अहमदाबाद। गुजरात में जूनियर क्लर्क की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया है जिसके चलते प्रशासन ने परीक्षा को रद्द कर दी है और मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी गयी है। आपको बता दें कि इस परीक्षा में तकरीबन दस लाख प्रतियोगी हिस्सा ले रहे थे। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में भी लिया है। प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। और कई जगहों पर उन्होंने सड़कों को जाम किया है।
आज रविवार को 11 से 12 बजे के बीच जूनियर क्लर्क की भर्ती परीक्षा होनी थी। 1181 वेकेंसी के लिए 9 लाख 53 हजार 753 छात्रों ने आवेदन किया था। परीक्षा के लिए 2995 केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों पर निगरानी के लिए 3100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। परीक्षा की कॉपी को सुरक्षित रखने के लिए 4 स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए थे। परीक्षा की सामग्री ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगे थे।
गुजरात पंचायत भर्ती बोर्ड ने परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन सुबह 8 बजे से सभी परीक्षा केंद्रों के आस-पास धारा 144 लगा दी गई। ताकि छात्रों को परीक्षा केंद्र पर जाने से रोका जा सके। धारा 144 लगाने के पीछे मुख्य वजह यह है कि जूनियर क्लर्क भर्ती परीक्षा का पेपर एक बार फिर लीक हो गया। पुलिस ने पहले एक युवक को भर्ती पेपर के साथ गिरफ्तार किया। उसके बाद अन्य 14 लोगों की गिरफ्तारी की गयी। एटीएस के अनुसार अब तक 15 गिरफ्तारियां हुई हैं।
पुलिस प्रदीप नायक को मुख्य षड्यंत्रकारी मान रही है। प्रदीप के अलावा केतन बारोट और शेखर नाम के व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है। ये दोनों पहले भी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस और प्रशासन ने पेपर लीक होने की जांच शुरू कर दी है। सरकारी बसों से छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन पेपर लीक हो जाने के बाद पुलिस बीच रास्ते में बसों को रुकवाकर छात्रों को घर लौटने को कह रही थी। कानून व्यवस्था बिगड़ने के डर से पुलिस ने 144 लगाकर अभ्यर्थियों को एकत्र नहीं होने दे रही है। यही जूनियर क्लार्क भर्ती की परीक्षा 2018 में होनी थी तब भी पेपर लीक हो जाने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी।
पेपर लीक पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि ” पेपर लीक हो जाने के कारण भर्ती परीक्षा को रद्द करना पड़ा। इसमें छात्रों और उनके परिवार की क्या गलती है। उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि इस सरकार पर भरोसा कर वोट दिया और बड़ी जीत दी। परीक्षा पर चर्चा करने वाली सरकार परीक्षार्थियों के भविष्य फूट जाने पर चुप क्यों है।”
पेपर लीक के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक नौशाद सोलंकी ने कहा “Junior Clerk’s Paper Leak के कारण हजारों छात्रों का नसीब फूट गया। इससे पहले भी भर्ती परीक्षा के पेपर कई बार लीक हुए हैं। लेकिन छात्रों और युवाओं में कभी भी कोई खास प्रतिक्रिया दिखी नहीं। पेपर लीक के खिलाफ कांग्रेस ने दर्जनों आंदोलन किए। आंदोलन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा छात्र या युवा भाग नहीं लेते हैं। जिस कारण भारतीय जनता पार्टी के लोग पेपर लीक करते रहते हैं। और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहता है”।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इशूदान गढ़वी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ” गुजरात में पटाखे के मुकाबले भर्ती पेपर अधिक फूटता है। गुजरात सरकार को शर्म आनी चाहिए। जो बार-बार पेपर लीक होता है। मुख्यमंत्री और मंत्री के बिना सहयोग कोई पेपर लीक नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पेपर लीक में शामिल मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। लेकिन ऐसा होगा नहीं। आम आदमी पार्टी की मांग है। सीएम जिम्मेदारी लें और लीक मामले में शामिल मंत्री को सस्पेंड करें। Junior Clerk’s Paper Leak घटना की जांच सेवानिवृत जज से कराई जाए।
Junior Clerk’s Recruitment Paper Leak का भंडाफोड़ उस समय हुआ जब बड़ौदा के एक सेंटर पर एक व्यक्ति पेपर को बेचने की फिराक में था। जांच में पता चला कि यह पेपर 15 दिन पहले ही लीक हो गया था। गुजरात में भर्ती पेपर लीक का इतिहास रहा है। इशुदान गढ़वी ने सरकार पर आरोप लगाया ” जो पेपर लीक नहीं हुए वह पेपर भी लीक हुए होंगे। लेकिन भंडाफोड़ नहीं हो पाया होगा।
मुख्य तौर पर पिछले 9 वर्षों में निम्नलिखित भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं।