नाबालिग श्रमिक को पेड़ से उल्टा लटकाया, नाक-कान और मुंह से खून निकलने तक ‘पंच’ करता रहा पिटाई

यह ‘आप’ का पंजाब है! पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पंजाब की हर सभा-रैली और प्रेस कॉन्फ्रेंस के नाम पर होने वाली पत्रकारों से कथित मिलनी के दौरान एक दावा जरूर करते हैं कि इस सूबे से दबंगई और गुंडई पूरी तरह खत्म कर दी गई है। लेकिन सच देखने के लिए जो आंखें होती हैं; उन्हें इन दोनों दिग्गजों के लिए कहां से लाईं जाएं?

पंजाब में भी बाकायदा एक गोदी मीडिया है जो ‘आप’ के इशारे पर ही चलता-लिखता है। मान और केजरीवाल उसी पर भरोसा करते हैं, इसीलिए जमीनी सच्चाई उनसे कोसों दूर है। यह भगवंत मान की अगुवाई वाला और ‘आप’ का पंजाब है कि एक नाबालिग प्रवासी श्रमिक को पहले बुरी तरह पीटा जाता है। फिर पेड़ से उल्टा लटकाया जाता है। यह बर्बरता चंद रुपयों के लिए होती है, जिसमें पुरबिया प्रवासी श्रमिक की कोई बेईमानी नहीं होती। पंच, पंचायत का हिस्सा होता है और उसे कभी में ‘परमेश्वर’ कहा जाता था। बिहार के मजदूर मिथिलेश पर अत्याचार करने का मुख्य आरोपी पंच है।

पंजाब में लाखों की तादाद में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और ओडिशा से श्रमिक रोजी-रोटी के लिए आते हैं। इनमें तकरीबन बीस फीसदी नाबालिग होते हैं। यहीं रहते-रहते वे नाबालिग से बालिग बन जाते हैं। पूरब से सपरिवार आए लोगों की नाबालिग लड़कियां भी मजदूरी करती हैं। वह घरों में काम करती हैं तो नाबालिग लड़के खेतों वगैरह में अपना खून-पसीना बहाते हैं। वे सब असंगठित होते हैं और अपने अधिकारों की जानकारी से पूरी तरह महरूम। वामपंथी पार्टियां और संगठन जरूर उनकी सुध लेते हैं और उन्हें संगठित व्यवस्था में लाने के लिए अपने साथ जोड़ने की कवायद करते हैं।

खैर, बिहार के पूर्णिया का नाबालिग श्रमिक मिथिलेश जालंधर से सटे फिल्लौर के गांव छोटी पाल नौ के पंच मनवीर सिंह के खेतों में काम करता था। आरोप है कि पंच मनवीर ने मिथिलेश को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया और उसके दोनों पैरों को रस्सी से बांधकर पेड़ से उल्टा लटका दिया। इसके बाद उसने बिहार में रहते मिथिलेश के घरवालों को वीडियो कॉल की और मिथिलेश पर की जा रही अमानवीय बर्बरता लाइव दिखाई। मनवीर ने साफ शब्दों में कहा कि वे किसी भी तरह उसके बैंक खाते में 35 हजार रुपए ट्रांसफर कर दें, अन्यथा मिथिलेश को तड़पा-तड़पा कर मार दिया जाएगा।

सारा मंजर देखने के बाद मिथिलेश के परिजनों ने जैसे-तैसे पैसों का इंतजाम किया और मनवीर के एकाउंट में डाल दिए। जब तक रकम पंच के खाते में ट्रांसफर नहीं हुई तब तक मिथिलेश कई घंटे तक उल्टा लटका रहा और उसकी पिटाई मनवीर के गुर्गे करते रहे। थर्ड डिग्री के टॉर्चर से भी ज्यादा इस यातना को मिथिलेश सहन नहीं कर पाया। बार-बार वह बेहोश होता और उसके मुंह पर पानी मारकर उसे होश में लाया जाता। अंत में उसके मुंह और नाक से खून बहने लगा और उसकी हालत बेइंतहा बिगड़ गई तो मनवीर ने उसे उतारकर किसी अज्ञात जगह पर छिपा दिया। यह वारदात चार दिन पुरानी है और न जाने किस तरह इसका वीडियो वायरल हो गया।

बताया जाता है कि वहां मनवीर के साथियों सहित कुछ और लोग भी तमाशबीन की भूमिका में थे और उन्होंने वीडियो बनाया। इन्हीं में से किसी ने इसे वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद फिल्लौर थाना के प्रभारी हरजिंदर सिंह ने तत्काल केस दर्ज कर ‘दबंग’ कहलाने वाले मनवीर को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथी फरार हो गए। एसएचओ हरजिंदर सिंह के मुताबिक उनकी धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है।

मिथिलेश अभी बयान देने की हालत में नहीं है। दरअसल, पूर्णिया में मिथिलेश के अभिभावक किसी बहुत बड़े आर्थिक संकट में थे और उन्हें पैसे भेजने के लिए मनवीर से 35 हजार रुपए एडवांस लिए थे। उन पैसों को लेकर वह अपने रिश्तेदार के पास गया, जिसे अगले दिन पूर्णिया के लिए निकलना था। मनवीर को लगा कि रेलगाड़ियां तो बाढ़ के चलते ठप हैं और मिथिलेश ने उससे ठगी की है और अब वह कहीं और भाग गया है। मनवीर ने अपने साथियों के साथ मिथिलेश को ढूंढ लिया। उसके मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज नहीं थी। शायद इसीलिए उसका संपर्क मनवीर से नहीं हो पाया होगा लेकिन शक के आधार और महज 35 हजार के लिए इतनी बड़ी सजा?

