वडगाम: कोरोना लहर से निपटने की तैयारी के क्रम में निर्दलीय विधायक मेवानी ने स्थापित किया ऑक्सीजन प्लांट

वडगाम। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए वडगाम विधायक जिग्नेश मेवानी ने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए विधायकी फंड से अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वाला ऑक्सीजन प्लांट लगाया है। यह प्लांट प्रतिदिन 800 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडरों को  भरने में सक्षम होगा। प्लांट को छापी गांव के पब्लिक हेल्थ सेंटर में इंस्टॉल किया गया है। प्लांट का उद्घाटन विधायक जिग्नेश मेवानी के हाथों किया गया।

प्लांट एक दिन में 8 क्यूबिक मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक मौतें ऑक्सीजन की कमी से ही हुई थी। दूसरी लहर ने शहर है नहीं गांव को भी अपनी चपेट में ले लिया था।

कोरोना की दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए जिग्नेश ने किसी भी कीमत पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया था। विधायकी फंड का उपयोग स्वास्थ्य के लिए न उपयोग कर पाने के प्रावधान के कारण मेवानी ने एक एक संगठन “पीपुल्स चैरिटेबल ट्रस्ट” की मदद से प्लांट लगाने का बीड़ा उठाया। लेकिन सरकार ने संगठन के बैंक खाते को ही फ्रीज कर दिया। निर्दलीय विधायक ने सरकार के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया था। 36 लाख रुपए एकत्र हुए थे जो अब भी फ्रीज है।

अप्रैल 2021 में मेवानी ने एडवोकेट आनंद याग्निक के माध्यम से गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अदालत को बताया था। Covid के चलते इस महामारी में ऑक्सीजन की कमी है। इसलिए मैंने राज्य सचिव से विधायक फंड से ऑक्सीजन कॉसेंट्रेटर तथा अन्य मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने की अनुमति मांगी थी। जिसकी अनुमति सचिव द्वारा नहीं दी गई। कोर्ट इस मामले में सरकार को निर्देश दे। इस याचिका के बाद कांग्रेस के सभी 65 विधायकों ने भी कोर्ट से यही मांग की थी। जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए सरकार को निर्देश दिए कि विधायकों को स्वस्थ के लिए फंड उपयोग करने दिया जाए। विधायक अनुदान से एक करोड़ रुपये की लागत से एक ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल किया गया है।

उद्घाटन के मौके पर जिग्नेश मेवानी ने कहा, “आज इस प्लांट का उद्घाटन इस आशा के साथ किया जा रहा है कि देश अब कोरॉना की तीसरी लहर नहीं देखेगा न ही देश का कोई नागरिक ऑक्सीजन की कमी से जान नहीं गंवाएगा। यदि ऐसी त्रासदी हुई तो यह ऑक्सीजन प्लांट पूरे ज़िले के लिए खुला रहेगा।”

मेवानी ने आगे कहा, “गंगा में तैरती लाशों के देखने के बाद सरकार को चाहिए था कि भविष्य की त करे परन्तु सरकार देश की संसद में ही झूठ बोल गई कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मृत्यु नहीं हुई।”

मेवानी ने ज़िले की स्वास्थ व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए कहा, “बनास कांठा ज़िले की आबादी 30 लाख है। इस 30 लाख वाले ज़िले के किसी भी CHC और PHC में एक भी एमआरआई मशीन, CT स्कैन मशीन भी नहीं है।”

कांग्रेस नेता दिनेश गढ़वी ने कहा, ” महामारी कानून के अनुसार सभी मृतक परिवार को 4-4 लाख रुपए मिलने चाहिए जो सरकार नहीं दे रही है। पीड़ित परिवार को मिलना चाहिए”।

एडवोकेट आनंद याग्निक ने कहा, “निर्दलीय विधायक के प्रयत्न से हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए ताकि विधायक ऐसी महामारी के समय अपने विधायक फंड से मेडिकल इक्विपमेंट खरीद सकें। प्रयत्न के परिणाम स्वरूप आज वड गाम में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है।”

(वडगाम से एक्टिविस्ट और जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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