इजराइल ने टैंक से ग्राउंड हमला किया, मरने वाले 7000 लोगों में 3 हजार बच्चे

नई दिल्ली। इजराइल ने अब टैंकों से हमला शुरू कर दिया है। गाजा पट्टी इलाके में किए गए इस हमले के बाद माना जा रहा है कि वह अब ग्राउंड से लड़ाई की तरफ बढ़ गया है। इजराइली सेना ने कहा कि पिछली रात अगले चरण की लड़ाई की तैयारी के रूप में इजराइली डिफेंस फोर्सेज ने टैंक का इस्तेमाल करते हुए उत्तरी गाजा पर टारगेटेड तरीके से हमला किया। इस बीच गाजा में मरने वालों की संख्या 7000 के पार चली गयी है। इसमें 2913 बच्चे, 1709 महिलाएं और 397 बुजुर्ग शामिल हैं। वेस्ट बैंक इलाके में 7 अक्तूबर से अब तक 100 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

इस सिलसिले में एक वीडियो सामने आया है जिसमें बख्तरबंद गाड़ियां रेत वाली सीमा के इलाकों से जा रही हैं। एक बुल्डोजर को सीमा के पास के उभरे इलाके को समतल करते हुए देखा जा सकता है। टैंकों को पास के ध्वस्त इलाकों पर शेल को फायर करते देखा जा सकता है। सेना के बयान में कहा गया है कि सैनिकों ने इलाके को चौकस कर दिया और फिर वो इजराइली इलाके में लौट आए।

फिलिस्तीन में ह्यूमैनिटेरियन कोऑर्डिनेटर और यूएन रेजिडेंट लिन हेस्टिंग ने कहा है कि नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए और जिंदा रहने के लिए बुनियादी जरूरतों के ट्रांसपोर्ट की इजाजत दी जानी चाहिए और यह सब कुछ बगैर उनकी लोकेशन के देखकर किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी बंधकों को बगैर शर्त तुरंत रिहा करने की मांग की।

हेस्टिंग ने कहा कि “जब खाली किए जाने वाले रास्तों पर बमबारी की जा रही है, जब उत्तर और दक्षिण के लोग शत्रुतापूर्ण संघर्षों में फंस गए हैं, जब जिंदा रहने के लिए बुनियादी जरूरतें नदारद हैं, और जब लौटने की भी कोई उम्मीद नहीं है, ऐसे में सिवाय असंभाव्य विकल्पों के लोगों के पास कुछ नहीं बचा है।” उन्होंने कहा कि गाजा में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है।

इस बीच जापान ने मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इजराइल से राकेटों के हमलों को कुछ देर के लिए रोकने की गुजारिश की है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह अपील जापान के विदेश मामलों के राज्य मंत्री ने जापान में इजराइल के राजदूत के साथ मुलाकात के दौरान की। मध्यपूर्व में शांति लाने के प्रयासों के तहत जापान सरकार के विदेश मंत्री योको कामिकारा नवंबर के पहले हफ्ते में इजराइल और जॉर्डन की यात्रा कर सकते हैं।

रेड क्रास के मुताबिक गाजा पट्टी के अस्पतालों में अफरातफरी का आलम है। इसके साथ ही ईंधन की सप्लाई खतरनाक स्थित तक नीचे चली गयी है। रेडक्रास के लोगों ने इलाके के दो अस्पतालों अल कुद्स और अल शिफा का दौरा किया है। मिशन का कहना है कि दोनों अस्पतालों में मेडिकल सप्लाई और ईंधन बहुत तेजी से कम हो रहा है। उनका कहना है कि अस्पताल में काम करने वाले बहुत सारे लोग व्यक्तिगत तौर पर प्रभावित हुए हैं। वो लोग बहुत दिनों से अपने घरों को नहीं जा सके हैं। वास्तव में बेहद कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। जो किसी के लिए बिल्कुल कल्पना से भी बाहर है।

उन्होंने कहा कि उनके अल कुद्स अस्पताल के दौरे के दौरान वहां आस-पास चारों तरफ भीषण हवाई हमला हो रहा था और पूरा अस्पताल हिल रहा था। अस्पताल घायल बीमार लोगों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान होना चाहिए लेकिन मौजूदा समय में ये ऐसे स्थान बन गए हैं जिसमें मौजूद लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।  

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने देश के विभिन्न धर्मों के नेताओं के साथ एक बैठक में कहा कि दूसरों के अपराध के लिए निर्दोष महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को दंडित किया जाना गलत है। उन्होंने कहा कि आज हमारा मुख्य काम खूनखराबे और हिंसा को रोकना है। वरना यह युद्ध और फैल जाएगा जिसका खामियाजा बेहद खतरनाक होगा। और यह केवल मध्य पूर्व तक ही नहीं बल्कि यह मध्य पूर्व की सीमा से बाहर भी जा सकता है।

इंग्लैंड ने इजराइल-गाजा संबंधी अपनी रणनीति पर विचार करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है। इसे सरकार की कोबरा इमरजेंसी रेस्पांस कमेटी की बैठक बताया जा रहा है। इस बैठक में इजराइल-हमास झगड़े को लेकर अपनी रणनीति और रवैये पर विचार-विमर्श करने की योजना है।

जॉर्डन की रानी रानिया ने पश्चिमी नेताओं पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। वह कुवैत में फिलिस्तीनी माता-पिता से जन्मी हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों के युद्धविराम के प्रस्ताव का विरोध करने की जबर्दस्त आलोचना की है। उन्होंने कहा कि उनकी चुप्पी उनके इजराइली हमले में साझीदार होने की तरफ इशारा करती है।

उन्होंने सीएनएन को बताया कि जब 7 अक्तूबर की घटना हुई तो दुनिया तुरंत और बगैर किसी हिचकिचाहट के अपनी रक्षा के अधिकार के तर्क के साथ इजराइल के साथ खड़ी हो गयी और हमले का निंदा किया।  

ऑक्सफैम ने कहा है कि भूख को युद्ध के हथियार के तौर पर इजराइल इस्तेमाल कर रहा है। 

फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मालिकी ने कहा है कि इस समय जो युद्ध इजराइल ने छेड़ा है वह बिल्कुल अलग है। इस बार यह….बदले का युद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता को तत्काल गाजा में पहुंचाने के लिए इजराइल को युद्धविराम पर सहमत होना चाहिए।

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा है कि गाजा में विस्तार युद्ध नहीं बल्कि नरसंहार है। जो हजारों बच्चों की मौत का कारण बना। उन्होंने कहा कि इस समय मध्य-पूर्व में जो हो रहा है वह बहुत गंभीर है। यहां इस पर बहस की जरूरत नहीं है कि कौन सही है और कौन गलत। समस्या यह है कि यह युद्ध नहीं है। यह एक नरसंहार है जिसने 2000 बच्चों की जान ले ली।

Janchowk
Published by
Janchowk