नई दिल्ली। शाहजहांपुर के लॉ कालेज से लापता छात्रा के मामले की सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। यह मामला जस्टिस आर बानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच में सूचीबद्ध हुआ है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ वरिष्ठ वकीलों ने कोर्ट से इस मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था। जिसके बाद कोर्ट ने इस पर सुनवाई का फैसला किया।
इस बीच, 23 वर्षीय लॉ की छात्रा के गायब होने के संदर्भ में स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वह 5 अगस्त से ही लापता है।
इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट कई नये तथ्यों की तरफ इशारा करती है। बताया जाता है कि छात्रा के बैच में कुल 20 लड़कियां थीं। उनका कहना है कि उसने इस संदर्भ में उनसे कभी बात नहीं की। और न ही उनके सामने इस मुद्दे को कभी उठाया। इस बीच छात्रावास का वह कमरा जिसमें छात्रा रहती थी, सील कर दिया गया है। खास बात यह है कि 14 कमरों में केवल तीन में ही छात्राएं रहती थीं। इस घटना के बाद बाकी ने भी छात्रावास छोड़ दिया। यह जानकारी कालेज प्रशासन ने दी है।
कॉलेज के प्रिंसिपल ने एक्सप्रेस को बताया कि उनके पास छात्रावास में हाजिरी का कोई रिकार्ड नहीं है। इसके साथ ही उनका कहना था कि “हमारे पास एक शिकायत पेटिका है जिसमें कोई भी अज्ञात शख्स उसमें अपनी शिकायत (उत्पीड़न संबंधी) डाल सकता है। लेकिन इस तरह की कोई शिकायत मेरे पास नहीं आयी। जब हमने अपने रिकार्ड को चेक किया तो पाया कि वह छात्रा 5 अगस्त से गैरहाजिर है।”
कालेज छात्रा के घर से महज 3 किमी दूर है। उसके पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने छात्रावास में इसलिए रहना पसंद किया क्योंकि उसने कालेज की ई-लाइब्रेरी में सहायक की नौकरी कर ली थी। जिस काम को वह अपनी कक्षा के बाद करती थी। इसके साथ ही वह कोचिंग भी पढ़ाती थी।
इसके एवज में छात्रा को कॉलेज प्रशासन की तरफ से 5000 रुपये मानदेय के तौर पर दिए जाते थे। कालेज प्रशासन का कहना है कि उसने अपने आर्थिक संकट का हवाला दिया तो प्रशासन ने उसे नौकरी पर रख लिया था।
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महिला का परिवार बिल्कुल अवाक है और उसकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। छात्रा की मां ने रोते-रोते बताया कि “जब उसने 24 अगस्त को किसी दूसरे के मोबाइल से फोन किया तो वह बिल्कुल डरी लग रही थी और मुझे कुछ बताना चाहती थी। लेकिन मैंने उसे तुरंत डांटना शुरू कर दिया क्योंकि उसका फोन पिछले कुछ दिनों से स्विच्ड ऑफ था और हम लोग बेहद चिंतित थे….मुझे अब लगता है कि मुझे उसकी बात को सुनना चाहिए था। वह कुछ संकेत देना चाह रही थी लेकिन अपने क्रोध में मैंने उसे नहीं सुना।” छात्रा की मां जब यह सब कुछ बता रही थीं तो लगातार उनके गालों पर आंसू गिर रहे थे।
दिल के मरीज छात्रा के पिता का कहना है कि पिछले पांच दिनों से उन्होंने स्नान तक नहीं किया है सिर्फ इस खयाल से कि कहीं कोई बुरी खबर न आ जाए। उन्होंने कहा कि “शहर में स्वामी जी द्वारा कई प्रतिष्ठित कालेज चलाए जाते हैं इसलिए मैंने भी अपनी बेटी और छोटे बेटे को वहां एडमिशन दिला दिया था।” उन्होंने पूरी मजबूती से कालेज प्रशासन के 5 अगस्त से गायब होने के दावे को खारिज किया।
उन्होंने कहा कि “यह ठीक नहीं है…उसका फोन स्विच्ड ऑफ हो गया था और हम लोगों ने सोचा कि वह छात्रावास में होगी। मैं उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। वीडियो के वायरल होने के पहले तक हम लोगों को उसके उत्पीड़न की कोई जानकारी नहीं थी। ऐसा हो सकता है कि बताने के लिए उसने फोन किया हो लेकिन हमने उसकी नहीं सुनी”।
उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने स्वामी जी से बात की है। उन्होंने उसे बताया कि मंगलवार को जब वह लौटेंगे तो छात्रा की खोजबीन करेंगे।
उन्होंने बताया कि “शिकायती आवेदन से स्वामी जी का नाम हटाने को लेकर मेरे ऊपर बहुत दबाव था लेकिन मैंने बार-बार अपनी बेटी का वीडियो सुना और मैं उसे किसी दूसरे संत से नहीं जोड़ सका जो कालेज से संबंधित हो। इसलिए तमाम दबावों के बावजूद मैंने उनका नाम नहीं हटाने का फैसला किया”।
छात्रा के भाई ने कहा कि “दीदी को कुछ कर दिया तो रोते ही रहेंगे।” साथ ही उसने कहा कि वह 3 बजे रात को सोया। उसके पहले वह पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर अपनी बहन की तलाशी में उनका सहयोग कर रहा था।