पूर्वांचल में भी होंगी महापंचायत, जुटेंगे कई अहम किसान नेता

बनारस में पूर्वांचल स्तरीय किसान नेताओं ने बैठक कर पूर्वांचल में किसान आंदोलन तेज करने के लिए किसान महापंचायत करने का फैसला लिया है। किसान महापंचायत में राकेश टिकैत सहित कई किसान नेता जुटेंगे।

किसान आंदोलन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए लोकतांत्रिक संगठनों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं से संवाद करने की जरूरत है। उक्त बातें आज पूर्वांचल स्तरीय किसान नेताओं की वाराणसी में सर्व धर्म सम्भाव राजघाट हाल में आयोजित बैठक में लिया गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिले से आए विभिन्न संगठन के किसान नेताओं ने कहा कि आज के दौर में सैद्धांतिक बहसों में उलझने के बजाय कार्यक्रमगत एकता की जरूरत है।

वामपंथी, अंबेडकरवादी, समाजवादी व गांधीवादियों की बड़ी एकता की जरूरत है। वहीं आम किसानों से संवाद करने तीनों काले किसान विरोधी कानून को बताने की जरूरत हैं, और जमीनी स्तर पर किसानों के बीच काम कर रहे लोगों को भी एकजुट करना होगा।

पूर्वांचल के विभिन्न जिले से आए विभिन्न किसान संगठन के किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन व्यापक स्वरूप के लोकतांत्रिक आंदोलन के बतौर विकसित हो रहा है। इस आंदोलन में देश की राजनीति को बदल देने की क्षमता है। यह किसान आंदोलन केन्द्र सरकार की कॉरपोरेटपरस्त नीतियों से टकरा रहा है। किसान आंदोलन अन्य तबकों के लोकतांत्रिक मांगों पर आंदोलन को आवेग प्रदान कर रहा है, सभी को प्रेरित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन भाजपा की तानाशाही शासन का चक्का रोक रहा है। सांप्रदायिक विभाजन को तोड़ रहा है। इस आंदोलन को तमाम तबकों-उत्पीड़ित समूहों का समर्थन मिल रहा है। किसान आंदोलन भी तमाम आंदोलनों से रिश्ता बना रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पर विधानसभा से तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने व सरकारी खरीद की गारंटी करने की मांगों पर आंदोलनात्मक दबाव बनाने के लिए आगे बढ़ना होगा। इन मांगों पर पूर्वांचल में किसान आंदोलन को खड़ा करने की चुनौती कुबूल की जानी चाहिए।

बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा पूर्वी उत्तरप्रदेश का गठन, प्रत्येक जिले में संयुक्त किसान मोर्चा का सम्मेलन, किसान पंचायतें आयोजित किए जाने, आगामी पंचायत चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा पूर्वी उत्तर प्रदेश ऐसे प्रत्याशियों को वोट न देने की अपील करेगा, जो किसान विरोधी कानूनों के पक्षधर हैं। बैठक में किसान आंदोलन में शहीद किसानों को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।

बैठक में विभिन्न संगठन व वरिष्ठ किसान  आंदोलन के नेताओं में विजय नारायण सिंह, सुनिल सहश्रबुद्धे राम धीरज, रामजन्म, महेश विक्रम सिंह, रामजी सिंह, अजय राय, बलवंत यादव, संजीव सिंह, कृष्णा जायसवाल, मुनीजा, मनीष शर्मा, अशोक सिंह, मिथलेश, श्रवण कुमार कुशवाहा, श्यामलाल सिंह, देवी शंकर सिंह, शिवदास, चित्रा जी, राजेन्द्र चौधरी, राकेश मौर्या, बाबूराम मानव, हिमांशु तिवारी सहित कई किसान नेताओं ने विचार व्यक्त किए। बैठक का संचालन समाजवादी जन परिषद के वरिष्ठ नेता अफलातून देसाई व स्वराज अभियान के नेता रामजन्म जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जागृति राही ने किया।

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