मिथिलेश को मारपीट करके पेड़ से उल्टा लटकाता पंच मनवीर

कुछ घंटे पंच मनवीर का मिथिलेश से संपर्क नहीं हो पाया तो उसने उसका फोटो व्हाट्सएप ग्रुपों पर वायरल कर दिया। कहीं से उसे जानकारी मिली कि मिथिलेश गांव के पास ही कहीं बैठा है। इसके बाद मनवीर ने उसका अपहरण कर लिया। उसके बाद बर्बरता की तमाम हदें पार कर दी गईं।

मिथिलेश के साथ हुए अत्याचार का वीडियो जब वायरल हुआ तो गांव के एक समाज सेवक अमरीक सिंह ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग के पास की। वहां से थाना फिल्लौर को सूचना और हिदायत दी गई। एसएचओ हरजिंदर सिंह का कहना है कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पूरा वाकया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव की जानकारी में भी है। गृह सचिव भी मानवाधिकार आयोग की सूचना के बाद पूरे प्रकरण पर निगाह रखे हुए हैं।

गुंडई की चरम सीमा की बेशर्मी देखिए कि मिथिलेश के घर वालों ने बिहार से जो 35 हजार रुपए अपने नाबालिग बेटे को बचाने के लिए मनवीर को दिए, उनमें से आधे से ज्यादा पैसों की शराब पंच ने अपने साथ शामिल साथियों के साथ पी। यानी बाकायदा ‘जश्न’ मनाया। पैसे ट्रांसफर होने के बाद भी मिथिलेश तकरीबन चार से पांच घंटे पेड़ से उल्टा लटका रहा। उसके कान, आंखों और नाक से बेतहाशा खून बह रहा था लेकिन राक्षसी प्रवृत्ति के आरोपियों को उस पर रत्ती भर भी रहम नहीं आया। उसे तब छोड़ा गया जब लगा कि वह दम तोड़ देगा। उसकी वीभत्स तस्वीरें सभ्य पत्रकारिता में दिखाने लायक नहीं हैं।

सिविल अस्पताल में मिथिलेश का मेडिकल करवाने के बाद उसे लुधियाना के एक बड़े अस्पताल में भेज दिया गया है। मीडिया को इस जानकारी से दूर रखा गया है। पीड़ित मिथिलेश के घरवाले बिहार से चल पड़े हैं लेकिन बाढ़ के चलते रेलगाड़ियों की आवाजाही बाधित है। फिर भी वे किसी तरह पंजाब आ रहे हैं। बताया यह भी जाता है कि मिथिलेश प्रकरण की बाबत बिहार के कुछ मानवाधिकार संगठनों ने मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया है ताकि वह इस सिलसिले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बातचीत करके मिथिलेश के लिए इंसाफ और मुआवजे की मांग कर सकें। दीगर है कि विपक्षी एकता की ताकत में जुटे न नीतीश कुमार को फुरसत है और न भगवंत मान को।

अलबत्ता पंजाब की कुछ मजदूर-किसान जत्थेबंदियां मिथिलेश के हक में और उसे पूरा इंसाफ दिलाने के लिए धरना-प्रदर्शन और रोष मार्च निकाल रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (उग्रहा) ने मांग की है कि मिथिलेश को थर्ड डिग्री से भी भयंकर टॉर्चर करने के जुर्म में पंच मनवीर और उसके साथियों पर इरादतन कत्ल का मामला दर्ज किया जाए तथा बिहार से जो 35 हजार रुपए आरोपियों के खाते में डाले गए, उनकी वसूली करके पीड़ित श्रमिक के परिवार को सौंपे जाएं।

खेत-मजदूर यूनियन के नेता परमजीत सिंह रंधावा का कहना है कि यह मगरूर जमींदारों द्वारा एक मजलूम नाबालिग श्रमिक की हत्या की कोशिश का गंभीर मामला है। राम लुभाया सरपंच का कहना है कि मनवीर को सबक न मिला तो आने वाले दिनों में पंजाब में न जाने कितने ऐसे गुंडे-दबंग पैदा हो जाएंगे। किसान नेता मास्टर हंसराज के अनुसार मनवीर और उसके साथियों को किसी भी कीमत पर जमानत नहीं मिलनी चाहिए। कॉमरेड अमृतपाल नंगल कहते हैं कि इस केस की पैरवी मजदूर जत्थेबंदी करेगी और मिथिलेश के अभिभावक जब भी इस बाबत बिहार से पंजाब आएंगे तो सारा खर्च यूनियन देगी।
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तो यह है आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के सपनों का और मुख्यमंत्री भगवंत मान के राजकाज वाला पंजाब! जहां प्रतिदिन न जाने कितने मिथिलेश जुल्मत का शिकार होते हैं और उनकी खबर हाशिए पर भी नहीं होती! सरकार नाबालिग मिथिलेश के आरोपियों के खिलाफ कितने सख्त कदम उठाती है और पीड़ित को कितना मुआवजा देती है; यही रुख बता देगा कि सरकार किस ओर खड़ी है। ‘आम’ या ‘खास’ की ओर!

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)

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