काबुल स्थित हामिद करजई एयरपोर्ट पर सीरियल बम ब्लास्ट हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली है। उसने अपने टेलीग्राम एकाउंट में इस बात की जानकारी दी है। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों ससमेत 72 लोगों की मौत हो गयी है।

भारत सरकार की ओर से काबुल सीरियल बम ब्लास्ट की निंदा की गयी है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा  है कि “भारत काबुल में हुए बम धमाकों की कड़ी निंदा करता है। हम इस आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। ये हमला आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने वालों के ख़िलाफ़ दुनिया को एकजुट होकर खड़े होने की ज़रूरत को मजबूत कर रहा है।”

साइट मॉनिटरिंग के अनुसार, काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों की जिम्मेवारी आतंकी संगठन आईएसआईएस-के ( ISIS-K) ने ली है। आतंकी संगठन ने टेलीग्राम अकाउंट के जरिए यह जानकारी दी है। 

वहीं तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा है कि काबुल हवाई अड्डे पर धमाका अमेरिका नियंत्रित गोला बारूद को नष्ट करने के लिए किया गया।

तालिबान ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए बम विस्फोट के लिए विदेशी सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराया है।

तालिबान के एक अधिकारी ने कहा है कि काबुल हवाई अड्डे पर आतंकियों ने हमला किया था। तालिबान ने कहा कि इस हमले की पूरी दुनिया द्वारा निंदा की जानी चाहिए। तुर्की के एक न्यूज चैनल से बात करते हुए तालिबान सदस्य अब्दुल कहर बल्खी ने कहा कि विदेशी ताक़तों की मौजूदगी के कारण ऐसे हमले होते हैं। जैसे ही हवाई अड्डे पर विस्फोट हुआ विदेशी फोर्स वहां से चली गई। अब हमारे पास ऐसे हमले नहीं होंगे।  

वहीं अमेरिका के एक सैन्य अधिकारी ने कहा है कि निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि’ काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ है। इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किये हैं। सैन्य अधिकारी ने काबुल में ऐसे और आत्मघाती हमले होने की आशंका जताई है। 

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और अशरफ़ ग़नी के देश छोड़ने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरूल्लाह सालेह ने तालिबान और आईएसआईएसआई के संबंधों पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तालिबान आईएसआईएस (ISIS) के साथ अपने संबंधों से इनकार कर रहा है, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे पाकिस्तान आतंकी संगठन क्वेटा को लेकर दावा करता है। हमारे पास मौजूद हर सबूत बताता है कि ISIS-K की जड़ों में तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क हैं, जो कि काबुल में काफ़ी सक्रिय है। तालिबान अपने मास्टर से अच्छी तरह सीख गया है। 

व्हाइट हाउस से एक इमोशनल बयान में, यूएस राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि – “हम अपना निकासी अभियान जारी रखेंगे। हम इन हमलावरों को माफ़ नहीं करेंगे न ही इन्हें भूलेंगे। हम इनकी खोज करेंगे और इन्हें इस अंजाम का भुगतान करना पड़ेगा।” 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हमले को बर्बर करार देते हुए कहा है कि-” निकासी अभियान तेजी से जारी रखने की ज़रूरत है।”

वहीं आयरलैंड के डबलिन में अपने दौरे के दौरान एक प्रेसवार्ता में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि कुछ घंटे पहले हुए धमाकों के कारण काबुल हवाईअड्डे के पास हालात गंभीर रूप से बिगड़े हैं। 

 मैक्रों ने कहा कि -” हम एक अत्यंत तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों के साथ समन्वय करना चाहिए। हवाई अड्डे पर हालात अनुकूल रहने तक फ्रांस अपने नागरिकों, अन्य सहयोगी देशों के लोगों और अफगानों को निकालना जारी रखेगा।” 

 वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हवाईअड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। 

बता दें कि गुरुवार 26 अगस्त को काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक के बाद एक 7 बम विस्फोट हुए। पहला विस्फोट बैरन होटल के पास हुआ। इस बात की पुष्टि तुर्की के रक्षा मंत्रालय और पेंटागन ने की है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सूत्रों के अनुसार, पहला विस्फोट एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था और उसके बाद गोलियां चलाई गईं। काबुल हवाई अड्डे के पास हुए कुल सात बम धमाकों में 12 अमेरिकी नौसैनिकों समेत अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है। मारे गए बाकी 60 लोगों के अफ़ग़ान नागरिक होने का अनुमान है। इसके अलावा एक अस्पताल में अन्य 60 घायलों का इलाज किया जा रहा है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है।

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